Class 7 Maths Chapter 4 Exercise 4.1 – सरल समीकरण
NCERT Solutions for Class 7 Maths Chapter 4 Simple Equations Ex 4.1 – आज हम आप के लिए Class 7 Maths Chapter 4 लेकर आयें है। जो कि Class 7 Maths Exams के लिए अत्यन्त उपयोगी साबित होगी. कक्षा 7वीं के विद्यार्थी के लिए यहां पर एनसीईआरटी कक्षा 7 गणित अध्याय 4. (सरल समीकरण) प्रश्नावली 4.1 के लिए सलूशन दिया गया है. जोकि एक सरल भाषा में दिया है .ताकि विद्यार्थी को पढने में कोई दिक्कत न आए .इसकी मदद से आप अपनी परीक्षा में अछे अंक प्राप्त कर सकते है.
NCERT Solutions For Class 7th Maths सरल समीकरण (प्रश्नावली 4.1)
क्रम संख्या | समीकरण | चर का मान | बताइए कि समीकरण संतुष्ट होती है या नहीं (हाँ/नहीं) |
(i) | X + 3 = 0 | X = 3 | |
(ii) | X + 3 = 0 | X = 0 | |
(iii) | X + 3 = 0 | X = – 3 | |
(iv) | X – 7 = 1 | X = 7 | |
(v) | X – 7 = 1 | X = 8 | |
(vi) | 5x = 25 | X = 0 | |
(vii) | 5x = 25 | X = 5 | |
(viii) | 5x = 25 | X = – 5 | |
(ix) | ![]() | m = – 6 | |
(x) | ![]() | m = 0 | |
(xi) | ![]() | m = 6 |
(i) नहीं, कारण : x = 3 के लिए
x + 3 = 3 + 3
= 6
[समीकरण x + 3 = 0 के L.H.S. में x = 3 रखिए]
परंतु समीकरण .x + 3 = 0 के R.H.S का परिणाम 0 है।
क्योंकि 6 # 0.
अतः x = 3 के लिए दी गई समीकरण संतुष्ट नहीं है।
(ii) नहीं, कारण :x = 0 के लिए
x + 3 = 0 + 3
= 3
[x = 0; को समीकरण x + 3 = 0 के L.H.S. में रखिए।]
परंतु समीकरण x + 3 = 0 के R.H.S. का परिणाम 0 है।
क्योंकि 3 ≠ 0.
अर्थात् L.H.S. ≠ R.H.S.
अत: x = 0 के लिए दी गई समीकरण संतुष्ट नहीं है।
(iii) हाँ, कारण : x = – 3 के लिए
x + 3 = – 3 + 3
= 0
[x = – 3; को समीकरण x + 3 = 0 के L.H.S. में रखिए।]
समीकरण x + 3 = 0 के R.H.S. का परिणाम भी 0 है।
क्योंकि 0 = 0.
अतः x = – 3 के लिए दी गई समीकरण संतुष्ट है।
(iv) नहीं, कारण :X = 7 के लिए
X – 7 = 7 – 7
= 0
[x = 7; को समीकरण x – 7 = 1 के L.H.S. पर रखिए।]
परंतु समीकरण x – 7 = 0 के R.H.S. का परिणाम 0 है।
क्योंकि 0 ≠ 1.
अर्थात् L.H.S. # R.H.S.
इसलिए, X = 7 के लिए दी गई समीकरण संतुष्ट नहीं है।
(v) हाँ, कारण :
x = 8 के लिए
X – 7 = 8 – 7
[समीकरण X – 7 = 1 के L.H.S. में x = 8 रखिए।]
समीकरण x – 7 = 1 के R.H.S का परिणाम भी 1 हैं।
क्योंकि 1 = 1.
