NCERT Solutions For Class 8 Hindi Bharat Ki Khoj Chapter 4 – युगों का दौर

प्रश्न 21. अंग्रेज़ भारत में अपनी शासन सत्ता का कायम रखने में सफल क्यों नहीं रहे?
उत्तर- अंग्रेज़ों ने जब भारत की शासन सत्ता सँभाली थी तो उस समय भारत की राजनीतिक एवं आर्थिक दशा पूर्णतः टूट चुकी थी। दूसरा, अंग्रेज़ों ने कभी भी भारत को अपना देश नहीं माना। इसलिए उन्हें भारत के लोगों का विरोध भी बराबर सहना पड़ा था। यही कारण है कि अंग्रेज़ भारत में अपनी स्थाई सत्ता कायम नहीं कर सके थे।
प्रश्न 22. लेखक के अनुसार भारत में समन्वय की भावना किन-किन क्षेत्रों में हुई?
उत्तर- भारतीय संस्कृति में व्यक्ति के बाहरी एवं भीतरी जीवन के समन्वय के साथ-साथ प्रकृति के साथ भी उसका समन्वय दिखाया है। इसके अतिरिक्त भारत में बाहर से आने वाली जातियाँ जो अपने साथ विशेष तत्त्व लेकर आई थीं, उन्हें भी आत्मसात कर उनसे समन्वय स्थापित किया। इससे पता चलता है कि भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता में समन्वय स्थापित करने की अद्भुत क्षमता है।
प्रश्न 23. भारतीय रंगमंच के विकास पर प्रकाश डालिए।
उत्तर- भारतीय रंगमंच अपने मूल में, संबद्ध विचारों में और अपने विकास में पूरी तरह स्वतंत्र था। इसका आरंभ हमारे वेदों में देखा जा सकता है, जिसका आरंभिक रूप भी नाटकीय ही था। रामायण एवं महाभारत में विभिन्न नाटकों का उल्लेख है। । कृष्ण-लीला से संबंधित गीत-संगीत तथा नाच में रंगमंच के दर्शन किए जा सकते हैं। व्याकरण के महान विद्वान पाणिनि ने कुछ नाट्य-रूपों का उल्लेख किया है।
प्रश्न 24. अश्वघोष कौन था? उनकी प्रसिद्ध रचना का नाम क्या है?
उत्तर- अश्वघोष संस्कृत के महान नाटककार थे। इनके नाटक ताड़-पत्र पर लिखित पांडुलिपियों के अंश हैं। नाटक के विकास के लिए इन्हें सदा याद किया जाएगा। इनकी प्रमुख रचना का नाम ‘बुद्धचरित’ है। उनकी इस रचना में महात्मा बुद्ध के जीवन का वर्णन है। इनका यह ग्रंथ न केवल भारत में, अपितु चीन और तिब्बत में भी लोकप्रिय रहा है।
प्रश्न 25. कालिदास कौन था? उनकी प्रमुख रचनाओं के नाम लिखिए।
उत्तर- कालिदास संस्कृत के महान कवि एवं नाटककार थे। कहा जाता है कि कालिदास गुप्त वंश के विक्रमादित्य के नौ रत्नों में से एक थे। ‘अभिज्ञानशाकुंतलम्’, ‘मेघदूत’ आदि उनकी प्रमुख रचनाएँ हैं। ‘अभिज्ञानशाकुंतलम्’ (नाटक) का विभिन्न भाषाओं में अनुवाद हो चुका है। ‘मेघदूत’ (गीतिकाव्य) में एक प्रेमी अपनी प्रेयसी को बादल द्वारा अपना संदेश भेजता है।
प्रश्न 26. संस्कृत भाषा की जीवंतता और स्थायित्व पर प्रकाश डालिए।
उत्तर- संस्कत भाषा अत्यंत प्राचीन व्याकरण सम्मत है। यह एक अत्यंत समद्ध भाषा है। इस भाषा की भावाभिव्यक्ति की क्षमता भी अद्भुत है। इस भाषा के व्याकरण का निर्माण 2600 वर्ष पहले हो चुका है। संस्कृत आधुनिक भारतीय भाषाओं की जननी है। आधुनिक भाषा अपने शब्दकोश के लिए भी संस्कृत पर निर्भर है। संस्कृत का काव्य एवं अन्य साहित्य भी उत्तम श्रेणी का है। संस्कृत भाषा के नियम लचीले एवं स्थायी हैं, जिन पर संस्कृत भाषा की जीवंतता निर्भर है।
प्रश्न 27. पंडित जवाहरलाल नेहरू ने रवींद्रनाथ ठाकुर को देशभक्त क्यों कहा है?
उत्तर- रवींद्रनाथ ठाकुर एक सच्चे देशभक्त थे, क्योंकि वे अपने देश से बेहद प्रेम करते थे। उनका मत था कि भारतवर्ष को जानने के लिए उस युग की यात्रा करनी होगी, जब भारत ने अपनी आत्मा को पहचानकर अपनी भौतिक सीमाउ किया था। कहने का भाव है कि भारत में भौतिक पदार्थों की अपेक्षा आध्यात्मिकता पर अधिक बल दिया जाता है।
प्रश्न 28. ‘प्राचीन भारत में जहाज बनाने का उद्योग बहत विकसित था।’ इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- इसमें कोई संदेह नहीं है कि प्राचीन भारत में जहाज़ बनाने का उद्योग अत्यंत विकसित था। उस समय के बनाए जहाज़ों का वर्णन सिलसिलेवार मिलता है। अनेक भारतीय बंदरगाहों का उल्लेख भी मिलता है। दूसरी-तीसरी शताब्दी के उपलब्ध सिक्कों पर सुंदर जहाज़ों के चिह्न अंकित हैं। अजंता की गुफ़ाओं में चित्रित चित्रों में लंका-विजय और हाथियों को ले जाते हुए जहाज़ों के चित्र भी अंकित हैं।
प्रश्न 29. ‘भारत ने दक्षिण-पूर्वी एशिया तक उपनिवेश कायम किए थे’ इस कथन के पक्ष में प्रमाण प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर- पुराने ग्रंथों, अरब से आने वाले यात्रियों के सफ़रनामों और चीन से प्राप्त ऐतिहासिक विवरण, पुराने शिलालेख, ताम्र-पत्र, जावा एवं बाली का साहित्य, भारत के महाकाव्यों और पुराकथाओं से पता चलता है कि भारत ने दक्षिण-पूर्व में उपनिवेश कायम किए थे। यूनानी और लातीनी स्रोतों एवं अंगकोर और बोरोबुदुर के प्राचीन खंडहरों से भी भारतीय उपनिवेश की जानकारी प्राप्त होती है।
