Class 8 Social Science Civics Chapter 9 – जनसुविधाएँ

Class 8 Social Science Civics Chapter 9 – जनसुविधाएँ

NCERT Solutions Class 8 Social Science Civics Chapter 9 जनसुविधाएँ – आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए जो अपनी क्लास में सबसे अच्छे अंक पाना चाहता है उसके लिए यहां पर एनसीईआरटी कक्षा 8th नागरिक शास्त्र अध्याय 9 (जनसुविधाएँ) के लिए समाधान दिया गया है. इस NCERT Solution For Class 8 Social Science Civics Chapter 9 public facilities की मदद से विद्यार्थी अपनी परीक्षा की तैयारी कर सकता है और परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकता है.

कक्षा:8th Class
अध्याय:Chapter 9
नाम:जनसुविधाएँ
भाषा:Hindi
पुस्तक:सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन

NCERT Solutions For Class 8 नागरिक शास्त्र (सामाजिक एवं राजनितिक जीवन – III) Chapter 9 जनसुविधाएँ

अध्याय के सभी प्रश्नों के उत्तर

प्रश्न 1. आपको ऐसा क्यों लगता है कि दुनिया में निजी जलापूर्ति के उदाहरण कम हैं ?

उत्तर- निजी कंपनियाँ केवल मात्र मुनाफे के लिए काम करती हैं। जलापूर्ति जैसी जनसुविधा में मुनाफे की गुंजाइश बहुत कम है, फलस्वरूप कोई भी निजी कंपनी जलापूर्ति जैसे कामों में दिलचस्पी नहीं लेगी। यही कारण है कि दुनिया में निजी जलापूर्ति के उदाहरण कम हैं।

प्रश्न 2. क्या आपको लगता है कि चेन्नई में सबको पानी की सुविधा उपलब्ध है और वे पानी का खर्च उठा सकते हैं? चर्चा करें।

उत्तर- नहीं, चेन्नई शहर में सबको पानी की सुविधा उपलब्ध नहीं है। चेन्नई में पानी की बहुत कमी है। नगरपालिका की आपूर्ति से शहर की लगभग आधी आवश्यकता ही पूरी हो पाती है। कुछ क्षेत्रों में नियमित रूप से पानी आता है। कुछ क्षेत्रों में बहुत कम पानी आता है। जहाँ पानी का भंडारण किया गया है उसके नजदीक के क्षेत्रों में अधिक पानी आता है, जबकि दूर की बस्तियों को कम पानी मिलता है।

जलापूर्ति में कमी का बोझ अधिकतर निर्धनों पर पड़ता है। जब मध्यम वर्ग के लोगों के सामने पानी की तंगी पैदा हो जाती है तो इस वर्ग के लोग बहुत सरलता से इसका हल ढूँढ लेते हैं। वे बोरवेल खोदकर, टैंकरों से पानी खरीदकर या बोतलबंद पानी खरीदकर अपना काम चला लेते हैं।

अतः गरीब लोग पानी जैसी मौलिक जरूरत को पूरा करने के लिए धन खर्च करने की स्थिति में नहीं होते हैं। यह सरकार का दायित्व बनता है कि वह सभी लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराए।

प्रश्न 3. किसानों द्वारा चेन्नई के जल व्यापारियों को पानी बेचने से स्थानीय लोगों पर क्या असर पड़ रहा है? क्या आपको लगता है कि स्थानीय लोग भूमिगत पानी के इस दोहन का विरोध कर सकते हैं? क्या सरकार इस बारे में कुछ कर सकती है?

