अभ्यास के प्रश्नों के उत्तर
( अ ) इंसुलिन
( ब ) थायरॉक्सिन
(स) एस्ट्रोजन
(द) साइटोकाइनिन।
उत्तर- (द) साइटोकाइनिन
(अ) द्रुमिका
(ब) सिनेप्स
(स) एक्जान
(द) आवेग।
उत्तर- (ब) सिनेप्स।
(अ) सोचने के लिए
(ब) हृदय स्पंदन के लिए
(स) शरीर का संतुलन बनाने के लिए
(द) उपर्युक्त सभी।
उत्तर- (द) उपर्युक्त सभी।
उत्तर- ग्राही सवेदनशील अंगो में होती है | ये पर्यावरण से सूचनाएँ ग्रहण करते है| इनके द्वारा व्यक्ति पर्यावरण से स्वयं को संतुलित करता है यदि ये उचित तरीके से कार्य न करें तो मस्तिष्क सूचनाएँ ग्रहण नहीँ कर पाएगा या देर से करेगा अतः असुरक्षित हो जाएगा |
अथवा
एक तांत्रिका कोशिका से विद्युत् आवेग अगली तंत्रिका कोशिका में कैसे प्रारंभ होता है। समझाइए।
अथवा
तंत्रिका ऊतक से सूचना प्राप्त होने पर, पेशी कोशिका किस प्रकार गति करती है ? समझाइए।
अथवा
तंत्रिका कोशिका द्वारा संवेदी सूचनाएँ किस प्रकार उपार्जित की जाती हैं ?
उत्तर- न्यूरॉन अथवा तंत्रिका कोशिका तंत्रिका आवेग आवेग के संचरण हेतु विशेषीकृत, तंत्रिका तंत्र की कार्यात्मक तथा सरंचनात्मक इकार्इ है यह लगभग 90 – 100 cm लंबी होती है। न्यूरॉन के 3 भाग होते है – द्रुमिका ,कोशिका काय, एक्सॉन
कोई भी तंत्रिका कोशिका सीधी दूसरी तंत्रिका कोशिका से जुड़ी हुई नहीं होती। इनके बीच कुछ रिक्त स्थान होता है जिसमें बहुत-ही समीप का संवहन होता है इसे अंतर्ग्रथन कहते हैं। यदि हमारे पैर में दर्द है तो इसकी सूचना पैर में स्थित संवेदी तंत्रिका कोशिका के डैड्राइट ग्रहण करते हैं। तंत्रिका कोशिका उसे विद्युत संकेत में बदल देती है। यह विद्युत संकेत तंत्रिकाक्ष के द्वारा प्रवाहित होता है। अंतर्ग्रथन में होता हुआ यह मस्तिष्क तक पहुँचता है। मस्तिष्क संदेशं ग्रहण कर उस पर अनुक्रिया करता है। प्रेरक तंत्रिका इस अनुक्रिया को पैर की पेशियों तक पहुँचाती है और पैर की पेशियां उचित अनुक्रिया करती हैं। तंत्रिका कोशिका (न्यूरॉन) तीन प्रकार की हैं
(i) संवेदी तंत्रिकोशिका- शरीर के विभिन्न भागों से यह संवेदनाओं को मस्तिष्क की ओर ले जाती है।
(ii) प्रेरक तंत्रिकोशिका– यह मस्तिष्क से आदेशों को पेशियों तक पहुँचाती है।
(iii) बहुधुवी तंत्रिकोशिका– यह संवेदनाओं को मस्तिष्क की तरफ और मस्तिष्क से पेशियों की ओर ले जाने का कार्य करती है।
उत्तर- जड़ प्रकाश के विपरीत मुड़कर अनुक्रिया करती है तथा तने प्रकाश की दिशा में मुड़कर , इसे प्रकाशावर्तन कहते है | पादप में ऑकिस्न हॉर्मोन स्त्रावित होता है | यह सूर्य के प्रकाश में तने के अंधेरमय भाग में आ जाता है और वहाँ की कोशिकोओं को लंबा कर उन्हें प्रकाश की ओर झुका जाता है | इसे घनात्मक प्रकाशावर्तन कहते है | जड़े ऋणात्मक दर्शाती है |
उत्तर-प्रतिवर्ती क्रियाएँ सम्पन्न नहीं हो पाएंगी .इसके अलावा सभी सूचनाएँ ठीक प्रकार से संचारित नहीं होगी |
उत्तर- पादपों में रासायनिक समन्वय पादप हॉर्मोनों के कारण होता है। पादप कोशिकाएँ हार्मोन को उत्पन्न करती है | ये हार्मोन वृद्धि , विकास तथा विभाजन को निंयत्रित करते है | ये हार्मोन ही रासायनिक समन्वय स्थापित करते है |
उत्तर- जीवों ने नियंत्रण व समन्वय का एक तंत्र विकसित कर लिया है, क्योंकि:
(i) यह शरीर की सभी प्रतिवर्त को नियंत्रित करता है तथा इसकी पर्यावरण के हानिकारक परिवर्तनों से सुरक्षा करता है।
(ii) यह ऐच्छिक गतियों को नियंत्रण करता है।
(iii) यह अनैच्छिक गतियों को नियंत्रित करता है।
