Class 9th Science Chapter 10. गुरुत्वाकर्षण

Class 9th Science Chapter 10. गुरुत्वाकर्षण

NCERT Solutions For Science Class 9th Chapter 10. गुरुत्वाकर्षण – नौवीं कक्षा के लिए हर साल लाखों विद्यार्थी परीक्षा देते है .जिसमे से बहुत से विद्यार्थी अच्छे अंक प्राप्त नही कर पाते ,जिसमे अधिकतर विद्यार्थी Science के होते है .बहुत से विध्यार्थियों को Science अच्छे से समज में नही आती ,जिससे वह Science में अच्छे अंक प्राप्त नही कर पाते .इसलिए आज हमने इस पोस्ट में एनसीईआरटी कक्षा 9th विज्ञान अध्याय 10 (गुरुत्वाकर्षण) के लिए सलूशन दिया गया है, जोकि एक आसन भाषा में है .हमारी वेबसाइट पर 9th क्लास के सभी अध्याय के सलूशन दिए है .इन सलूशन से आप अपनी परीक्षा की तैयारी अच्छे से कर सकते है .

पाठ्य-पुस्तक के प्रश्न (Textual Questions)

प्रश्न 1. गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम बताइए।

उत्तर- इस विश्व का प्रत्येक पिंड दूसरे पिंड को एक बल से अपनी ओर आकृष्ट करता है जो दोनों पिंडों के द्रव्यमानों के गुणनफल के समानुपाती होता है तथा उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।

यह बल दोनों पिंडों को परस्पर मिलाने वाली रेखा की दिशा में लगता है।

Fmg

F = गुरुत्वाकर्षण बल
M = पृथ्वी का द्रव्यमान
M = वस्तु का द्रव्यमान
d = पृथ्वी और वस्तु के बीच की दूरी
G = सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण स्थिरांक

प्रश्न 2. पृथ्वी तथा उसकी सतह पर रखी किसी वस्तु के बीच लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल का परिमाण ज्ञात करने का सूत्र लिखिए।

उत्तर – मान लो पृथ्वी तथा उसकी सतह पर रखी दो पिंडों A और B का द्रव्यमान क्रमशः M तथा m है। वे एक-दूसरे से ‘d दूरी पर स्थित हैं। दोनों के बीच आकर्षण बल F है। गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियमानुसार दोनों पिंडों के बीच लगने वाला बल उनके द्रव्यमानों के गुणनफल के समानुपाती है।

F ∝ M x m …… (1)

दोनों पिंडों के बीच लगने वाला बल उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती है। |

Fcv …… (2)

(1) और (2) से

Vdff

या

CodeCogsEqn

जहां ‘G’ एक आनुपातिक स्थिरांक है और इसे सार्वत्रिक गुरुत्वीय स्थिरांक कहते हैं। वज्र-गुणन करने से

F x D2 = GM x m

इसमें बल, दूरी और द्रव्यमान के मात्रक रखने से G के SI मात्रक होते हैं, जो Nm2/kg-2हैं।

प्रश्न 1. मुक्त पतन से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर- पृथ्वी वस्तुओं को अपनी ओर आकर्षित करती है। जब वस्तुएं पृथ्वी पर गुरुत्वीय बल के कारण गिरती हैं। तब कहा जाता है कि वस्तुएं मुक्त पतन में हैं। गिरती हुई वस्तुओं की दिशा में परिवर्तन नहीं होता पर पृथ्वी के आकर्षण के कारण वेग के परिमाण में परिवर्तन होता है।

प्रश्न 2. गुरुत्वीय त्वरण से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर- जब कोई वस्तु पृथ्वी की ओर गिरती है तब त्वरण कार्य करता है। यह त्वरण पृथ्वी के गुरुत्वीय बल के कारण होता है। इस त्वरण को पृथ्वी के गुरुत्वीय बल के कारण गुरुत्वीय त्वरण कहते हैं। इसे ‘g’ से निर्दिष्ट करते हैं। ‘g’ के मात्रक m s2 हैं।