उत्तर- पानी की कमी ने निजी कंपनियों के लिए मुनाफे के नए रास्ते खोल दिए हैं। बहुत-सी निजी कंपनियाँ शहर के नजदीक क्षेत्रों से पानी खरीदकर शहरों मे बेचती हैं। चेन्नई में मामंदूर, पालुर, कारुनगिझी जैसे कस्बों और शहर के उत्तर में स्थित गाँवों से पानी लाया जाता है। 13,000 से भी अधिक टैंकर इस काम में लगे हुए हैं। हर महीने पानी के व्यापारी किसानों को पेशगी रकम देते हैं ताकि वे किसानों की भूमि से पानी निकाल सकें। इस तरह न केवल खेती का पानी छिन जाता है, बल्कि गाँवों के लिए पीने के पानी की आपूर्ति भी कम पड़ने लगती है। परिणाम यह है कि इन सारे कस्बों और गाँवों में भूमिगत जल स्तर बहुत बुरी तरह गिर चुका है।

स्थानीय लोग तो भूमिगत जल के इस दोहन का निश्चित रूप से विरोध कर सकते हैं और करना भी चाहिए। यदि स्थानीय लोगों द्वारा इसका विरोध न किया गया तो किसानों की जमीनें बंजर हो जाएँगी और क्षेत्र में अन्न और जल की भारी कमी पड़ जाएगी।

सरकार के द्वारा उठाए जाने वाले कदम

(1) सरकार कानून बनाकर भूमिगत जल के व्यापार पर रोक लगा सकती है।

(2) सरकार जल आपूर्ति के काम को निजी कंपनियों के हाथों से छीनकर अपने नियंत्रण में ले सकती है।

(3) सरकार किसानों में जागरूकता अभियान चला सकती है।

प्रश्न 4. ऐसा क्यों है कि ज्यादातर निजी अस्पताल और निजी स्कूल कस्बों या ग्रामीण इलाकों की बजाय बड़े शहरों में ही हैं ?

उत्तर- निजी कंपनियों का मुख्य उद्देश्य जन-कल्याण न होकर अधिक-से-अधिक आर्थिक लाभ कमाना होता है। अतः ये कंपनियाँ केवल मात्र आर्थिक लाभ कमाने के उद्देश्य से कस्बों या ग्रामीण इलाकों की बजाय बड़े शहरों में ही अपने संस्थान खोलती हैं। दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, चंडीगढ़ जैसे बड़े शहरों मे अपेक्षाकृत अमीर वर्ग के लोग रहते हैं जो अपने बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने के लिए इन महँगे स्कूलों में भेजते हैं। बड़े शहरों में रहने वाले अमीर लोग निजी अस्पतालों में ही अपना इलाज करवाना पसंद करते हैं। अतः बड़े-बड़े निजी स्कूल; जैसे दिल्ली पब्लिक स्कूल और डी० ए० वी० पब्लिक स्कूल तथा अस्पताल; जैसे फोर्टिस अस्पताल और बत्तरा अस्पताल बड़े-बड़े शहरों में ही स्थित हैं।

प्रश्न 5. क्या आपको लगता है कि हमारे देश में जनसुविधाओं का वितरण पर्याप्त और निष्पक्ष है ? अपनी बात के समर्थन में एक उदाहरण दें।

उत्तर- हमारे देश में जनसुविधाओं का वितरण पर्याप्त और निष्पक्ष नहीं है। चेन्नई का अन्नानगर इलाका जिसमें रामगोपाल जैसे आला सरकारी अफसर रहते हैं, के नलों में 24 घंटे पानी रहता है जबकि मैलापुर इलाके में नगरपालिका दो दिन में एक बार पानी उपलब्ध कराती है। मैलापुर के लोगों को पानी का टैंकर खरीदने के लिए प्रति परिवार हर महीने 500-600 रुपए खर्च करने पड़ते हैं। मडीपाक्कम इलाके में जहाँ शिवा रहता है, उसे चार दिन में एक बार पानी मिलता है।

प्रश्न 6. अपने इलाके की पानी, बिजली आदि कुछ जनसुविधाओं को देखें। क्या उनमें सुधार की कोई गुंजाइश है? आपकी राय में क्या किया जाना चाहिए? इस तालिका को भरें
क्या यह उपलब्ध है ?उसमें कैसे सुधार लाया जाए?
पानी
बिजली
सड़क
सार्वजनिक परिवहन

