अति लघु-उत्तरीय प्रश्न
उत्तर – (क) व्यापार
(ख) काम की तलाश में लोगों का एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाना, ऐसे दो कारक हैं जो भूमंडलीकृत विश्व बनने की प्रक्रिया में सहायक हैं।
उत्तर – (क) आलू के प्रयोग से यूरोप के ग़रीब लोगों का भोजन बेहतर हो गया।
(ख) बेहतर भोजन के परिणामस्वरूप उनकी औसत आयु बढ़ने लगी।
उत्तर – इसने यूरोप के व्यापार को नई दिशा प्रदान की।
उत्तर – इन सैनिकों के पास इस बीमारी से बचाव के प्रभावशाली तरीके थे।
अथवा
उनके शरीर में रोग प्रतिरोधी क्षमता भी विकसित हो चुकी थी।
उत्तर – (क) यूरोप में ग़रीबी और भूख का बोलबाला था।
(ख) यूरोप में बहुत अधिक भीड़ तथा बीमारियाँ थीं।
उत्तर – अठारहवीं शताब्दी के दौरान चीन तथा भारत की गणना संसार के सबसे धनी देशों में की जाती थी।
उत्तर – तीव्र औद्योगिक प्रगति द्वारा लोगों की आय तथा ज़रूरतों में वृद्धि।
उत्तर – पूँजी लंदन जैसे वित्तीय केंद्रों से आने लगी तथा मजदूरों की पूर्ति ब्रिटेन एवं उसके उपनिवेशों से की गई।
उत्तर – नई नहरों वाले प्रदेशों में बसने वाली बस्तियों को केनाल कॉलोनी (नहर बस्ती) कहा जाता था।
उत्तर – कपास तथा रबड़ का ब्रिटेन के कारखानों में कच्चे माल के रूप में प्रयोग होता था जिसके कारण संसार भर में कपास तथा रबड़ की खेती को बढ़वा दिया गया।
उत्तर – आयातित जानवरों के यूरोप पहुँचने तक उनका मांस खाने योग्य नहीं रहता था या उनका वज़न कम हो जाता था।
उत्तर – विल्ज़ नदी को पार करना। ट्रांसवाल की सोना खदानों तक पहुँचने का सबसे छोटा और आसान रास्ता था।
उत्तर – रिंडरपेस्ट की बीमारी (1890 के दशक में) ने, क्योंकि इस बीमारी से उनके अधिकांश पालतू पशु मर गए।
उत्तर – शर्त यह होती थी कि यदि कोई मज़दूर अपने स्वामी के पास पाँच साल तक काम कर लेगा, तो वह स्वदेश लौट सकेगा।
उत्तर – इमाम हुसैन के नाम पर दिया गया था।
उत्तर – यह एक विद्रोही धर्म था जिसे जमैका के रैगे गायक बॉब मार्ले ने बहुत अधिक लोकप्रिय बना दिया था।
उत्तर – ‘नई दास-प्रथा’ को 1921 में समाप्त किया गया।
उत्तर – भारत के अनुबंधित श्रमिकों को मुख्य रूप से कैरीबियाई द्वीप समूह (मुख्यत: त्रिनिदाद, गुयाना और सुरीनाम), मारिशस तथा फिजी ले जाया जाता था।
उत्तर – ये बैंकर और व्यापारी थे जो मध्य तथा दक्षिण-पूर्व एशिया में निर्यात फ़सलें उगाने के लिए ऋण देते थे।
उत्तर – हैदराबादी सिंधी व्यापारी यूरोपीय उपनिवेशों में पैसा लगाने वाले भारतीय महाजन थे।
उत्तर – होम चार्जेज़ में ब्रिटिश अफ़सरों तथा व्यापारियों द्वारा घर भेजी जाने वाली निजी धन राशि भारतीय ऋण पर ब्याज तथा भारत में काम कर चुके ब्रिटिश अधिकारियों की पेंशन शामिल थी।
उत्तर – प्रथम विश्व युद्ध अगस्त 1914 में आरंभ हुआ।
दो विरोधी गुट
(क) मित्र राष्ट्र: ब्रिटेन, फ्रांस तथा रूस।
(ख) केंद्रीय शक्तियाँ: जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी तथा तुर्की।
उत्तर – मशीनगन, टैंक, हवाई जहाज़ तथा रासायनिक हथियार ।
उत्तर – धुरी शक्तियाँ: नात्सी जर्मनी, जापान तथा इटली।
मित्र राष्ट्र: ब्रिटेन, सोवियत संघ, फ्रांस तथा अमेरिका।
उत्तर – इस युद्ध में होने वाला विनाश पहले के युद्धों से कई गुना अधिक था।
उत्तर – जिस समय पूँजीवादी दुनिया महामंदी से जूझ रही थी, उस समय सोवियत संघ के लोगों ने अपने देश को एक पिछड़ी खेतिहर अर्थव्यवस्था को मज़बूत औदयोगिक आधार प्रदान किया।
उत्तर – इन दोनों संस्थानों ने औपचारिक रूप से 1947 में काम करना आरंभ किया। इनकी निर्णय प्रक्रिया पर पश्चिम के औद्योगिक राष्ट्रों का नियंत्रण रहता है।
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