(iv) यह जीवों को सोचने, विचारने, विश्लेषण करने, निष्कर्ष निकलने, निर्णय लेने आदि की क्षमता प्रदान करता है।
(v) यह जीवों को अधिकतम लाभ के लिए उचित प्रकार से प्रतिक्रिया करने में सहायक है।
उत्तर-अनैच्छिक क्रियाएँ :
1. शरीर या शरीर के किसी अंग की क्रियाएँ जिन्हें हम अपनी इच्छा से नियंत्रित नहीं कर सकते, इन्हें अनैच्छिक क्रियाएँ कहते हैं।
2. इनका नियंत्रण मध्यमस्तिष्क व पश्चमस्तिष्क द्वारा किया जाता हैं।
3. उदाहरण: ह्दय का धड़कना, साँस लेना, पाचननली की क्रमाकुंचन गति।
प्रतिवर्ती क्रियाएँ :
1. किसी उद्दीपन के प्रति अचानक व तीव्र प्रतिक्रियाएँ, प्रतिवर्ती क्रियाएँ कहलाती हैं।ना |
2. ये मुख्यत: मेरुरज्जु द्वारा नियंत्रित होती हैं, न कि मस्तिष्क के द्वारा। यह स्वत: ही होती हैं।
3. उदाहरण: छींकना, खाँसना, मुहँ में लार आना, पलकें झपकना आदि।
उत्तर – हॉर्मोन क्रिया विधि
1. यह एक्सॉन के अंत में विद्युत आवेग का परिणाम
2. सूचना धीरे-धीरे गति करती है।
3. सूचना सारे शरीर को रक्त के माध्यम से प्राप्त हो जाती है जिसे कोई विशेष कोशिका या तंत्र स्वयं प्राप्त कर लेता है।
4. इसे उत्तर प्रायः धीरे-धीरे प्राप्त होता है।
5. इसका प्रभाव प्रायः देर तक रहता है।
तंत्रिका क्रिया विधि
1. यह रक्त के द्वारा भेजा गया रासायनिक संदेश है। है जो कुछ रसायनों का विमोचन कराता है।
2. सूचना अति तीव्रगति से आगे बढ़ती है।
3. सूचना विशिष्ट एक या अनेक तंत्रों, कोशिकाओं,न्यूरानों आदि को प्राप्त होती है।
4. इसे उत्तर शीघ्र प्राप्त हो जाता है।
5. इसका प्रभाव कम समय तक रहता है।
उत्तर- छुई-मुई पादप में गति :
- इस पौधे में गति का आधार स्पर्श है |
- यहाँ गति पतियों के झुकने व खिलने पर आधारित है |
- यहाँ पतियोंके आकार में भी परिवर्तन होता है |
हमारी टाँग में होने वाली गति :
- इसमें गति का आधार मानव तंत्रिका तंत्र है |
- यहाँ गति पेशियों के सिकुड़ने व फैलने पर आधारित है |
- यहाँ पैर या उसकी पेशियों के आकार में कोई परिवर्तन नहीं है |
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NCERT Solutions for Class 10 Science (Hindi Medium)
- Class 10th Science Chapter 1 – रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण
- Class 10th Science Chapter 2 – अम्ल, क्षार एवं लवण
- Class 10th Science Chapter 3 – धातु और अधातु
- Class 10th Science Chapter 4 – कार्बन और उसके यौगिक
- Class 10th Science Chapter 5 – तत्वों का आवर्त वर्गीकरण
- Class 10th Science Chapter 6 – जैव प्रक्रम
- Class 10th Science Chapter 7 – नियंत्रण एवं समन्वय
- Class 10th Science Chapter 8 – जीव जनन कैसे करते है
- Class 10th Science Chapter 9 – आनुवंशिकता एवं जैव विकास
- Class 10th Science Chapter 10 – प्रकाश – परावर्तन तथा अपवर्तन
Class 10th Science Chapter 11 – मानव नेत्र तथा रंगबिरंगा संसार - Class 10th Science Chapter 12 – विद्युत (Electricity)
- Class 10th Science Chapter 13 – विधुत धारा के चुंबकीय प्रभाव
- Class 10th Science Chapter 14 – ऊर्जा के स्रोत
- Class 10th Science Chapter 15 – हमारा पर्यावरण
- Class 10th Science Chapter 16 – प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन
Very good sir
Bahut achchha isi tarah other notes banate rahe ???????? please thank your so much brother
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