Class 11 Sociology (समाज का बोध) Chapter 2 – ग्रामीण तथा नगरीय समाज में सामाजिक परिवर्तन तथा सामाजिक व्यवस्था

ग्रामीण तथा नगरीय समाज में सामाजिक परिवर्तन तथा सामाजिक व्यवस्था अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1. सामाजिक परिवर्तन का अर्थ बताएं ।
उत्तर. मनुष्यों के समाज में मिलने वाला हरेक परिवर्तन सामाजिक नहीं होता । केवल उस परिवर्तन को ही सामाजिक कहते हैं जो सामाजिक सम्बन्धों में हो। इस प्रकार सामाजिक सम्बन्धों में होने वाले परिवर्तन को सामाजिक परिवर्तन कहते हैं । इन सामाजिक सम्बन्धों में हम समाज के अलग-अलग भागों में पाए गए सम्बन्ध व आपसी अन्तर्क्रियाओं को शामिल करते हैं ।

प्रश्न 2. सामाजिक परिवर्तन की दो परिभाषाएं दो ।
उत्तर. किंगस्ले डेविस के अनुसार, “सामाजिक परिवर्तन से अर्थ केवल उन परिवर्तनों से है जो सामाजिक संगठन अर्थात् सामाजिक संरचना तथा कार्यों में होते हैं । ”
जोंस के अनुसार, “सामाजिक परिवर्तन वह शब्द है जिसको हम सामाजिक प्रक्रियाओं, सामाजिक ढंगों, सामाजिक अन्तर्क्रियाओं या सामाजिक संगठन इत्यादि में पाए गए परिवर्तनों के वर्णन करने के लिए है । ”

प्रश्न 3. सामाजिक परिवर्तन के कौन-से कारक होते हैं ?
उत्तर. (i) भौगोलिक कारकों के कारण सामाजिक परिवर्तन आता है।
(ii) जैविक कारक भी सामाजिक परिवर्तन लाते हैं ।
(iii) जनसंख्यात्मक कारकों से भी सामाजिक परिवर्तन आते हैं ।
(iv) सांस्कृतिक कारकों तथा तकनीकी कारकों के कारण भी सामाजिक परिवर्तन आते हैं।

प्रश्न 4. सामाजिक परिवर्तन तुलनात्मक कैसे होता है ?
उत्तर. जब भी हम किसी परिवर्तन की बात कर रहे होते हैं तो हम वर्तमान स्थिति की तुलना प्राचीन स्थिति से करते हैं कि प्राचीन स्थिति तथा वर्तमान स्थिति में क्या अन्तर है । यह अन्तर सिर्फ दो स्थितियों की तुलना करके ही पता किया जा सकता है। इस तरह हम कह सकते हैं कि सामाजिक परिवर्तन तुलनात्मक होता है।

प्रश्न 5. सांस्कृतिक विडम्बना क्या होती है ?
उत्तर. संस्कृति के दो भाग होते हैं- भौतिक तथा अभौतिक । भौतिक संस्कृति में परिवर्तन तो तेज़ी से आ जाते हैं तथा हम उन्हें स्वीकार भी कर लेते हैं परन्तु अभौतिक संस्कृति में तेज़ी से परिवर्तन नहीं आते जिस कारण यह भौतिक संस्कृति से पीछे रह जाती है। दोनों भागों में काफ़ी अन्तर पैदा हो जाता है जिस कारण इस अन्तर को सांस्कृतिक विडम्बना कहा जाता है।

प्रश्न 6. पर्यावरण का सामाजिक परिवर्तन से क्या सम्बन्ध है ?
उत्तर. पर्यावरण से भी सामाजिक परिवर्तन तीव्रता से आता है। अगर किसी क्षेत्र का तापमान अत्यधिक हो जाए अथवा तेज़ी से नीचे चला गया, किसी क्षेत्र में ज्वालामुखी फट जाए, बाढ़ आ जाए, सुखा पड़ जाए तो उस क्षेत्र में तेज़ी से सम्बन्धों में परिवर्तन आ जाता है जिसे सामाजिक परिवर्तन कहा जाता है। इस प्रकार सामाजिक परिवर्तन लाने में पर्यावरण बहुत ही महत्त्वपूर्ण भाग अदा करता है ।