गति के दूसरे नियम के अनुसार द्रव्यमान तथा त्वरण का गुणनफल है। यदि किसी पत्थर का द्रव्यमान m है और उस पर गुरुत्वीय बल के कारण त्वरण लगता है तो गुरुत्वीय बल का परिमाण F, द्रव्यमान तथा गुरुत्वीय त्वरण के गुणनफल के बराबर होगा,

F = mg

समीकरणों से हमें प्राप्त होता है।

Mgg

या

Mgm

जहां पर M पृथ्वी का द्रव्यमान है तथा d वस्तु तथा पृथ्वी के बीच की दूरी है।

यदि कोई वस्तु पृथ्वी पर या इसकी सतह के पास है तो दूरी 4, पृथ्वी की त्रिज्या R के बराबर होगी। जिस कारण पृथ्वी की सतह पर या इसके समीप रखी वस्तुओं के लिए,

Mr

Grr

प्रश्न 1. किसी वस्तु के द्रव्यमान तथा भार में क्या अंतर है ?

उत्तर

भार (Weight)द्रव्यमान (Mass)
(1) भार वह बल है जिससे वस्तु पृथ्वी के केंद्र की ओर आकर्षित होती है।

(2) भार एक सदिश राशि है।

(3) यह अचर राशि नहीं, अपितु एक स्थान से दूसरे स्थान पर बदलती रहती है।

(4) भार को सिंप्रग तुला से मापा जाता है।

(5) वस्तु का भार पृथ्वी के केंद्र पर शुन्य हो सकता है |(अर्थात् ४ = 0)।

(6) इसे न्यूटन या किलोग्राम में मापा जाता है।

(1) द्रव्यमान वस्तु में विद्यमान पदार्थ की मात्रा है।

(2) द्रव्यमान एक अदिश राशि है।

(3) यह एक अचर राशि है।

(4) द्रव्यमान को दंड तुला से मापा जाता है।

(5) वस्तु का द्रव्यमान कभी भी शून्य नहीं हो सकता।

(6) इसे किलोग्राम भार में मापा जाता है।

प्रश्न 2. किसी वस्तु का चंद्रमा पर भार पृथ्वी पर इसके भार का गुणा क्यों होता है ?

उत्तर- चंद्रमा का द्रव्यमान पृथ्वी की अपेक्षा छः गुणा कम है जिस कारण चंद्रमा वस्तुओं पर छः गुणा कम आकर्षण बल लगाता है इसलिए किसी वस्तु का चंद्रमा पर भार पृथ्वी पर इसके भार का ६ गुणा होता है।

प्रश्न 1. एक पतली तथा मजबूत डोरी से बने पट्टे की सहायता से स्कूल बैग को उठाना कठिन होता है, क्यों ?

उत्तर- यदि स्कूल बैग एक पतली और मज़बूत डोरी से बने पट्टे की सहायता से उठाया जाए तो प्रणोद के कारण यह का अति कठिन होगा, स्कूल बैग हाथ या कंधे पर लंबवत् और अपेक्षाकृत छोटे क्षेत्रफल पर प्रभाव डालेगा जो कष्टकारी होगा

Jal Kil

प्रश्न 2. उत्प्लावकता से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर- जब किसी वस्तु को पानी में डुबोते हैं तो उस पर पानी द्वारा ऊपर की ओर लगाया जाने वाला बल उत्प्लावकता कहलाता है।

प्रश्न 3. पानी की सतह पर रखने पर कोई वस्तु क्यों तैरती या डूबती है ?

उत्तर- (i) यदि पानी की सतह पर रखी गई वस्तु का घनत्व पानी के घनत्व से कम होगा तो वह वस्तु तैरती रहेगी।
(ii) यदि पानी की सतह पर रखी गई वस्तु का घनत्व पानी के घनत्व से अधिक होगा तो वस्तु डूब जाएगी।
(iii) यदि वस्तु का घनत्व पानी के घनत्व के बराबर होगा तो वस्तु बीचो-बीच तैरती रहेगी।

प्रश्न 1. एक तुला (weighing machine) पर आप अपना द्रव्यमान 42 kg नोट करते हैं। क्या आप का द्रव्यमान 42 kg से अधिक है या कम ?