प्रश्न 30. भारतीय उपनिवेशों का समय कब तक रहा और उपनिवेशों से क्या लाभ हुआ?
उत्तर- भारतीय उपनिवेशों का समय ईसा की प्रथम शताब्दी से पंद्रहवीं शताब्दी तक रहा। उपनिवेश कायम करने से भारत का व्यापार एवं धर्म बाहर के देशों तक पहुँचा। इसके साथ-साथ भारतीय समुद्री जहाज़ों का प्रचलन भी बढ़ा। व्यापार से भारत समृद्ध बनता गया।
प्रश्न 31. जावा पर भारतीय कला का क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर- जावा ने सुप्रसिद्ध भारतीय नृत्यों को अपनाया। इसके साथ ही वहाँ की अंगकोर और बोरोबुदुर की इमारतों की सुंदरता भी भारतीय कला की ही छाप हैं। जावा में बुद्ध की जीवन-कथा को पत्थरों पर अंकित किया गया है। इसमें भी भारतीय कला के दर्शन होते हैं।
प्रश्न 32. अंगकोरवट के विशाल मंदिर की प्रसिद्धि का क्या कारण बताया गया है?
उत्तर- अंगकोरवट का मंदिर भारतीय भवन कला का नमूना है। इस विशाल मंदिर के चारों ओर विशाल खंडहरों का विस्तृत क्षेत्र है। उसमें बनावटी झीलें, पोखरें एवं नहरें हैं। उनके ऊपर पुल बने हुए हैं और एक बहुत बड़ा फाटक है, जिस पर एक वृद्ध आकार का सिर पत्थर में खुदा हुआ है। यह आकर्षक मुस्कुराता हुआ, रहस्यमय एवं देवतुल्य चेहरा है। इस चेहरे की मुस्कान बहुत ही मोहक है।
प्रश्न 33. भारतीय कलाओं को धर्म और दर्शन ने कैसे प्रभावित किया?
उत्तर- भारतीय कला धर्म और दर्शन से सदा ही प्रभावित रही है। कलाओं के माध्यम से ही धार्मिक उपदेश एवं प्रेरणाएँ दी जाती रही हैं। यदि किसी को भारतीय धर्म एवं दर्शन का ज्ञान नहीं है तो वह यहाँ की कलाओं की गहराई तक नहीं पहुंच सकता। भारतीय कला सदैव धार्मिक प्रेरणा का साधन रही है। उसमें एक पारदर्शी दृष्टि होती है। .
प्रश्न 34. भारत का स्वर्णयुग किस काल को कहा जाता है? इस काल की प्रमुख विशेषताएँ क्या थी?
उत्तर- चौथी से छठी शताब्दी ईसवी के गुप्तकाल को भारत के इतिहास का स्वर्णयुग कहा जाता है। इस काल में शासन व्यवस्था सुव्यवस्थित थी। इसके अतिरिक्त विभिन्न कलाओं का विकास हुआ। अजंता की गुफ़ाएँ इसी काल की देन हैं। इनमें विविध भित्ति चित्र बनाए गए। इसी प्रकार संगीत कला में अद्भुत विकास हुआ और व्यापार में भी वृद्धि हुई। यह काल चहुंमुखी विकास के कारण ही स्वर्णयुग कहलाता है।
प्रश्न 35. खगोलशास्त्र किसे कहते हैं? इसका किस क्षेत्र में और कैसे लाभ होता है?
उत्तर- खगोलशास्त्र में ब्रह्मांड के ग्रहों एवं पूरे वातावरण की स्थिति का ज्ञान प्राप्त किया जाता है। भारतीय खगोलशास्त्रियों को इसमें पूर्ण सफलता प्राप्त थी। फलतः ज्योतिष को भी खगोलशास्त्र का ही अंग माना जाता है। इसी के आधार पर पंचांग भी तैयार किया जाता है। खगोलशास्त्र का प्रयोग समुद्री यात्रा करने वाले व्यापारियों के लिए उपयोगी सिद्ध होता है।
प्रश्न 36. एलिफेंटा की गुफ़ाओं का निर्माण कब हुआ था? उनमें किसकी मूर्तियाँ बनाई गई हैं?
उत्तर- एलिफेंटा की गुफ़ाओं का निर्माण सातवीं-आठवीं शताब्दी में हुआ था। यहाँ प्रभावशाली एवं रहस्यमय मूर्तियों का निर्माण किया गया है। इन गुफाओं में नटराज शिव की एक खंडित मूर्ति भी स्थित है, जिसमें शिव नृत्य की मुद्रा में है।
प्रश्न 37. प्राचीन भारत के गणितशास्त्र पर प्रकाश डालिए।
उत्तर- प्राचीन भारत का गणितशास्त्र अत्यंत अद्भुत है। आधुनिक अंकगणित और बीजगणित का जन्म भारत में ही हुआ था। भारत ने ही शून्य अंक के निर्माण के साथ दस भारतीय संख्याएँ बनाईं। आरंभ में वैदिक वेदियों पर आकृतियाँ बनाने के लिए एक प्रकार से ज्यामितिय बीजगणित का प्रयोग किया जाता था। बीजगणित पर सबसे प्राचीन ग्रंथ ‘ज्योतिर्विद’ आर्यभट्ट का है। इसके पश्चात् भास्कर तथा ब्रह्मपुत्र के नाम उल्लेखनीय हैं।
प्रश्न 38. भारतवर्ष के प्राचीन विश्वविद्यालय नालंदा में किन-किन विषयों की शिक्षा दी जाती थी?
उत्तर- प्राचीनकाल में नालंदा भारत का सुप्रसिद्ध विश्वविद्यालय था। यहाँ पर विदेशों से भी विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करने आते थे। इस विश्वविद्यालय में धर्म, दर्शन, कला, वास्तुशिल्प, वैद्यक, कृषि आदि विषयों की शिक्षा प्रदान की जाती थी।
प्रश्न 39. प्राचीनकाल में भारत में स्थित प्रमुख विश्वविद्यालयों के नाम लिखिए।
उत्तर- प्राचीन काल में भारत में निम्नलिखित विश्वविद्यालय थे