अतः X = 8 दी गई समीकरण को संतुष्ट करता है।
(vi) नहीं, कारण : x = 0 के लिए
5x = 5 x 0
= 0
[समीकरण 5x = 25 के L.H.S. में x = 0 को रखिए।]
परंतु समीकरण 5x = 25 के L.H.S. का परिणाम 25 है।
क्योंकि 0 ≠ 25
अतः दी गई समीकरण x = 20 के लिए संतुष्ट नहीं है।
(vii) हाँ, कारण : X = 5 के लिए
5x = 5 x 5
= 25
[समीकरण 5x = 25 के L.H.S. में x = 5 को रखिए।]
समीकरण के L.H.S. का परिणाम भी 25 है।
क्योंकि 25 = 25.
अतः दी गई समीकरण x = 5 के लिए संतुष्ट है।
(viii) नहीं, कारण :x = – 5 के लिए
5x = 5 x (- 5)
= – 25
[समीकरण 5x = 25 के L.H.S. में x = – 5 रखिए।]
परंतु समीकरण 5x = 25 के R.H.S. का परिणाम 25 है।
क्योंकि – 25 ≠ 25.
अर्थात् L.H.S. # R.H.S.
अतः दी गई समीकरण x = – 5 के लिए संतुष्ट नहीं है।
(ix) नहीं, कारण : m = – 6 के लिए
= – 2
[m = – 6 को समीकरण के L.H.S. में रखिए।
परंतु समीकरण के R.H.S. का परिणाम 2 है।
क्योंकि – 2 ≠ 2.
अतः दी गई समीकरण m = – 6 के लिए संतुष्ट नहीं है।
(x) नहीं, कारण : m = 0 के लिए
= 0
[m = 0 को समीकरण के L.H.S. में रखिए]
परंतु समीकरण,
के R.H.S. का परिणाम 2 है।
क्योंकि 0 ≠ 2.
अतः दी गई समीकरण m = 0 के संतुष्ट नहीं है।
(xi) हाँ, कारण : m = 6 के लिए
[m = 6 को समीकरण के L.H.S. में रखिए।
समीकरण के R.H.S. का परिणाम भी 2 हैं।
क्योंकि 2 = 2.
अर्थात्, L.H.S. = R.H.S.
अतः दी गई समीकरण m = 6 के लिए संतुष्ट है।
(a) n + 5 = 19 (n = 1) (b) 7n + 5 = 19 (n = – 2)
(c) 7n + 5 = 19 (n = 2) (d) 4p – 3 = 13 (p = 1)
(e) 4p – 3 = 13 (p = – 4) (f) 4p – 3 = 13 (p = 0)
(a) समीकरण n + 5 = 19 चर n पर एक प्रतिबंध है।
इसका कथन है कि व्यंजक n + 5 का मान 19 है।
जब n = 1;
n + 5
= 1 +5
[n = 1 को समीकरण 7n + 5 = 19 के L.H.S. में रखिए।]
= 1 + 5 = 6
क्योंकि 12 ≠ 6.
अर्थात्, L.H.S. ≠ R.H.S.
यह सूचित करता है कि समीकरण n + 15 = 19, n = 1 पर संतुष्ट नहीं है।
अत: n = 1 दी गई समीकरण का हल नहीं है।
(b) समीकरण 7n + 5 = 19 चर n पर एक प्रतिबंध है।
इसका कथन है कि व्यंजक 7n + 5 का मान 19 है।
जब n = – 2;
7n + 5
= 7 (-2) + 5
[n = – 2 को समीकरण n + 5 = 19 के L.H.S. में रखिए।]
= – 14 + 5
= – 9
क्योंकि – 9 ≠ 19
अर्थात् L.H.S. ≠ R.H.S.