उत्तर- हमारा द्रव्यमान 42 kg से कम होगा क्योंकि इसमें वायु का उत्प्लावन बल भी जुड़ा हुआ है।

W ∞ m

प्रश्न 2. आपके पास एक रुई का बोरा तथा एक लोहे की छड़ है। तुला पर मापने पर दोनों 100 kg द्रव्यमान दर्शाते हैं। वास्तविकता में एक-दूसरे से भारी हैं। क्या आप बता सकते हैं कि कौन-सा भारी है और क्यों ?

उत्तर- रुई के बोरे पर वायु का उत्प्लावन बल उसके अधिक आयतन के कारण लोहे की अपेक्षा अधिक होगा इसलिए वह वास्तव में लोहे से अधिक भारी होगा।

अभ्यास के प्रश्न

प्रश्न 1. यदि दो वस्तुओं के बीच की दूरी को आधा कर दिया जाए तो उनके बीच गुरुत्वाकर्षण किस प्रकार बदलेगा ?

उत्तर – अतः जब दो वस्तुओं के बीच की दूरी को आधा कर दिया जाएगा तो गुरुत्वाकर्षण बल चार गुणा हो जाएगा।

प्रश्न 2. सभी वस्तुओं पर लगने वाला गुरुत्वीय बल उनके द्रव्यमान का समानुपाती होता है। फिर एक भारी वस्तु हल्की वस्तु के मुकाबले तेज़ी से क्यों नहीं गिरती ?

उत्तर- वस्तु के प्रतिरोध के कारण एक भारी वस्तु हल्की वस्तु के मुकाबले तेजी से नीचे नहीं गिरती । हल्की वस्तु पर लगने वाला वायु का प्रतिरोध भारी वस्तु पर लगने वाले प्रतिरोध से अधिक होता है।

प्रश्न 3. पृथ्वी तथा उसकी सतह पर रखी 1kg की वस्तु के बीच गुरुत्वीय बल का परिमाण क्या होगा ? (पृथ्वी का द्रव्यमान 6 × 1024kg है तथा पृथ्वी की त्रिज्या 6.4 × 106m है)|

हल :

m1 = 1 kg
m2 = 6 x 1024 kg
r = 6.4 x 106 m
G = 6.67×10-11Nm2/kg-2

Frn

F323

प्रश्न 4. पृथ्वी तथा चंद्रमा एक-दूसरे को गुरुत्वीय बल से आकर्षित करते हैं। क्या पृथ्वी जिस बल से चंद्रमा को आकर्षित करती है वह बल, उस बल से जिससे चंद्रमा पृथ्वी को आकर्षित करता है बड़ा है या छोटा है या बराबर ? बताइए क्यों ?

उत्तर- पृथ्वी तथा चंद्रमा एक-दूसरे को जिस गुरुत्वीय बल से आकर्षित करते हैं वे बल बराबर हैं। दोनों का गुरुत्वीय बल क्रिया और प्रतिक्रिया बल है।

प्रश्न 5. यदि चंद्रमा पृथ्वी को आकर्षित करता है तो पृथ्वी चंद्रमा की ओर गति क्यों नहीं करती ?

उत्तर- चंद्रमा और पृथ्वी दोनों एक दूसरे को न्यूटन की गति के तीसरे नियम के आधार पर बराबर और विरोधी बल से आकर्षित करते हैं।

Png

चंद्रमा की तुलना में पृथ्वी का द्रव्यमान बहुत अधिक है इसलिए चंद्रमा की ओर पृथ्वी का त्वरण लगभग नगण्य है।

प्रश्न 6. दो वस्तुओं के बीच लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल का क्या होगा, यदि

(i) एक वस्तु के बीच की दूरी दो गुनी अथवा तीन गुनी कर दी जाए।
(ii) दोनों वस्तुओं के द्रव्यमान दोगुने कर दिए जाएं ?

