उत्तर- V = 12 V,
I = 2.5 mA = 2.5 x 10-3A
प्रतिरोधक का प्रतिरोध =
उत्तर- सभी प्रतिरोध श्रेणीक्रम में हैं इसलिए
Rs = 0.2 Ω + 0.3 Ω + 0.4Ω + 0.5 Ω + 12 Ω = 13.4 Ω
परिपथ में विद्युत्,
श्रेणीक्रम में सभी प्रतिरोधकों में प्रवाहित विद्युत् समान होगी ।
इसलिए सभी 12Ω के प्रतिरोधक से प्रवाहित विद्युत् होगी = 0.67 A
उत्तर- I = 5A, V = 220 V
परिपथ की प्रतिरोधकता,
प्रत्येक प्रतिरोधक का प्रतिरोध, r = 176 Ω
यदि n प्रतिरोधक, प्रत्येक की प्रतिरोधकता r को पार्श्वक्रम में संयोजित करें तो इच्छित प्रतिरोध हो R = r/n
उत्तर- (1) 6 Ω के तीन प्रतिरोधकों से 9 Ω का प्रतिरोध प्राप्त करने के लिए हमें दो प्रतिरोधकों को पाश्र्वक्रम तथा तीसरे प्रतिरोध को इनके श्रेणीक्रम में लगाना होगा।
RAB =RAc + RCB = 6 + (⅙ + ⅙ ) =6 + 3 = 9 Ω
(ii) 2 Ω प्रतिरोधकता प्राप्त करने के लिए हमें तीनों प्रतिरोधों को पार्श्वक्रम में लगाना होगा।
RAB =⅙ + ⅙+⅙ = 2
अत: RAB = 2 Ω
उत्तर- प्रत्येक बल्ब का प्रतिरोध,
परिपथ की कुल प्रतिरोधकता,
मान लीजिए कि बल्बों की संख्या n है और प्रतिरोधकता R प्राप्त करने के लिए
उत्तर- (i) विभवांतर = 220V, प्रत्येक कुंडली का प्रतिरोध, r = 24 Ω
(i) प्रत्येक कुंडली में प्रवाहित विद्युत्धारा, I = V/r = 9.16 A
(ii) कुंडली A तथा B को श्रेणीक्रम में जोड़ने पर प्रतिरोध, Rs = r+r = 2r = 48 Ω
श्रेणीकृत कुंडलियों में प्रवाहित विद्युत्धारा, Is=
(ii) कुंडली A तथा B को पार्श्वक्रम में जोड़ने पर प्रतिरोध, Rp=
पार्श्वक्रमित कुंडलियों में प्रवाहित विद्युत्धारा Ip=
(i) 6 V की बैटरी से संयोजित 12 तथा 2 Ω श्रेणीक्रम संयोजन
(ii) 4 V बैटरी से संयोजित 12 Ω तथा 2 Ω का पाश्र्वक्रम संयोजन।
उत्तर- (i) क्योंकि 6 V की बैटरी को 1 Ω तथा 2 Ω के प्रतिरोध के साथ श्रेणीक्रम में संयोजित किया गया है । इसलिए इसमें प्रवाहित विद्युत् है
R = R1+ R2
R = 1+2 = 3Ω
I = V/R
I = 6V /3Ω = 2A
2 Ω प्रतिरोध में प्रयोग हुई शक्ति, P = I2R = (2)2x 2 = 8 W
(ii) 4V की बैटरी को 12 Ω तथा 2 Ω के प्रतिरोध के साथ पार्श्वक्रम में जोड़ने पर प्रत्येक प्रतिरोधक दोनों सिरों में विभवांतर होगा, V = 4 V
2 Ω के प्रतिरोध में प्रयोग की गई शक्ति,
इस प्रकार ,
उत्तर- पहले लैंप की शक्ति (P1) = 100 वाट
पहले लैंप की विभवांतर (V) = 220 वोल्ट
पहले लैंप में प्रवाहित धारा (I1) = P1/V = 100/220 ऐपियर
दूसरे लैंप की शक्ति (P2) = 60 वाट
दूसरे लैंप का विभवांतर (V) = 220 वोल्ट
दूसरे लैंप में प्रवाहित धारा (I2) = P2/V= 60/220 ऐपियर
विद्युत मेंस से ली गई धारा,
I = I1 + I2 = 100/220 + 60/220 = 160/220 = 0.727 A
उत्तर- 250 W के TV सेट द्वारा 1 घंटे में उपभुक्त ऊर्जा,
= 250 W x 1 h = 250 Wh
1200 W के विद्युत् हीटर द्वारा 10 मिनट में उपभुक्त ऊर्जा,
= 1200 W ⅙ h = 200 Wh
अतः 250 W के T.V. सेट के द्वारा अधिक ऊर्जा उपभुक्त होगी।
उत्तर-I = 15A, R = 8 Ω S2 , t =2h
विद्युत् शक्ति, P = I2R (15)2 x 8 = 1800 W अथवा 1800 J/S
(a) विद्युत् लैंपों के तंतुओं के निर्माण में प्रायः एकमात्र टंग्स्टन का ही उपयोग क्यों किया जाता है ?