यह सूचित करता है कि समीकरण 7n + 15 = 19 संतुष्ट नहीं है, जब n = – 2 हो।
अत: n = – 2 दिए गए समीकरण का हल नहीं है।
(c) समीकरण 7n + 5 = 19 चर n पर एक प्रतिबंध है।
इसका कथन है कि व्यंजक 7n + 5 का मान 19 है।
जब n = 2;
7n + 5
= 7 x 2 + 5
[n = 2 को समीकरण 7n + 5 = 19 के L.H.S. में रखिए।]
= 14 + 5 = 19 सरल समीकरण
क्योंकि 19 = 19
यह सूचित करता है कि समीकरण 7n + 15 = 19 संतुष्ट होती है, जब n = 2 हो।
अतः n = 2 दी गई समीकरण का हल है।
(d) समीकरण 4p – 3 = 13 चर p पर एक प्रतिबंध है।
इसका कथन है कि व्यंजक 4p – 3 का मान 13 है।
जब p = 1;
4p – 3
= 4 x 1 – 3
[p = 1 को समीकरण 4p – 3 = 13 के L.H.S. में रखिए।]
= 4 – 3 = 1
क्योंकि 1 ≠ 13.
अर्थात् L.H.S. ≠ R.H.S.
यह सूचित करता है कि समीकरण 4p + 3 = 13 संतुष्ट नहीं होती जब, चर p = 1 हो।
अत: p = 1 दी गई समीकरण का हल नहीं है।
(e) समीकरण 4p – 3 = 13 चर p पर एक प्रतिबंध है।
इसका कथन है कि व्यंजक 4p – 3 का मान 13 है।
जब p = – 4;
4p – 3
= 4 (- 4) – 3
[p = – 4 को समीकरण 4p – 3 = 13 के L.H.S. में रखिए]
= – 16 – 3
= – 19
क्योंकि – 19 ≠ 13.
अर्थात् L.H.S. ≠ R.H.S.
यह सूचित करता है कि समीकरण 4p + 3 = 13 संतुष्ट नहीं होता,
जब p = – 4 हो।
अतः p = – 4 दी गई समीकरण का हल नहीं है।
(f) समीकरण 4p – 3 = 13 चर p पर एक प्रतिबंध है।
इसका कथन है कि व्यंजक 4p – 3 का मान 13 है।
जब p = 0;
4p – 3
= 4 x 0 – 3
[p = 0 को समीकरण 4p – 3 = 13 के L.H.S. में रखिए]
= 0 – 3
= – 3
क्योंकि -3 ≠ 13.
यह सूचित करता है कि समीकरण 4p – 3 = 13 को संतुष्ट नहीं होता,
जब p = 0 हो।
अतः p = 0 दी गई समीकरण का हल नहीं है।
(i) 5p + 2 = 17 (ii) 3m – 14 = 4
हल :(i) समीकरण 5p + 2 = 17 का हल प्रयत्न और भूल विधि से ज्ञात करने के लिए हम चर p को भिन्न-भिन्न मान देते हैं। ये मान कुछ भी हो सकते हैं : 1, 2, 3 4…….
तब हम चर p के भिन्न-भिन्न मानों के संगत व्यंजक 5p + 2 के भिन्न-भिन्न मान ज्ञात करते हैं।
ये मान निम्नलिखित सारणी में दिए गए हैं :
चर p का मान | व्यंजक 5p + 2 का मान |
1 | 7 |
2 | 12 |
3 | 17 |
p = 1 पर ; 5p + 2 = 5 x 1 + 2 = 5 + 2 = 7
p = 2 पर ; 5p + 2 = 5 x 2 + 2 = 10 + 2 = 12
p = 3 पर ; 5p + 2 = 5 x 3 + 2 = 15 + 2 = 17
हम देखते हैं कि समीकरण 5p + 2 = 17, p = 3 पर संतुष्ट होता है।
अतः p = 3 दी गई समीकरण का हल है।
(ii) समीकरण 3m – 14 = 4 का हल प्रयत्न और भूल विधि से ज्ञात करने के लिए हम चर m को भिन्न-भिन्न मान देते हैं। ये मान कुछ भी हो सकते हैं 1, 2, 3, 4……...