उत्तर-

क्या यह उपलब्ध है ?उसमें कैसे सुधार लाया जाए?
पानीउपलब्ध है लेकिन आपूर्ति बहुत कम है1. दो नए नलकूप लगाए जाने चाहिएँ

2. नहरी पानी संयंत्र की क्षमता बढ़ाई जानी चाहिए

बिजलीउपलब्ध है लेकिन नाममात्र कोग्रामीण क्षेत्र की बिजली आपूर्ति को औद्योगिक क्षेत्र की बिजली से अलग करके 24 घंटे बिजली दी जानी चाहिए
सड़कनहींहमारे गाँव को जाने वाले कच्चे रास्ते को पक्का किया जाना चाहिए
सार्वजनिक परिवहनउपलब्ध है लेकिन बहुत कम हैसरकारी परिवहन (रोडवेज) की बसों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए

प्रश्न 7. क्या आपके इलाके के सभी लोग उपरोक्त जनसुविधाओं का समान रूप से इस्तेमाल करते हैं? विस्तार से बताएँ।

उत्तर- हमारे इलाके में सभी लोग इन सभी सुविधाओं का समान रूप से प्रयोग नहीं करते हैं। गाँव के लगभग 40 प्रतिशत लोगों के घरों तक सार्वजनिक जल की आपूर्ति नहीं है। वे लोग अभी भी पोखरों इत्यादि से जल प्राप्त करते हैं। गाँव के लगभग 20 प्रतिशत घरों में बिजली के कनैक्शन न होने के कारण वे लोग इस जनसुविधा के प्रयोग से वंचित हैं। सड़क और सार्वजनिक परिवहन के प्रयोग के अवसर सभी वर्ग के लोगों के लिए उपयोग हेतु उपलब्ध हैं।

प्रश्न 8. जनगणना के साथ-साथ कुछ जनसुविधाओं के बारे में भी आँकड़े इकट्ठा किए जाते हैं। अपने शिक्षक के साथ चर्चा करें कि जनगणना का काम कब और किस तरह किया जाता है।

उत्तर- हमारे देश में जनगणना का काम प्रत्येक दस वर्ष के बाद किया जाता है। यह जनगणना प्रत्येक दशक के आरंभिक वर्ग जैसे 1991, 2001, ………. इत्यादि में की जाती है। 2001 की जनगणना के दौरान जनसुविधाओं के प्रयोग से संबंधित आँकड़े भी एकत्र किए गए। 2001 की जनगणना के अनुसार केवल 49% ग्रामीण लोगों को ही बिजली की सुविधा उपलब्ध थी। केवल 68% लोगों के पास स्वच्छ पेयजल तथा 36% लोगों के पास घर के भीतर शौचालय की सुविधाएँ उपलब्ध थी।

प्रश्न 9. हमारे देश में निजी शैक्षणिक संस्थान – स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, तकनीकी और व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थान-बड़े पैमाने पर खुलते जा रहे हैं। दूसरी तरफ सरकारी शिक्षा संस्थानों का महत्त्व कम होता जा रहा है। आपकी राय में इसका क्या असर हो सकता है ? चर्चा कीजिए।

उत्तर-यह बात सही है कि हमारे देश में निजी शैक्षणिक संस्थान; जैसे स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, तकनीकी और व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थान बड़े पैमाने पर खुलते जा रहे हैं। दूसरी तरफ सरकारी शिक्षा संस्थानों का महत्त्व कम होता जा रहा है। इसका प्रथम

और स्पष्ट असर तो यह होगा कि शिक्षा बहुत महँगी हो जाएगी। शिक्षा का बाजारीकरण होने से शिक्षा की गुणवत्ता में कमी आएगी। समाज का एक बड़ा वर्ग जो निजी, शिक्षा संस्थानों का खर्च उठाने में अक्षम है, को अवसरों से वंचित रहना पड़ सकता है।

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