(b) विद्युत् तापन युक्तियों जैसे ब्रेड-टोस्टर तथा विद्युत् इस्तरी के चालक शुद्ध धातुओं के स्थान पर मिश्रधातुओं के क्यों बनाए जाते हैं ?
(c) घरेलू विद्युत् परिपथों में श्रेणीक्रम संयोजन का उपयोग क्यों नहीं किया जाता है ?(d) किसी तार का प्रतिरोध उसकी अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल में परिवर्तन के साथ किस प्रकार परिवर्तित होता है ? |(e) विद्युत् संचारण के लिए प्राय: कॉपर तथा एल्यूमीनियम के तारों का उपयोग क्यों किया जाता है ? |
उत्तर-(a) विद्युत लैंपों के तंतुओं के निर्माण में प्राय एकमात्र टंगस्टन का उपयोग इसलिए किया जाता है क्योंकि-
(i) टंगस्टन की प्रतिरोधकता उच्च है इसलिए यह विद्युत आवेश के कारण बिना अधिक गर्म हुए प्रकाश उत्पन्न कर सकता है अतः इनका उपयोग बल्बों में होता है।
(ii) इसका गलनांक 3400 डिग्री सेल्सियस है। इसी कारण विद्युत् धारा प्रवाहित करने से यह पिघलता नहीं है।
(b)विद्युत टोस्टरो तथा विद्युत इस्तरियो के तापन अवयव शुद्ध धातु के न बनाकर किसी मिश्र धातु के बनाए जाते हैं इसके निम्न लिखित कारण हैं-
1. मिश्र धातुओं में अपने घटक धातुओं की तुलना में उच्च प्रतिरोधकता है
2. मिश्रित धातु उच्च तापमान पर आसानी से ऑक्सीकरण (या जला) नहीं करते हैं।
3.इसका गलनांक अधिक होता हैं।
(c) घरों में विद्युत् के लिए क्रमबद्ध व्यवस्था व्यवहारिक है। क्योंकि इससे विद्युत् पथ का प्रवाह अलग-अलग | जगह बंट जाता है और सभी में वोल्टेज़ बंट कर कम हो जाती है। ऐसी अवस्था में सारे घर के लिए बल्ब, पंखे आदि एक ही स्विच से चलेंगे। उन्हें स्वतंत्र रूप से नहीं जलाया-बुझाया जा सकता।
(d) तार की मोटाई के क्षेत्रफल से विद्युत् प्रवाह का सीधा संबंध होता है। यह प्रतिरोध का व्युत्क्रम होता है।
(e) कॉपर एवं एल्यूमीनियम के तारों का प्रतिरोध काफी कम है इसलिए यह अधिक गर्म नहीं होती और इनका प्रयोग विद्युत् संचारण में किया जाता है।
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NCERT Solutions for Class 10 Science (Hindi Medium)
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- Class 10th Science Chapter 3 – धातु और अधातु
- Class 10th Science Chapter 4 – कार्बन और उसके यौगिक
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Class 10th Science Chapter 11 – मानव नेत्र तथा रंगबिरंगा संसार - Class 10th Science Chapter 12 – विद्युत (Electricity)
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- Class 10th Science Chapter 14 – ऊर्जा के स्रोत
- Class 10th Science Chapter 15 – हमारा पर्यावरण
- Class 10th Science Chapter 16 – प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन
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