NCERT Solutions For Class 8 Hindi Chapter 16 – पानी की कहानी
NCERT Solutions For Class 8 Hindi Vasant Chapter 16 पानी की कहानी – ऐसे छात्र जो कक्षा 8 हिंदी विषय की परीक्षाओं में अच्छे अंक प्राप्त करना चाहते है उनके लिए यहां पर एनसीईआरटी कक्षा 8 हिंदी अध्याय 16 (पानी की कहानी) के लिए सलूशन दिया गया है.यह जो NCERT Solutions For Class 8 Hindi Chapter 16 Paani ki kahaniदिया गया है वह आसन भाषा में दिया है . ताकि विद्यार्थी को पढने में कोई दिक्कत न आए . इसकी मदद से आप अपनी परीक्षा में अछे अंक प्राप्त कर सकते है.इसलिए आपClass 8th Hindi Chapter 16 पानी की कहानी के प्रश्न उत्तरों को ध्यान से पढिए ,यह आपके लिए फायदेमंद होंगे.
Class | 8 |
Subject | Hindi |
Book | वसंत |
Chapter Number | 16 |
Chapter Name | पानी की कहानी |
अभ्यास के प्रश्न
पाठ से
उत्तर- रात के समय लेखक कहीं जा रहा था। जब वह बेर की झाड़ी के पास से गुजरा तो उसके हाथ पर ओस की एक बूंद आकर गिरी। यह बूंद मोती के समान चमक रही थी, जिसे देखकर लेखक आश्चर्य में पड़ गया था। .
उत्तर- ओस की बूंद क्रोध और घृणा से इसलिए काँप उठी, क्योंकि वृक्षों की जड़ों के रोएँ आनंद से घूमने वाली बूंद को बलपूर्वक अपनी ओर खींच कर स्वयं को जीवित रखते हैं और बूंदों के जीवन को समाप्त कर देते हैं।
उत्तर- हज़ारों वर्ष पूर्व हाइड्रोजन और ऑक्सीजन नामक ये दो गैसें सूर्यमंडल में विद्यमान थीं। जब हमारे ब्रह्मांड में परिवर्तन हुए तो अनेक ग्रहों और उपग्रहों का उदय हुआ। भीषण आकर्षण शक्ति के कारण सूर्य का एक भाग टूटकर एक अज्ञात आकर्षण शक्ति की ओर बढ़ने लगा था। सूर्य से अलग हुआ यह भाग इतना भारी खिंचाव सहन नहीं कर पाया और आगे कई टुकड़ों में विभाजित हो गया। उनमें से हमारी पृथ्वी भी एक टुकड़ा है। यह भी एक आग का गोला थी, किंतु धीरे-धीरे यह ठंडी हुई। अरबों वर्ष पूर्व पृथ्वी पर इन दोनों गैसों की रासायनिक प्रक्रिया हुई जिससे पानी का जन्म हुआ। इसलिए पानी हाइड्रोजन और ऑक्सीजन को अपना पूर्वज/पुरखा कहता है, जो उचित है। .
उत्तर- ‘पानी की कहानी’ पाठ में बताया गया है कि पानी की उत्पत्ति हाइड्रोजन और ऑक्सीजन गैसों की रासायनिक प्रक्रिया के कारण हुई है। आरंभ में पानी की बूंद सूर्य के धरातल पर गैसों के रूप में थी। जब पृथ्वी सूर्य से अलग हुई तब यह भी सूर्य की भाँति ही आग का गोला थी, किंतु धीरे-धीरे यह आग का गोला ठंडा हुआ। अरबों वर्ष पूर्व हाइड्रोजन और ऑक्सीजन गैसों की रासायनिक प्रक्रिया के कारण पानी का जन्म हुआ। पहले-पहल यह भाप के रूप में था, बाद में ठंडा होने पर बर्फ में परिवर्तित हो गया। सूर्य की गर्मी के कारण पानी भाप बन जाता है फिर वर्षा के रूप में बरसकर पानी का रूप धारण कर लेता है।
उत्तर- कहानी के अंत और आरंभ को पढ़कर हम इस परिणाम पर पहुँचते हैं कि ओस की बूँद आपबीती सुनाते समय सूर्य की प्रतीक्षा कर रही थी। बूंद सूर्य की गर्मी पाते ही भाप बनकर उड़ना चाहती थी।
पाठ से आगे
प्रश्न 1. जलचक्र के विषय में जानकारी प्राप्त कीजिए और पानी की कहानी से तुलना करके देखिए कि लेखक ने पानी की कहानी में कौन-कौन-सी बातें विस्तार से बताई हैं?