उत्तर- हम जानते हैं कि

Frn

(i) किसी वस्तु का m1 या m2 दो गुना या तीन गुना कर दिया जाए तो F भी दो गुना या तीन गुना हो जाएगा। (ii) जब m1 और m2 को दोगुना कर दिया जाए तो F चार गुणा हो जाएगा।

प्रश्न 7. गुरुत्वाकर्षण के सर्वात्रिक नियम का क्या महत्त्व है ?

उत्तर- गुरुत्वाकर्षण का सर्वात्रिक नियम अनेक ऐसी परिघटनाओं की सफलतापूर्वक व्याख्या करता है जो कभी असंबंधित मानी जाती थीं

(i) इसी बल के कारण हम पृथ्वी पर बंधे रहते हैं।
(ii) पृथ्वी के चारों ओर चंद्र की गति होती है।
(iii) सूर्य के चारों ओर ग्रहों की गति होती है।
(iv) चंद्रमा तथा सूर्य के कारण समुद्रों में ज्वार-भाटा आता है।
(v) कृत्रिम उपग्रहों को पृथ्वी के चारों ओर चक्र लगाने के लिए अभिकेंद्री बल इस के कारण प्राप्त होता है।

प्रश्न 8. मुक्त पतन का त्वरण क्या है ?

उत्तर- मुक्त पतन का त्वरण वही है जो पृथ्वी के गुरुत्वीय बल के कारण त्वरण है। इसे ‘g’ से निर्दिष्ट करते हैं। और इसका मात्रक m s s-2 है।

प्रश्न 9. पृथ्वी तथा किसी वस्तु के बीच गुरुत्वीय बल को हम क्या कहेंगे ?

उत्तर- पृथ्वी तथा किसी वस्तु के बीच गुरुत्वीय बल को गुरुत्वीय त्वरण कहेंगे तथा इसे ‘g’ से निर्दिष्ट करेंगे जिस का मात्रक m s-2 होगा।

प्रश्न 10. एक व्यक्ति A अपने एक मित्र के निर्देश पर धुवों पर कुछ ग्राम सोना खरीदता है। वह इस सोने को विषुवत् वृत्त पर अपने मित्र को देता है। क्या उस का मित्र खरीदे हुए सोने के भार से संतुष्ट होगा ? यदि नहीं, तो क्यों ?

उत्तर- ध्रुवों पर ‘g’ का मान अधिक है और विषुवत् वृत्त पर कम, जिस कारण ध्रुवों पर किसी वस्तु का भार अधिक होगा और विषुवत् वृत्त पर कम। जब एक व्यक्ति A अपने मित्र के निर्देश पर ध्रुवों पर कुछ ग्राम सोना खरीदेगा और विषुवत् वृत्त पर अपने मित्र को देगा तो वह उस सोने के भार से संतुष्ट नहीं होगा क्योंकि वह कम हो

प्रश्न 11. एक कागज़ की शीट, उसी प्रकार की शीट को मरोड़ कर बनाई गई गेंद से धीमी क्यों गिरती है ?

उत्तर- कागज़ की शीट और उसी प्रकार की शीट को मोड़ कर बनाई गई गेंद का द्रव्यमान चाहे समान है पर कागज़ की शीट पर लगने वाला वायु का प्रतिरोध उस के फैले हुए आकार के कारण कागज़ की शीट से बनी गेंद से अधिक होगा जिस कारण कागज की शीट गेंद की तुलना में धीमी गति से गिरती है।

प्रश्न 12. चंद्रमा की सतह पर गुरुत्वीय बल, पृथ्वी की सतह पर गुरुत्वीय बल की अपेक्षा ⅙ गुणा है। एक 10 kg की वस्तु का चंद्रमा पर तथा पृथ्वी पर न्यूटन में भार क्या होगा ?

