Class 8 Social Science Civics Chapter 2 – धर्मनिरपेक्षता की समझ
NCERT Solutions Class 8 Social Science Civics Chapter 3 धर्मनिरपेक्षता की समझ – आठवीं कक्षा में हर साल लाखो उम्मीदवार पढ़ते और अपनी परीक्षा की तैयारी करते है जो उम्मीदवार 8th कक्षा में पढ़ रहे है उन्हें धर्मनिरपेक्षता की समझ Chapter के बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी है . इसके बारे में 8th कक्षा के हिंदी एग्जाम में काफी प्रश्न पूछे जाते है .इसलिए यहां पर हमने एनसीईआरटी कक्षा 8th सामाजिक विज्ञान नागरिक शास्त्र अध्याय 2. (धर्मनिरपेक्षता की समझ) का सलूशन दिया गया है .इस NCERT Solutions For Class 8 Social Science Civics Chapter 3. Social Science Civics की मदद से विद्यार्थी अपनी परीक्षा की तैयारी कर सकता है और परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकता है. इसलिए आप Ch.2 धर्मनिरपेक्षता की समझ के प्रश्न उत्तरों ध्यान से पढिए ,यह आपके लिए फायदेमंद होंगे.
कक्षा: | 8th Class |
अध्याय: | Chapter 2 |
नाम: | धर्मनिरपेक्षता की समझ |
भाषा: | Hindi |
पुस्तक: | सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन |
NCERT Solutions For Class 8 नागरिक शास्त्र (सामाजिक एवं राजनितिक जीवन – III) Chapter 2 धर्मनिरपेक्षता की समझ
अध्याय के सभी प्रश्नों के उत्तर
उत्तर- भारत में मुख्य रूप से हिंदू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई, बौद्ध और जैन धर्म को मानने वाले लोग रहते हैं। इन सभी धर्मों को मानने वाले लोग विभिन्न पूजा-पद्धतियों का प्रयोग करते हैं जिनका वर्णन इस प्रकार है
मेरे आस पड़ोस में प्रचलित धार्मिक क्रियाकलापों की सूची निम्न प्रकार से है :
भारत में 8 मुख्य धर्म है । मेरे पड़ोस में विभिन्न धर्मों वाले लोग रहते हैं।
(1) हिंदू —मंदिर में पूजा एवं प्रार्थना ।
(2) इस्लाम— मस्जिद में नमाज एवं इबादत।
(3) ईसाई— चर्च में प्रार्थना।
(4) सिक्ख —गुरुद्वारे में अरदास एवं कीर्तन।
धर्म से संबंधित अलग-अलग गतिविधियां यह दर्शाती है कि भारत में प्रत्येक व्यक्ति को धर्म की स्वतंत्रता प्राप्त है।
उत्तर- यह बात सच है कि भारत में प्रत्येक धर्म को मानने वाले लोगों को अपने धर्म के नियमों के अनुसार जीवन जीने का अधिकार है। भारत सरकार उनके धार्मिक मामलों में कोई हस्तक्षेप नहीं करती है लेकिन धार्मिक समुदायों को यह अधिकार तब तक है जब तक वे गैर-कानूनी कार्य नहीं करते हैं। भारत में कानून का शासन है, नवजात शिशुओं को मारना गैर-कानूनी कार्य है। किसी धार्मिक समुदाय के द्वारा ऐसा करना एक अपराध है और सरकार का इस प्रकार के मामलों में दखल देना सर्वथा उचित है।
उद्देश्य | यह महत्वपूर्ण क्यों है ? | इस उद्देश्य के उल्लंघन का एक उदाहरण |
एक धार्मिक समुदाय दूसरे समुदाय पर वर्चस्व नहीं रखता | | सभी समुदायों के समान विकास हेतु | | जम्मू और कश्मीर में मुसलमान हिन्दुओं पर वर्चस्व रखते हैं | |
राज्य न तो किसी धर्म को थोपता है और न ही लोगों की धार्मिक स्वतंत्रता को छीनता है | | अल्पसंख्यक के प्रति अत्याचार, भेदभाव व जोर-जबरदस्ती रोकने हेतु | | श्रीलंका में तमिलों पर सिंहलियों का वर्चस्व है | |
