NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 7 – क्या निराश हुआ जाए
NCERT Solutions For Class 8 Hindi Vasant Chapter 7. क्या निराश हुआ जाए– जो विद्यार्थी आठवीं कक्षा में पढ़ रहे है ,उन सब का सपना होता है कि वे आठवीं कक्षा में अच्छे अंक से पास हो ,ताकि उन्हें आगे एडमिशन या किसी नौकरी के लिए फॉर्म अप्लाई करने में कोई दिक्कत न आए . इसलिए आज हमने इस पोस्ट मेंएनसीईआरटी कक्षा 8 हिंदी अध्याय 7. (क्या निराश हुआ जाए) का सलूशन दिया गया है जोकि एक सरल भाषा में दिया है . क्योंकि किताब से कई बार विद्यार्थी को प्रश्न समझ में नही आते .इसलिए यहाँ NCERT Solutions For Class 8th Hindi Chapter 7. Kya Nirash Huaa Jaae दिया गया है. जो विद्यार्थी आठवीं कक्षा में पढ़ रहे है उन्हें इसे अवश्य देखना चाहिए . इसकी मदद से आप अपनी परीक्षा में अछे अंक प्राप्त कर सकते है. इसलिए आप Ch .07 क्या निराश हुआ जाए के प्रश्न उत्तरों ध्यान से पढिए ,यह आपके लिए फायदेमंद होंगे.
Class | 8 |
Subject | Hindi |
Book | वसंत |
Chapter Number | 7 |
Chapter Name | क्या निराश हुआ जाए |
अभ्यास के प्रश्न
उत्तर-निश्चय ही लेखक ने कई बार धोखा खाया है और लोगों ने उसे ठगा भी है, किंतु लेखक फिर भी निराश नहीं हुआ, क्योंकि उसके जीवन में बहुत से ऐसे अवसर भी आए हैं, जब लोगों ने एक-दूसरे की सहायता भी की है। जो लोग जीवन में निराश हो गए थे, लोगों ने उन्हें हौंसला दिया। जब लेखक टिकट लेने के बाद बकाया लेना भूल गया तो टिकट बाबू उसको जाकर बकाया देता है। बस खराब होने पर बस का कंडक्टर नई बस ले आया और उसके बच्चों के लिए दूध भी लेकर आया। इन घटनाओं से लेखक को विश्वास हो गया था कि समाज में अभी भी अच्छाई मौजूद है। इसलिए लेखक निराश नहीं हुआ।
उत्तर- दोषों का पर्दाफाश करना उस समय बुरा रूप ले सकता है, जब किसी के दोषों को उजागर किया जाए और वह उसके उजागर होने पर उग्र रूप धारण कर ले। इससे समाज में आतंक फैल सकता है या सांप्रदायिक दंगे हो सकते हैं।
उत्तर- निश्चय ही आजकल अनेक समाचार-पत्र व समाचार चैनल समाज में फैल रहे दोषों का पर्दाफाश कर रहे हैं। इसका महत्त्व यह है कि इनको पढ़कर जनता सतर्क हो जाए और अपने आस-पास ऐसे दोष न होने दे। ऐसे कार्यक्रमों को देखकर या पढ़कर जनसाधारण को उत्साह एवं शक्ति मिलती है। आज तक टी.वी. चैनल अब तक ऐसे कई दोषों का पर्दाफ़ाश कर चुका है। इससे जनता में जागरूकता आती है और दोषों का सामना करने का साहस भी। घरेलू एवं कानून संबंधी कार्यक्रम भी समाज की सच्चाई को बयान करते हैं। इस प्रकार समाचार-पत्र एवं समाचार चैनल अपने कर्त्तव्य को बखूबी निभाते हैं।
प्रश्न 3. निम्नलिखित के संभावित परिणाम क्या-क्या हो सकते हैं ? आपस में चर्चा कीजिए, जैसे – “ईमानदारी को मूर्खता का पर्याय समझा जाने लगा है।” परिणाम – भ्रष्टाचार बढ़ेगा।
1. “सच्चाई केवल भीरू और बेबस लोगों के हिस्से पड़ी है।” ……………………….
2. “झूठ और फरेब का रोज़गार करनेवाले फल-फूल रहे हैं।” ……………………….