प्रश्न 7. प्रौद्योगिकी का सामाजिक परिवर्तन से क्या सम्बन्ध है ?
उत्तर. सामाजिक परिवर्तन लाने में प्रौद्योगिकी कारक बहुत ही महत्त्वपूर्ण होते हैं । प्रौद्योगिकी हमारे समाज को परिवर्तित कर देती है। यह परिवर्तन चाहे भौतिक वातावरण में होता है परन्तु इससे हमारे समाज की प्रथाओं, परम्पराओं, संस्थाओं में परिवर्तन आ जाता है। 18वीं सदी में आयी औद्योगिक क्रान्ति ने हमारे समाज, संस्थाओं, सम्बन्धों को पूर्णतया परिवर्तित कर दिया था। इस कारण ही प्रौद्योगिकी सामाजिक परिवर्तन से सम्बन्धित है।

प्रश्न 8. सामाजिक परिवर्तन के रूप में उद्विकास का अर्थ बताएं ।
उत्तर. अंग्रेज़ी भाषा का शब्द Evolution लातीनी भाषा के शब्द Evoluere से निकला है जिसका अर्थ है बाहर की तरफ फैलना। यह उद्विकासीय परिवर्तन वह होता है जिससे संरचना में विकास होता है। यह ऐसा परिवर्तन है जो एक निश्चित दिशा में होता है तथा जिससे तथ्य के गुणों तथा रचना में भी परिवर्तन आ जाता है।

प्रश्न 9. प्रगति का सामाजिक परिवर्तन के रूप में अर्थ बताएं ।
उत्तर. ऐसे परिवर्तन जो हमारी इच्छाओं तथा लक्षणों के अनुरूप हों तथा हमेशा लाभदायक स्थिति उत्पन्न करें, उसे प्रगति कहा जाता है। शब्द प्रगति अंग्रेज़ी भाषा के शब्द Progress का हिन्दी रूपान्तर है जो कि लातीनी भाषा के शब्द Progredior से लिया गया है जिसका अर्थ है आगे बढ़ना । इस प्रकार प्रगति ऐच्छिक तथा स्वीकृत दिशा में पाया जाने वाला परिवर्तन होता है ।

प्रश्न 10. सामाजिक परिवर्तन के रूप में क्रान्ति का अर्थ बताएं ।
उत्तर. क्रान्ति भी सामाजिक परिवर्तन लाती है । क्रान्ति सामाजिक संरचना में अचानक होने वाली प्रक्रिया है अथवा तेज़ी से होने वाला परिवर्तन है। इसमें वर्तमान सत्ता को उखाड़ दिया जाता है तथा नई सत्ता को स्थापित कर दिया जाता है । क्रान्ति खून-खराबे वाली भी हो सकती है तथा इसमें हिंसा का प्रयोग आवश्यक है।

प्रश्न 11. शक्ति का क्या अर्थ है ?
उत्तर. हरेक व्यक्ति जीवन में कुछ कार्य अपनी इच्छा से करता है तथा कुछ कार्यों को करने के लिए उसे बाध्य किया जाता है अथवा उन्हें करने के लिए वह बाध्य होता है। शक्ति सत्ता का भौतिक तथा अनुभवात्मक पक्ष (Physical and empirical aspect) है जिस कारण समाज के सभी सदस्य सत्ता द्वारा लिए गए निर्णयों को स्वीकार करने को बाध्य होते हैं। सामाजिक प्रतिष्ठा, प्रस्थिति, भौतिक तथा शारीरिक शक्ति इत्यादि शक्ति की प्रकृति को निर्धारित करते हैं।

प्रश्न 12. सत्ता का क्या अर्थ है ?
उत्तर. सत्ता का अर्थ है कि समाज के अन्य सदस्य जो इसके नियमों तथा नियमावलियों को मानने को तैयार हैं, इस सत्ता को एक सही क्षेत्र में मानने को बाध्य हों । मिल्स (Mills) के अनुसार, “सत्ता का अर्थ निर्णय लेने के अधिकार और दूसरे व्यक्तियों के व्यवहार को अपनी इच्छा के अनुसार तथा सम्बन्धित व्यक्तियों की इच्छा के विरुद्ध प्रभावित करने की क्षमता से है। ”

प्रश्न 13. ग्रामीण समुदाय से आपका क्या अभिप्राय है ?
उत्तर. जो समुदाय कृषि पर आधारित जीवन जीता है, जहाँ प्राथमिक सम्बन्धों की भरमार होती है तथा जहाँ कम जनसंख्या के साथ सरलता होती है वह ग्रामीण समुदाय होता है। ग्रामीण समुदाय में अनौपचारिक नियन्त्रण पाया जाता है जहां लोग परम्पराओं, धर्म, रूढ़ियों इत्यादि से नियन्त्रण में रहते हैं। यहां अनौपचारिक तथा प्रत्यक्ष सम्बन्ध पाए जाते हैं।