एक ही धर्म के कुछ लोग अपने हीधर्म के दूसरे लोगों को न दबाएँ | | शांति, सहनशीलता, समन्वय व सौहार्दपूर्ण वातावरण हेतु | | हिन्दुओं में छुआछूत का प्रचलन | |
उत्तर- हमें हर वर्ष स्कूल में 30 दिन की छुट्टियाँ मिलती हैं इसमें से 25 छुट्टियाँ विभिन्न धर्मों से संबंधित होती हैं l
धार्मिक छुट्टियाँ :
हिंदू धर्म – होली, दशहरा, दीपावली l
मुस्लिम धर्म – ईद-उल-अज़हा, ईद उल-फ़ित्र, मुहर्रम l
सिख धर्म – लोहड़ी, गुरु गोबिंद सिंह जयंती, गुरु पर्व l
ईसाई धर्म – क्रिसमस, गुड फ्राइडे l
यह भारत की धर्मनिरपेक्ष प्रकृति की ओर संकेत करता है l भारतीय संविधान के अनुसार सभी नागरिकों को अपनी इच्छा का धर्म अपनाने का पूरा अधिकार हैं l हमारे देश में सभी धर्मों को सामान माना जाता हैं l
उत्तर- एक ही धर्म के भीतर अलग-अलग दृष्टिकोणों के कछ उदाहरण निम्नलिखित हैं
(1) हिंदू धर्म के भीतर विभिन्न दृष्टिकोणों को मानने वाले अनेक समूह हैं। सनातन धर्मी मूर्ति पूजा में विश्वास करते हैं। आर्य-समाजी मूर्ति पूजा में विश्वास नहीं करते हैं। वैष्णव विष्णु को अपना इष्ट देव मानते हैं और शैव शिव के उपासक हैं।
(2) इस्लाम धर्म में भी शिया और सुन्नी दो मतों को मानने वाले उपासक हैं। इनके सामाजिक और धार्मिक आचरण के नियम अलग-अलग हैं।
(3) सिक्ख धर्म में भी अनेक विचारधाराओं को मानकर चलने वाले लोग हैं। इनमे केशधारी, नामधारी और निहंग प्रमुख हैं।
(4) ईसाई धर्म में भी कैथोलिक और प्रोटेस्टेंट विचारधारा को मानने वाले अनुयायी हैं।
(5) जैन धर्म के श्वेतांबर संप्रदाय के अनुयायी सफेद वस्त्र धारण करते हैं जबकि दिगंबर संप्रदाय के अनुयायी अपने तन पर वस्त्र पहनते ही नहीं हैं।
उत्तर- भारतीय संविधान धर्मनिरपेक्ष राज्य की स्थापना करता है। जब तक कोई भी धर्म अपने स्वस्थ सिद्धांतों का पालन करते हए अपना प्रचार-प्रसार करता है, देश में एकता और भाईचारे का संदेश फैलाता है और देश की अखंडता को कोई खतरा पैदा नहीं करता है तब तक राज्य उस धर्म के क्षेत्राधिकार में हस्तक्षेप नहीं करता है। लेकिन यदि कुछ नेता धर्म की आड़ में गैर-कानूनी कार्य जैसे नरबलि देना, सती-प्रथा को बढ़ावा देना, विधवा विवाह की अनुमति न देना, नवजात कन्याओं का वध करना, कर्मकांड और अंधविश्वास फैलाना, छुआछूत को बढ़ावा देना या दूसरे धर्म के पूजा-स्थलों को खंडित करना इत्यादि कार्य करते हैं तो राज्य धर्म के मामलों में हस्तक्षेप कर सकता है और ऐसा करने वाले लोगों को देश के कानून के अनुसार दंड दे सकता है। –
उत्तर- इस अध्याय में आप ही की उम्र के विद्यार्थियों ने भी धार्मिक सहिष्णुता पर तीन तस्वीरें बनाई हैं। धार्मिक सहिष्णुता को ध्यान में रखते हुए अपने साथियों को दिखाने के लिए खुद एक पोस्टर बनाइए। । उत्तर-इन वाक्यों से हमें पता चलता है कि शांति सभी को प्रिय होती है। संसार के सभी धर्मों के द्वारा शांति का संदेश दिया जाता है। शांति विकास का पर्याय है। शांति के बिना विकास असंभव है। शांति स्थापना के लिए संसार के सभी धर्मों में आपसी सहयोग और सहिष्णुता की भावना का होना अति अनिवार्य है।
Nice