तब, हम चर m के भिन्न-भिन्न मानों के संगत व्यंजक 3m – 14 के भिन्न-भिन्न मान ज्ञात करते हैं।
ये निम्नलिखित सारणी में निम्नानुसार दिए गये हैं :
चर p का मान | व्यंजक 3m – 14 का मान |
1 | -11 |
2 | -8 |
3 | -5 |
4 | -2 |
5 | 1 |
6 | 4 |
m = 1 पर ; 3m – 14
= 3 x 1 – 14
= 3 – 14 = – 11
m = 2 पर; 3m – 14
= 3 x 2 – 14
= 6 – 14 = – 8
m = 3 पर ; 3m – 14
= 3 x 3 – 14
= 9 – 14 = – 5
m = 4 पर ; 3m – 14
= 3 x 4 – 14
= 12 – 14 = – 2
m = 5 पर ; 3m – 14
= 3 – 5 – 14
= 15 – 14 = 1
m = 6 पर; 3m – 14
= 3 x 6 – 14
= 18 – 14 = 4
हम देखते हैं कि समीकरण 3m – 14 = 4, m = 6 पर संतुष्ट होता है।
अतः m = 6 दी गई समीकरण का हल है।
(i) संख्याओं ???? और 4 का योग 9 है।
(ii) y में से 2 घटाने पर 8 प्राप्त होते हैं।
(iii) α का 10 गुना 70 है।
(iv) संख्या b को 5 से भाग देने पर 6 प्राप्त होता है।
(v) t का तीन – चौथाई 15 है।
(vi) m का 7 गुना और 7 का योगफल आपको 77 देता है।
(vii) एक संख्या ???? की चौथाई ऋण 4 आपको 4 देता है।
(viii) यदि आप y के 6 गुने में से 6 घटाएँ, तो आपको 60 प्राप्त होता है।
(ix) यदि आप 2 के एक-तिहाई में 3 जोड़ें, तो आपको 30 प्राप्त होता है।
(i) ???? और 4 का योग ???? + 4 है।
संख्याओं का योग 9 है।
अतः अभीष्ट समीकरण है : ???? + 4 = 9.
(ii) y और 2 का अंतर y – 2
अंतर 8 है।
अतः अभीष्ट समीकरण है : y – 2 = 8.
(iii) α का दस गुना 10α है।
यह 70 है।
अतः अभीष्ट समीकरण है : 10α = 70.
(iv) संख्या b को 5 पर भाग देने पर
यह 6 है
अतः, अभीष्ट समीकरण है :
(v) t का तीन चौथ है :
यह 15 है।
अतः अभीष्ट समीकरण है
(vi) m का 7 गुना 7 m है।
7m और 7 का योगफल 7m + 7 होता है।
इसका परिणाम 77 है।
अतः अभीष्ट समीकरण है : 7m + 7 = 77.
(vi) x का चौथाई है। x का चौथाई ऋण 4 है : 7 – 4 परिणाम 4 है।
अतः अभीष्ट समीकरण है : – 4 = 4.
(viii) y का 6 गुणा 6y है।
y के 6 गुने में से 6 घटाएँ तो परिणाम 6y – 6 प्राप्त होता है।
अतः परिणाम 68 है अभीष्ट समीकरण है : 6y – 6 = 60.