उत्तर- पृथ्वी पर वस्तु का भार m = 10 kg
चंद्रमा पर वस्तु का भार m = 10 x ⅙ = 5/3 kg
पृथ्वी पर भार W = mg
= 10 x 9.8 = 98 N
चंद्रमा पर भार W = mg

538

598

16n

प्रश्न 13. एक गेंद ऊध्र्वाधर दिशा में ऊपर की ओर 49 m/s के वेग से फेंकी जाती है। परिकलन कीजिए।
(i) अधिकतम ऊंचाई जहां तक गेंद पहुंचती है।
(ii) पृथ्वी की सतह पर वापस लौटने में लिया गया कुल समय।

हल :

u = 49 m/s
v = 0
g = – 9.8 ms-2
(पृथ्वी तल से विपरीत दिशा में जाने के कारण ऋणात्मक चिह्न)
h = ?
t = ?

v2-u2=2 gh

(0)2 – (49)2 =2 (-9.8) x h

Gfdg

125

अब गेंद को ऊपर जाने में लगा समय
v = u + gt
0 = 49 + (- 9.8) x t
– 49 = – 9.8 x t

T98

गेंद को लगा कुल समय = 5 + 5 = 10 S

प्रश्न 14. 19.6 m ऊँची एक मीनार की चोटी से एक पत्थर छोड़ा जाता है। पृथ्वी पर पहुंचने से पहले इस का अंतिम वेग ज्ञात कीजिए।

हल :

h = 19.6m
u = 0 ms-1
v = ?
g = 9.8 ms-2
v² = u² + 2gh
v² – (0)² = 2 × 9.8 × 19.6
v²= 2 × 9.8 × 19.6

Bv

Bvc

Tre

v = 19.6 m

प्रश्न 15. कोई पत्थर ऊध्र्वाकर दिशा में ऊपर की ओर 40 m/s के प्रारंभिक वेग से फेंका गया। g = 10 m/s2 लेते हुए ग्राफ की सहायता से पत्थर द्वारा पहुंची अधिकतम ऊंचाई ज्ञात कीजिए। नेट विस्थापन तथा पत्थर द्वारा चली गई कुल दूरी कितनी होगी ?

हल : पत्थर का प्रारंभिक वेग (u) = 40 m s-1
गुरुत्वीय त्वरण (g) = – 10 m s-2
अधिकतम ऊंचाई पर वेग (v) = 0
हमें ज्ञात है कि

v = u + gt
v = 40 – 10 x t
0 = 40 = – 10t
– 40 = 10r
t = 4 s

.:. 4 sec के बाद पत्थर अधिकतम ऊंचाई प्राप्त कर लेगा।

समीकरण (1) में t का मान 1 s, 2 s, 3 s, 4 s रखने से वेग तालिका प्राप्त होगी।

समय सेकंडों में1234
वेग ms-13020100

ग्राफ से अधिकतम दूरी = OAB का क्षेत्रफल
क्षेत्र० = ½ x OB x OA

Veg

= ½ x 4 x 40
= 80
.:. अधिकतम ऊंचाई = 80 m
पत्थर पृथ्वी से ऊपर फेंका गया और वहीं वापिस आ गिरा।
.:. नेट विस्थापन = 0

पत्थर द्वारा तय की गई कुल दूरी = ऊपर जाना + नीचे आना
= 80 + 80
= 160 m

प्रश्न 16. पृथ्वी तथा सूर्य के बीच गुरुत्वाकर्षण बल का परिकलन कीजिए। दिया है-पृथ्वी का द्रव्यमान = 6 × 1024 kg, सूर्य का द्रव्यमान = 2 × 1030 kg। दोनों के बीच औसत दूरी 1.5 × 1011m है। |

हल : पृथ्वी का द्रव्यमान = 6 × 1024 kg
सूर्य का द्रव्यमान = 2 × 1030 kg
d = 1.5 × 1011m