प्रश्न 14. नगर का क्या अर्थ है ?
उत्तर. वह भौगोलिक क्षेत्र जहां लोग कृषि के स्थान पर और हज़ारों प्रकार के कार्य करते हैं, जहां द्वितीयक सम्बन्धों की भरमार होती है तथा जहां अधिक जनसंख्या के साथ जटिल सम्बन्ध होते हैं । नगरों में औपचारिक नियन्त्रण पाया जाता है जो नियमों तथा कानूनों पर आधारित होता है। लोगों के बीच औपचारिक तथा द्वितीयक सम्बन्ध पाए जाते हैं।

प्रश्न 15. नगरों में जनसंख्या क्यों बढ़ रही है ?
उत्तर. नगरों में जीवन जीने की सभी सुविधाएं मौजूद हैं तथा हरके व्यक्ति को नगरों में कार्य मिल जाता । चाहे कार्य व्यक्ति की योग्यता के अनुसार प्राप्त होता है। शहरों में बड़े-बड़े उद्योग होते हैं जिस कारण ग्रामीण लोग इन उद्योगों में रोज़गार की तलाश में नगरों में आते हैं तथा नगरों की जनसंख्या को बढ़ाते हैं ।

प्रश्न 16. कृषि को गांव की शुरुआत कैसे माना जाता है ?
उत्तर. जब मनुष्य ने शिकार तथा पशुपालन अवस्था के बाद कुछ उगाना शुरू किया तो उसे अपनी फसल की रखवाली करनी पड़ती थी जिसके लिए उसे एक स्थान पर रुकना पड़ता था। धीरे-धीरे जब मनुष्य को एक ही स्थान पर भोजन मिलने लगा तो वह वहां पर ज्यादा समय तक रुकने लगा। इस तरह एक ही स्थान पर ठहरने के कारण गांव हमारे सामने आए।

प्रश्न 17. आदिम गांव किस प्रकार के होते थे ?
उत्तर. पुराने समय में क्योंकि संयुक्त परिवार हुआ करते थे इसलिए एक गांव में रक्त सम्बन्धी रहा करते थे । ऊंच-नीच की भावना नहीं होती थी । चीज़ों का लेन-देन होता था जिसको हम ‘Barter System’ कहते थे—अर्थात् एक चीज़ देकर दूसरी चीज़ प्राप्त की जा सकती थी । सम्बन्ध बहुत सीधे-सादे हुआ करते थे । |

प्रश्न 18. आधुनिक गांव किस प्रकार का होता है ?
उत्तर. वह गांव जहां लोगों की विचारधारा विज्ञान से प्रभावित हो गई हो, जहां पर वैज्ञानिक पद्धति का खूब प्रयोग होता हो, भाईचारे की भावना खत्म हो गई हो, त्याग, प्रेम, परोपकार इत्यादि देखने को न मिले तथा कृषि बाज़ार के लिए की जाती हो वह आधुनिक गांव होता है ।

प्रश्न 19. जजमानी प्रथा क्या होती है ?
उत्तर. वह प्रथा जिसमें कई जातियां या निम्न जातियां बड़ी या ऊंची जातियों को अपनी सेवाएं प्रदान करती हैं तथा जिसके बदले में उन्हें अनाज प्राप्त हो जाता है जजमानी प्रथा कहलाती है। सेवा लेने वाला जजमान तथा देने वाला कमीन कहलाता है।

प्रश्न 20. संयुक्त परिवार क्या होता है ?
उत्तर. वह परिवार जहां दो या दो से ज्यादा पीढ़ियां एक साथ रहती हों, खाना-पीना एक साथ हो तथा आय – व्यय भी इकट्ठा हो उसे संयुक्त परिवार कहते हैं ।

प्रश्न 21. ग्रामीण जीवन में एकरूपता से आपका क्या अभिप्राय है ?
उत्तर. जब गांवों में एक ही संस्कृति के लोग रहते हों, उनका खाना-पीना, रहन-सहन, पहरावा इत्यादि एक जैसा
हो उसे ग्रामीण जीवन में एकरूपता कहते हैं। यहां पर शहरों की तरह अलग-अलग संस्कृतियों के लोग नहीं बसते ।

प्रश्न 22. गांव में सहयोग बहुत ज्यादा पाया जाता है । कैसे ?
उत्तर. गांव के लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि होता है तथा कृषि करना एक व्यक्ति के बस की बात नहीं है। बिजाई, रोपाई, कटाई इत्यादि में ज्यादा व्यक्तियों की ज़रूरत पड़ती है । उस समय हम गांव में सहयोग देख सकते हैं। विवाह इत्यादि में गांव के सभी बड़े तथा बच्चे सहयोग करते हैं। कई बार तो किसी निर्धन कन्या की शादी भी मिल-जुल के ही कर देते हैं। इस तरह हम गांव में सहयोग देख सकते हैं।