3. “हर आदमी दोषी अधिक दिख रहा है, गुणी कम।” ………………………
उत्तर-1. लोगों स्वार्थी बनेंगे
2. अपने स्वार्थ के लिए दूसरों का अहित करेंगे
3. लोगों में अविश्वास की भावना बढ़ेगी
उत्तर- ‘क्या निराश हुआ जाए’ पाठ के शीर्षक से हम पूर्ण रूप से सहमत हैं। आज के युग में समाचार-पत्रों में भ्रष्टाचार, बेईमानी आदि के समाचारों को पढ़कर हमें निराश नहीं होना चाहिए। समाचार-पत्रों में अच्छी और उत्साह बढ़ाने वाली बातें भी प्रकाशित होती हैं। इसलिए हमें केवल बुराई पर या दोषों पर ही ध्यान नहीं देना चाहिए। अच्छाई व भलाई करने वाले लोगों की तारीफ़ भी करनी चाहिए। इससे समाज में आस्था का भाव बढ़ेगा। यदि हम दोषों को ही देखते रहेंगे तो निराशा बढ़ेगी। इसलिए हमें दोषों की अपेक्षा अच्छाई को भी बढ़ावा देना चाहिए। अतः स्पष्ट है कि इस पाठ का शीर्षक ‘क्या निराश हुआ जाए’ सार्थक एवं उचित है। इस पाठ का अन्य शीर्षक हो सकता है-‘अच्छाई पर भरोसा रखें।’
उत्तर- ‘क्या निराश हुआ जाए’ के बाद कोई विराम चिह्न लगाने के लिए कहा जाए तो मैं प्रश्न चिह्न (?) लगाऊँगा। क्योंकि समाज में दोष और बुराई तो सदा से ही विद्यमान रही हैं। इन बुराइयों को देखकर यदि निराश हो जाएँगे तो अच्छाई का विकास कैसे होगा? इसलिए इस शीर्षक के द्वारा लेखक ने समाज से प्रश्न किया है। इसलिए प्रश्न चिह्न ही लगाया जाना चाहिए।
उत्तर- आदर्शों की बातें तो सभी करते हैं। आदर्शों की बातें अच्छी भी लगती हैं, किंतु यह बात भी सत्य है कि आदर्शों पर चलना बहुत कठिन कार्य है। यह कहना ‘सदा सच बोलना चाहिए’ बहुत अच्छा लगता है, किंतु क्या हर व्यक्ति सदा सच बोलकर जीवन व्यतीत कर सकता है? कदापि नहीं। अपनी सुख-सुविधा के लिए हर व्यक्ति झूठ बोलकर काम चलाता है। चाहे वह स्वयं झूठ बोले या दूसरों से झूठ बुलवाए। इसलिए आदर्शों पर चलना कठिन कार्य है। आदर्श केवल सुनने या बताने में अच्छे लगते हैं।
उत्तर- हमारे महान विद्वानों ने एक ऐसे भारत के सपने देखे थे, जिस में सबको जीवन में विकास करने के समान अधिकार मिलेंगे। सब मिल-जुलकर रहेंगे। किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं करेंगे। लोग भौतिक वस्तुओं की अपेक्षा आत्मिक विचारों को महत्त्व देंगे। सत्य का मार्ग अपनाकर जीवन व्यतीत करेंगे। वे लोगों में सदा ही संयमशीलता, सादगी और सरलता के भावों को देखना चाहते थे।
उत्तर- हम चाहते हैं कि भारतवर्ष में हर प्रकार का विकास हो। वह पूर्ण रूप से आत्मनिर्भर हो। यहाँ सबको यथोचित्त रोज़गार मिले। सबकी मूलभूत आवश्यकताओं की सरलता से पूर्ति हो। सब मिल-जुलकर रहें। सभी अपने-आपको शक्तिशाली बनाएँ, ताकि बाहरी शत्रु भारत को किसी प्रकार की हानि न पहुँचा सके। सब बिना किसी प्रकार के भेदभाव के सप्रेम जीवन व्यतीत करें। ऐसा भारत जो विश्व के लिए आदर्श बन सके। भारत में उद्योग और अर्थव्यवस्था मज़बूत हो। पर्यावरण की दृष्टि से भी देश सुरक्षित हो। सभी भारतवासियों में आपसी प्रेम, भाईचारा और सहयोग की भावना हो।
