अति लघु-उत्तरीय प्रश्न
उत्तर- हमारे देश में कानून बनाने से संबंधित तीन प्रकार की सूचियाँ हैं। पहली है संघीय सूची जिसमें दिए गए विषयों पर केवल केंद्र सरकार ही कानून बना सकती है। दूसरी सूची है राज्य सूची जिसमें दिये गए विषयों पर केवल राज्य सरकार कानून बना सकती है। तीसरी है समवर्ती सूची जिसमें दिए गए विषयों पर केंद्र तथा राज्य दोनों कानून बना सकते हैं। परंतु कानूनों के आमने-सामने होने से केंद्र सरकार का कानून मान्य होगा।
उत्तर- संपूर्ण देश के हित से संबंधित मुद्दे, जैसे कि रक्षा, विदेश मंत्रालय, डाक तथा तार, वित्त इत्यादि केंद्र सरकार को दिए गए हैं। इस प्रकार स्थानीय महत्त्व से संबंधित मुद्दे राज्य सरकारों को दिए गए हैं। बाकी बचे मुद्दों पर कोई भी कानून बना सकता है।
उत्तर- संघीय सूची राष्ट्रीय महत्त्व के विषयों की एक सूची है जिन पर केवल केंद्र सरकार कानून बना सकती है। संघीय सूची में संपूर्ण देश से संबंधित विषय होते हैं जैसे कि रक्षा, वित्त, विदेश विभाग, बैंकिंग, डाक तथा तार इत्यादि। इन मामलों पर केवल केंद्र सरकार ही निर्णय ले सकती है।
उत्तर- राज्य सूची स्थानीय एवं प्रांतीय महत्त्व के विषयों की एक सूची है जिन पर केवल राज्य सरकार कानून बना सकती है। स्थानीय महत्त्व के विषय इसमें शामिल होते हैं जैसे कि पुलिस, कृषि सिंचाई, व्यापार, वाणिज्य इत्यादि। राज्य सरकार केवल उन विषयों पर कानून बना सकती है जो राज्य सूची में दिए गए हैं।
उत्तर- समवर्ती सूची ऐसे विषयों की एक सूची है जिसमें केंद्र तथा राज्य सरकारों दोनों के सांझा हित शामिल हैं। वन, शिक्षा, ट्रेड यूनियन इत्यादि जैसे विषय इसमें शामिल हैं। केंद्र तथा राज्य सरकारें दोनों इन विषयों पर कानून बना सकती हैं। परंतु अगर दोनों सरकारों द्वारा बनाए कानून आमने-सामने आ जाएँ तो राज्य सरकार का कानून निरस्त हो जाएगा तथा केंद्र सरकार का कानून मान्य होगा।
उत्तर- भारत एक बहुत बड़ा देश है जिसकी जनसंख्या 121 करोड़ (2011 की जनसंख्या के अनुसार) है। केंद्र तथा राज्य सरकार के लिए देश के बड़े आकार के कारण, यह मुमकिन नहीं कि वह प्रत्येक गाँव तथा शहर का ध्यान रख सकें। इसलिए प्रशासन की शक्तियों का ऊपर से नीचे तक विभाजन किया गया है ताकि लोगों की भलाई के लिए कार्य हो सके।
उत्तर- भारत में शक्तियों के विकेंद्रीकरण के लिए एक महत्त्वपूर्ण कदम उठाते हुए 1992 में संविधान में 73वाँ संवैधानिक संशोधन किया गया। उसके उपरांत स्थानीय स्व-सरकारों को अधिक शक्तियाँ प्रदान की गईं।
उत्तर- संघवाद सरकार की एक व्यवस्था है जिसमें संपूर्ण शक्तियों को केंद्र तथा उसे बनाने वाले घटकों में विभाजित किया जाता है। केंद्र सरकार संपूर्ण राष्ट्र पर शासन करती है तथा इसके घटक अलग-अलग राज्य होते हैं जो राज्यों पर शासन करते हैं। इसलिए ही संघीय व्यवस्था में दो अथवा अधिक प्रकार की सरकारें होती हैं।
उत्तर- संघवाद में दो प्रकार की सरकारें होती हैं। यह हैं-केन्द्रीय सरकार तथा राज्य सरकारें।
उत्तर- संघवाद दो प्रकार का होता है : साथ आकर संघ बनाना (Coming Together Federation) तथा साथ लेकर संघ बनाना (Holding Together Federation).
उत्तर- इस प्रकार के संघ में केन्द्र तथा राज्य दोनों को समान अधिकार प्राप्त होते हैं। उदाहरण के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका।
उत्तर- इस प्रकार के संघ में केन्द्र सरकार राज्य सरकारों की अपेक्षा अधिक शक्तिशाली होती है। उदाहरण के लिए भारत ।
उत्तर- (क) महाराष्ट्र (ख) पंजाब (ग) आन्ध्र प्रदेश (घ) तमिलनाडु।
उत्तर- (क) केन्द्रीय सूची (ख) राज्य सूची (ग) समवर्ती सूची।
उत्तर- गाँव के स्तर पर पंचायत, ब्लॉक के स्तर पर पंचायत समिति तथा जिला स्तर पर जिला परिषद् ।
उत्तर- शक्तियों का विकेंद्रीकरण ।
उत्तर- 73वाँ संवैधानिक संशोधन 1992 में हुआ था।
उत्तर- स्थानीय सरकार में एक तिहाई स्थान औरतों के लिए आरक्षित हैं।
उत्तर- नगर निगम के राजनीतिक मुखिया को मेयर कहते हैं।
इस पोस्ट में NCERT Solutions for Class 10th: पाठ 2 – संघवाद ,संघवाद Class 10 Notes एनसीईआरटी कक्षा 10 राजनीति विज्ञान अध्याय 2: संघवाद class 10 civics chapter 2 sanghvad ncert solution ,class 10 civics chapter 2 extra questions Class 10 Political Science Chapter 2 – Federalism संघवाद पाठ के प्रश्न उत्तर Class 10 Civics Chapter 2 (Political Science) Federalism in PDF NCERT Solutions for Class 10 Democratic Politics (Social Science) Chapter 2 – Federalism, संघवाद के अति लघु पशन उतर संघवाद नोट्स PDF से संबंधित काफी महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है यह जानकारी फायदेमंद लगे तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और इसके बारे में आप कुछ जानना यह पूछना चाहते हैं तो नीचे कमेंट करके अवश्य पूछे.
Sanwad chapter
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