प्रश्न 23. नगरीकरण तथा नगरीयवाद क्या होता है ?
उत्तर. नगरीकरण का अर्थ है जब गांव से जाकर लोग शहरों के आदर्श, मूल्य, आदतें इत्यादि अपना लें । इस प्रकार गांव से नगरों में आने वाले परिवर्तन को नगरीकरण कहते हैं ।
नगरीयवाद मूल्यों की वह व्यवस्था है जिसमें व्यक्तियों के बीच का सम्बन्ध व्यक्तिवादी, स्वार्थपूर्ण तथा औपचारिक
होता है।

प्रश्न 24. नगरों की कोई दो विशेषताएं बताओ ।
उत्तर. (i) नगरों में श्रम विभाजन का पाया जाना ।
(ii) औपचारिक तथा स्वार्थपूर्ण संबंधों का पाया जाना ।
(iii) ज्यादा उद्योगों का पाया जाना ।
(iv) कृषि पर कम निर्भरता ।

प्रश्न 25. कस्बा किसे कहते हैं ?
उत्तर. जो क्षेत्र ग्राम से बड़ा हो परन्तु नगर से छोटा हो, उसे कस्बा कहते हैं । साधारण तथा 5000 से अधिक जनसंख्या, 400 व्यक्ति प्रति वर्ग कि० मी० से अधिक घनत्व तथा जहां 75% से अधिक लोग ग़ैर-कृषि व्यवसायों में लगे हो, उसे कस्बा कहते हैं ।

प्रश्न 26. नगरीकरण में बढ़ोतरी क्यों हो रही है ?
उत्तर. (i) देश का औद्योगीकरण हो रहा है।
(ii) नगरों में सुविधाएं ज्यादा हैं ।
(iii) नगरों में शिक्षा, स्वास्थ्य इत्यादि सेवाएं आसानी से प्राप्त हो जाती हैं।
(iv) नगरों में रोज़गार आसानी से प्राप्त हो जाता है ।
(v) नगरों में सुरक्षा ज्यादा होती है।

प्रश्न 27. गांवों तथा नगरों में कुछ समानताएं बताओ ।
उत्तर. (i) गांवों तथा नगरों में भारत में समान चुनाव – प्रणाली है ।
(ii) दोनों में राजनीतिक सम्बन्ध समान होते हैं ।
(iii) दोनों में अर्थव्यवस्था समान होती है।
(iv) कानून दोनों के लिए समान हैं ।
(v) पंचायतों तथा नगरपालिकाओं को समान अधिकार प्राप्त

प्रश्न 28. समाज में परिवर्तन लाने का विरोध कौन तथा क्यों करता है ?
उत्तर. समाज के महत्त्वपूर्ण समूह अथवा प्रभुता रखने वाले समूह साधारणतया समाज में परिवर्तन लाने का विरोध करते हैं क्योंकि इससे उनकी स्थिति में परिवर्तन आ सकता है। समाज में प्रभुत्व रखने वाले समूहों के समाज स्थायित्व में कुछ छुपे हुए हित होते हैं। इसलिए कहीं उनकी स्थिति न बदल जाए तथा कहीं निम्न स्तर के समूह ऊपर न आ जाएं इसलिए वह समाज में परिवर्तन का विरोध करते है ।

प्रश्न 29. Social Order को कैसे बनाकर रखा जा सकता है ?
उत्तर. विस्तृत शब्दों में Social Order को दो ढंगों से बना कर रखा जा सकता है। पहला तो यह है कि जब लोग
अपनी मर्जी से समाज द्वारा बनाए हुए मूल्यों तथा प्रतिमानों को माने तथा उनके अनुसार ही कार्य करें। दूसरा यह कि उनको समाज द्वारा बनाए गए मूल्यों तथा प्रतिमानों को मानने के लिए मज़बूर किया जाए। इस प्रकार Social Order को व्यक्तिगत इच्छा से बाध्यता से बनाकर रखा जा सकता है।

इस पोस्ट में Class 11 Sociology – II Chapter 2 ग्रामीण तथा नगरीय समाज में सामाजिक परिवर्तन तथा सामाजिक व्यवस्था Sociology Class 11 Chapter 2 questions and answers Class 11 Samaj ka Bodh Notes Chapter 2. ग्रामीण तथा नगरीय समाज में सामाजिक परिवर्तन तथा सामाजिक व्यवस्था Class 11 Sociology (समाज का बोध ) Chapter 2 से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर दिए गए है यह प्रश्न उत्तर फायदेमंद लगे तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और इसके बारे में आप कुछ जानना यह पूछना चाहते हैं तो नीचे कमेंट करके अवश्य पूछे.

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