भाषा की बात
उत्तर- द्वंद्व समास के उदाहरण
गुण – दोष . . अन्न – जल आना – जाना
फल – फूल दाल – रोटी भाई – बहन
हानि – लाभ अपना- पराया घी – शक्कर
गंगा – यमुना पाप – पुण्य सुख – दुख
उत्तर-व्यक्तिवाचक संज्ञा-भारतवर्ष, रवींद्रनाथ ठाकुर, तिलक, महात्मा गांधी।
जातिवाचक संज्ञा-परिवार, बच्चे, समाचार-पत्र, मनुष्य, रेलवे स्टेशन आदि।
भाववाचक संज्ञा-अच्छाई, बुराई, ईमानदारी, डकैती, क्रोध, दोष आदि।
बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर
(A) हजारी प्रसाद द्विवेदी
(B) हरिशंकर परसाई
(C) प्रेमचंद
(D) जैनेंद्र कुमार
उत्तर- (A) हजारी प्रसाद द्विवेदी
(A) लालच के कारण
(B) भ्रष्टाचार के कारण
(C) अधिक थकावट के कारण
(D) चिंता के कारण
उत्तर- (B) भ्रष्टाचार के कारण
(A) आम आदमी में
(B) व्यापारियों में
(C) ऊँचे पदों पर बैठे लोगों में
(D) मज़दूरों में
उत्तर- (C) ऊँचे पदों पर बैठे लोगों में
(A) जो ईमानदार है
(B) जो परिश्रमी है
(C) जो गरीब है ,
(D) जो कुछ नहीं करता
उत्तर- (D) जो कुछ नहीं करता
(A) विश्व को
(B) भारतवर्ष को
(C) चीन को
(D) अमेरिका को
उत्तर- (B) भारतवर्ष को
(A) मेहनती और ईमानदार
(B) गुंडा और चोर
(C) जमाखोर
(D) नौकरी पेशा लोग
उत्तर- (A) मेहनती और ईमानदार
(A) ईमानदारी का धंधा
(B) झूठ और फ़रेब का रोजगार
(C) कामचोर और कंजूस ..
(D) दानी और दयालु
उत्तर- (B) झूठ और फ़रेब का रोजगार
(A) जागरूकता का
(B) चालाकी का
(C) मूर्खता का
(D) ढोंग का
उत्तर- (C) मूर्खता का
(A) भौतिक
(B) धन संबंधी
(C) अलौकिक
(D) शिक्षा संबंधी
उत्तर- (A) भौतिक
(A) रूप-सौंदर्य का
(B) आंतरिक गुण
(C) बनावटीपन का
(D) व्यस्तता का
उत्तर- (B) आंतरिक गुण
(A) क्रोध एवं विलासिता को
(B) अंहकार को
(C) त्याग को
(D) डर को
उत्तर- (A) क्रोध एवं विलासिता को
(A) धन
(B) परिश्रम
(C) कानून
(D) शिक्षा
उत्तर-(C) कानून
(A) भलाई
(B) बुराई
(C) लालच
(D) त्याग
उत्तर- (B) बुराई
(A) पचास
(B) साठ
(C) सत्तर
(D) नब्बे
उत्तर- (D) नब्बे
(A) बस वाली घटना
(B) टिकट बाबू वाली घटना
(C) पर्दाफाश करने वाली घटना
(D) विश्वासघात वाली घटना
उत्तर- (B) टिकट बाबू वाली घटना
(A) डाकुओं को बुलाने
(B) भोजन खाने
(C) दूसरी बस लेने
(D) आराम करने
उत्तर- (C) दूसरी बस लेने
(A) हवा में उड़ना . .
(B) चेहरे पर हवा लगना
(C) हवा का चलना
(D) घबरा जाना
उत्तर- (D) घबरा जाना
(A) रामधारी सिंह ‘दिनकर’
(B) रवींद्रनाथ ठाकुर
(C) जयशंकर प्रसाद
(D) भगवतीचरण वर्मा
उत्तर- (B) रवींद्रनाथ ठाकुर ,
(A) बस का कंडक्टर
(B) बस का ड्राइवर
(C) एक यात्री
(D) स्वयं लेखक
उत्तर- (A) बस का कंडक्टर
(A) निराशावादी
(B) आशावादी
(C) संकीर्ण
(D) उदार
उत्तर- (B) आशावादी
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