(क) नालंदा विश्व विद्यालय
(घ) उज्जयिनी विश्वविद्यालय
(ख) विक्रमशिला विश्वविद्यालय
(ङ) अमरावती विश्वविद्यालय
(ग) वल्लभी विश्वविद्यालय

युगों का दौर के बहुविकल्पीय प्रश्न उत्तर

Class 8 Hindi Chapter 1 ध्वनि
Class 8 Hindi Chapter 2 लाख की चूड़ियाँ
Class 8 Hindi Chapter 3 बस की यात्रा
Class 8 Hindi Chapter 4 दीवानों की हस्ती
Class 8 Hindi Chapter 5 चिट्ठियों की अनूठी दुनिया
Class 8 Hindi Chapter 6 भगवान के डाकिए
Class 8 Hindi Chapter 7 क्या निराश हुआ जाए
Class 8 Hindi Chapter 8 यह सबसे कठिन समय नहीं
Class 8 Hindi Chapter 9 कबीर की साखियाँ

Class 8 Hindi Bharat Ki Khoj Chapter 1 – अहमदनगर का किला
Class 8 Hindi Bharat Ki Khoj Chapter 2 – तलाश
Class 8 Hindi Bharat Ki Khoj Chapter 3 – सिंधु घाटी सभ्यता
Class 8 Hindi Bharat Ki Khoj Chapter 4 – युगों का दौर
Class 8 Hindi Bharat Ki Khoj Chapter 5 – नयी समस्याएँ

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