उत्तर- महासागरों का जल भाप बनकर वायुमण्डल में बादल का रूप धारण करता है। बादल का पानी बरसकर फिर धरती पर आ जाता है एवं फिर समुद्र में जाकर मिल जाता है। यही चक्र जलचक्र है। लेखक ने पानी के ठोस, गैस एवं तरल रूपों की विस्तार से चर्चा की है।
उत्तर- आप नदी या पेड़ की कहानी बना सकते हैं। इसके लिए अपने कक्षा अध्यापक की सहायता भी ले सकते हैं। (यह प्रश्न परीक्षोपयोगी नहीं है।)
उत्तर- समुद्र तट पर बसे नगरों में अधिक गरमी व सर्दी इसलिए नहीं होती क्योंकि वहाँ सदा नमी बनी रहती है।
उत्तर- पेड़ के भीतर फव्वारा नहीं होता, फिर भी पानी पेड़ की जड़ों से पत्तों तक पहुँचता है। इसका कारण है कि पेड़ की जड़ों व तनों में जाइलम और फ्लोएम नाम की वाहिकाएँ होती हैं जो पानी को जड़ों से पत्तों तक पहुँचाती है। इस क्रिया को संवहन कहा जाता है।
संवहन की क्रिया को जानने के लिए निम्नलिखित प्रयोग है
एक काँच का बीकर लें, उसमें लाल रंग वाला पानी डालें। उसमें एक पौधा रख दें। थोड़ी देर में आप देखेंगे कि पौधे की जड़ों के माध्यम से लाल रंग ऊपर की ओर जा रहा है। जाइलम व फ्लोएम वाहिकाएँ उसे जड़ों से पत्तों तक पहुँचाने का प्रयास कर रही हैं। इस क्रिया को संवहन क्रिया कहते हैं।
अनुमान और कल्पना
उत्तर- विद्यार्थी अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।
उत्तर- जल की तरल अवस्था ठोस से अधिक भारी होती है। जल की ठोस अवस्था में हाइड्रोजन-आबंध होता है। बर्फ जल की ठोस अवस्था होती है। इसकी बनावट पिंजरे के समान होती है। इसलिए जल की ठोस अवस्था उसकी तरल अवस्था से हलकी होती है।
अपनी पाठ्यपुस्तक से इस प्रकार के पाँच और उदाहरण खोजकर लिखिए और उन्हें भलीभाँति परिभाषित कीजिए।
मैं = कर्ता।
ध्यान, बात = कर्म
सुन रहा था = क्रिया।
(ख) मेरी उत्सुकता बढ़ चली थी।
मेरी = कर्ता
उत्सुकता = कर्म बढ़
चली थी = क्रिया।
(ग) तुम ज्वालामुखी की बात कह रही हो।
तुम = कर्ता
ज्वालामुखी, बात = कर्म
कह रही हो = क्रिया।
(घ) सूर्यमंडल अपने निश्चित मार्ग का चक्कर काट रहा था।
सूर्यमंडल = कर्ता
निश्चित मार्ग, चक्कर = कर्म।
काट रहा था = क्रिया।
(ङ) हम बड़ी तेजी से बाहर फेंक दिए गए।
हम = कर्म। बड़ी तेजी से = क्रिया-विशेषण
फेंक दिए गए = क्रिया।