(ix) 2 का एक तिहाई है।
z के एक-तिहाई में तीन जोड़ें तो प्राप्त होता है। इसलिए परिणाम 30 है।
अत: अभीष्ट समीकरण है :
(i) p + 4 = 15 (ii) m – 7 = 3 (iii) 2m = 7
(iv) (v)
(vi) 3p + 4 = 25
(vii) 4p – 2 = 18 (vi) P + 2 = 8
(i) संख्या p और 4 का योग 15 है।
(ii) m में से 7 लेने पर 3 आता है।
(iii) संख्या m का दुगुना 7 है।
(iv) संख्या m का एक पाँचवाँ 3 है।
(v) संख्या m के तीन पाँचवें 6 हैं।
(vi) p के तिगुने में जब 4 जोड़ें तो आपको 25 देता है।
(vii) संख्या p के चार गुना में से 2 घटाने पर 18 आता है।
(viii) संख्या p के आधे में से 2 जोड़ने पर 8 आता है।
(i) इरफान कहता है कि उसके पास, परमीत के पास जितने कँचे हैं उनके पाँच गुने से 7 अधिक कॅचे हैं। इरफान के पास 37 कँचे हैं।
(परमीत के कँचों की संख्या को m लीजिए।)
(ii) लक्ष्मी के पिता की आयु 49 वर्ष है। उनकी आयु, लड़की की आयु के तीन गुने से 4 वर्ष अधिक है। (लक्ष्मी की आयु कोy वर्ष लीजिए।)
(iii) अध्यापिका बताती हैं कि उनकी कक्षा में एक विद्यार्थी द्वारा प्राप्त किए गए अधिकतम अंक, प्राप्त किए न्यूनतम अंक का दुगुना धन 7 हैं। प्राप्त किए गए अधिकतम अंक 87 हैं। (न्यूनतम प्राप्त किए गए अंकों को 1 लीजिए।)
(iv) एक समद्विबाहु त्रिभुज में शीर्ष कोण प्रत्येक आधार कोण का दुगुना है। (मान लीजिए प्रत्येक आधार कोण b डिग्री है। याद
रखिए कि त्रिभुज के तीनों कोणों का योग 180 डिग्री होता है।)
(i) परमीत के कँचों की संख्या को m लीजिए।
m का पाँच गुना 5m है। m के पाँच गुणा से 7 अधिक = 5m + 7
परंतु m के पाँच गुना से 7 अधिक = इरफान के पास कँचों की संख्या अत: 5m + 7 = 37, जो कि चर m में एक समीकरण है।
(ii) लक्ष्मी की आयु को y वर्ष लीजिए।
लक्ष्मी की आयु का तीन गुना = 3y
लक्ष्मी की आयु के तीन गुना से 4 वर्ष अधिक = 3y + 4
परंतु लक्ष्मी की आयु के तीन गुणा से 4 वर्ष अधिक = लक्ष्मी के पिता की आयु
अत: 3y + 4 = 49,
जोकि चर y में एक समीकरण है।
(iii) न्यूनतम प्राप्त अंकों को l लीजिए।
न्यूनतम प्राप्त अंकों का दुगुना है = 2l
न्यूनतम प्राप्त अंकों के दुगना धन 7 = 21 + 7
परंतु न्यूनतम अंकों का दुगना धन 7 = एक विद्यार्थी द्वारा प्राप्त अधिकतम अंक
अत: 21 + 7 = 87, जोकि चर l में एक समीकरण है।
(iv) एक समद्विबाहु त्रिभुज में मान लीजिए प्रत्येक आधार कोण b° है।
∴ शीर्ष कोण = आधार कोण का दुगना = 2b
त्रिभुज के कोणों का योग = 180°
अत: b + b + 2b = 180°
या 4b = 180°, जोकि चर b में एक समीकरण है।
इस पोस्ट में आपको Class 7 Maths Chapter 4 Simple Equations Ex 4.1 PDF class 7 maths chapter 4 notes class 7 maths chapter 4 pdf Class 7 Maths Exercise 4.1 Chapter 4 Simple Equations class 7 maths chapter 4 exercise 4.1 question कक्षा 7 गणित प्रश्नावली 4.1 अध्याय 4 सरल समीकरण एनसीईआरटी समाधान कक्षा 7 गणित प्रश्नावली 4.1 सरल समीकरण कक्षा 7 गणित अध्याय 4 अभ्यास 4.1 से संबंधित पूरी जानकारी दी गई है अगर इसके बारे में आपका कोई भी सवाल या सुझाव हो तो नीचे कमेंट करके हम से जरूर पूछें और अगर आपको यह जानकारी फायदेमंद लगे तो अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें.
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