Grf

प्रश्न 17. कोई पत्थर 100 m ऊंची मीनार की चोटी से गिराया गया और उसी समय कोई दूसरा पत्थर 25 m/s के वेग से ऊध्र्वाधर दिशा में ऊपर की ओर फेंका गया। परिकलन कीजिए कि दोनों पत्थर कब और कहां मिलेंगे। (g = 10 ms-2)

हल : पत्थर ऊपर से नीचे की ओर

मान लो पत्थर A से चल कर C तक पहुंचा था और उसने ‘x’ दूरी तय की थी।

12

पत्थर नीचे से ऊपर की ओर

21 1

प्रश्न 18. ऊध्र्वाकर दिशा में ऊपर की ओर फेंकी गई एक गेंद 6s पश्चात् फेंकने वाले के पास लौट आती है। ज्ञात कीजिए।
(a) यह किस वेग से ऊपर फेंकी गई,
(b) गेंद द्वारा पहुँची गई अधिकतम ऊंचाई; तथा
(c) 4s पश्चात् गेंद की स्थिति।

हल : गेंद को जितना समय ऊपर जाने में लगा उतना ही उसे वापिस लौटने में लगा।

… गेंद को ऊपर जाने में लगा समय = 3 s

(i) u = ?
a = – g = – 9.8 m s-1
t = 3 s
V = 0
S = h
V = u + at
0 = u – 9.8 x 3
0 = u – 29.4
u = 29.4 m S-1

(ii) v2 – u2 = 2gh

0 = (29.4)2 = 2 (-9.8) h

-29.4 x 29.4 = -19.6 h

Gr

h = 44.1 m

(iii) 3 सेकंड बाद गेंद वापिस गिरने लगेगी।

u = 0
a = 9.8 ms-1
t = 4 – 3 = 1

Trh

S0

Png 1

∴ नीचे से गेंद की ऊंचाई = 44.1 – 4.9 = 39.2 m

प्रश्न 19. किसी द्रव में डुबोई गई वस्तु पर उत्प्लावन बल किस दिशा में कार्य करता है ?

उत्तर- किसी द्रव में डुबोई गई वस्तु उत्प्लावन बल ऊपर की दिशा में कार्य करता है।

प्रश्न 20. पानी के भीतर किसी प्लास्टिक के गुटके को छोड़ने पर यह पानी की सतह पर क्यों आ जाता है ?

उत्तर- जब किसी प्लास्टिक के गुटके को पानी के भीतर छोड़ते हैं तो यह पानी की सतह पर आ जाता है क्योंकि प्लास्टिक का घनत्व पानी के घनत्व से कम है। प्लास्टिक पर पानी का उत्प्लावन बल प्लास्टिक के भार से अधिक है। इसलिए वह पानी की सतह पर आ जाता है।

प्रश्न 21.50g के किसी पदार्थ का आयतन 20 cm³ है। यदि पानी का घनत्व 1 g cm-3हो तो पदार्थ तैरेगा। या डूबेगा ?

उत्तर- 50 g पदार्थ का आयतन = 20 cm³
.:. 1 g पदार्थ का आयतन = 50/20 g cm-3= 2.5 g cm-3
पदार्थ पानी में डूब जाएगा क्योंकि पानी का घनत्व 1 g cm-3है।
पानी का उत्प्लावन बल पदार्थ के भार से कम है।

प्रश्न 22. 500g के एक मोहर बंद पैकेट का आयतन 350 cm-3है। पैकेट 1 g cm-3घनत्व वाले पानी में । तैरेगा या डूबेगा। इस पैकेट द्वारा विस्थापित पानी का द्रव्यमान कितना होगा ?

उत्तर – M = 500 g
V = 350 cm³

पैकेट का घनत्व = M/V = 500/300 = 10/7
= 1.428 g cm-3

पैकेट का घनत्व 1.428 g cm-3 है लेकिन पानी का घनत्व 1 g cm-3है।
.:. पैकेट डूब जाएगा।
पैकेट के द्वारा विस्थापित पानी = 350 cm³
विस्थापित पानी का द्रव्यमान = V x D
= 350 x 1
= 350 g

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