अति लघु-उत्तरीय प्रश्न
उत्तर- भूपर्पटी का निर्माण विभिन्न प्रकार के खनिजों के योग से हआ है।
उत्तर- सिलिका, चूना-पत्थर, ऐलुमिनियम ऑक्साइड तथा विभिन्न फॉस्फेट खनिज।
उत्तर- दंतमंजन में फ्लूराइड (Fluride) नामक पदार्थ दाँतों को गलने से बचाता है। यह फ्लूओराइट नामक खनिज से प्राप्त होता है।
उत्तर- अधिकतर दंतमंजन में टिटेनियम ऑक्साइड (Titanium Oxide) का प्रयोग किया जाता है।
उत्तर- अभ्रक दंतमंजन (toothpaste) को चमक प्रदान करता है।
उत्तर- टूथब्रश तथा टूथपेस्ट की ट्यूब पेट्रोलियम से प्राप्त प्लास्टिक की बनी होती है।
उत्तर- यूँ तो खनिज हमारे कुल पौष्टिक उपभोग का केवल 0.3 प्रतिशत हैं, परंतु ये इतने गुणकारी हैं कि इनके बिना हम शेष 99.7 प्रतिशत भोज्य पदार्थों का उपभोग करने में असमर्थ हैं।
उत्तर- खनिज अयस्क से अभिप्राय उस पदार्थ से है जिसमें से कोई धातु सरलतापूर्वक तथा कम लागत से प्राप्त की जा सकती है।
उत्तर- चट्टानें खनिजों के समरूप तत्वों की यौगिक हैं।
उत्तर- खनिजों के रंग, कठोरता, चमक, घनत्व आदि के आधार पर भू-वैज्ञानिक खनिजों का वर्गीकरण करते हैं।
उत्तर- जस्ता, ताँबा, जिंक तथा सीसा।
उत्तर- जिप्सम, पोटाश, नमक तथा सोडियम।
उत्तर- धरातलीय चट्टानों के घुलनशील तत्वों के अपरदन के पश्चात् अयस्क अथवा खनिज वाली चट्टानें शेष रह जाती हैं।
उत्तर- पहाड़ियों के आधार तथा घाटी तल की रेत में पाये जाने वाले जलोढ़ के जमाव को प्लेसर निक्षेप कहते हैं।
प्रश्न 15. प्लेसर निक्षेपों में किस गुण वाले खनिज पाए जाते हैं?
उत्तर- प्लेसर निक्षेपों में प्राय: ऐसे खनिज पाए जाते हैं जो जल द्वारा घर्षित नहीं होते।
उत्तर- कोयले का निर्माण अवसादी शैलों से हुआ है।
उत्तर- किसी खनिज का एक लंबी तथा तंग सुरंग के रूप में खनन ‘रैट होल खनन’ कहलाता है।
उत्तर- (क) अयस्क में खनिज की मात्रा। (ख) उत्खनन में आसानी।
उत्तर- ओडिशा तथा कर्नाटक से।
उत्तर- मैंगनीज़ का उपयोग मुख्य रूप से इस्पात बनाने में होता है।
उत्तर- भारत में ओडिशा मैंगनीज़ का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है।
उत्तर- अभ्रक के निम्नलिखित गुणों के कारण इसका उपयोग विदयत तथा इलेक्ट्रॉनिक उद्योगों में किया जाता है :
(क) सर्वोच्च परावैद्युत शक्ति (ख) निम्न ऊर्जा ह्रास
(ग) अचालकता (घ) उच्च वोल्टेज का प्रतिरोध।
उत्तर- सीमेंट उद्योग का।
उत्तर- ताप, प्रकाश तथा ऊर्जा प्रदान करने वाले खनिज ऊर्जा संसाधन कहलाते हैं।
उत्तर- चार ऊर्जा संसाधन हैं: कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस तथा यूरेनियम।
उत्तर- ऐलुमिनियम बॉक्साइट अयस्क से प्राप्त की जाती है। ऐलुमिनियम लोहे की तरह मज़बूत होने के साथ-साथ अत्यधिक हल्की एवं सुचालक होती है।
उत्तर- लिग्नाइट भूरा कोयला होता है जो निम्न कोटि का होता है।
उत्तर (क) पेट्रोलियम ताप व प्रकाश प्रदान करता है।
(ख) इससे मशीनों को स्नेहक मिलता है।
उत्तर- प्राकृतिक गैस जलने पर नाममात्र कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ती है जिससे पर्यावरण प्रदूषण नहीं होता। इसी कारण प्राकृतिक गैस को वर्तमान शताब्दी का ईंधन कहा जाता है।
उत्तर- हजीरा-विजयपुर-जगदीशपुर (HVJ) गैस पाइप लाइन 1700 किलोमीटर लंबी है।
उत्तर- जल विद्युत् तथा ताप विद्युत्।
उत्तर- पेट्रो रसायन उद्योग में किया जाता है।
उत्तर- भाखड़ा नंगल, दामोदर घाटी कारपोरेशन और कोपिली हाइडल परियोजना आदि।
उत्तर- बायो गैस जैविक पदार्थों के अपघटन से उत्पन्न की जाती है।
उत्तर- (क) गोबर गैस से किसानों को स्वच्छ ईंधन प्राप्त होता है।
(ख) इससे उन्हें उत्तम प्रकार की जैविक खाद प्राप्त होती है।
उत्तर- पृथ्वी के आंतरिक भागों के ताप के प्रयोग द्वारा उत्पन्न की जाने वाली विद्युत् को भू-तापीय ऊर्जा कहते हैं।
उत्तर- देश के औद्योगीकरण के लिए हम बड़ी-बड़ी मशीनें लगा रहे हैं जिन्हें बिना ऊर्जा के नहीं चलाया जा सकता।
उत्तर- क्योंकि कोयला, खनिज तेल तथा प्राकृतिक गैस की उत्पत्ति जैविक पदार्थों के गलने-सड़ने से हुई है।
उत्तर- (क) लोहा, कोयला, मैंगनीज़ तथा चूने का पत्थर ।
(ख) अलौह खनिज जैसे कि जस्ता, सीसा, ताँबा और सोना।
उत्तर- धात्विक खनिजः लोहा. मैंगनीज़ तथा कोबाल्ट।
अधात्विक खनिजः चूने का पत्थर, अभ्रक तथा कोयला।
उत्तर- भारत के चार महत्त्वपूर्ण मैंगनीज़ अयस्क उत्पादक राज्य हैं: महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, ओडिशा तथा कर्नाटक।
उत्तर- ताँबे का उपयोग बर्तन, बिजली की तारें तथा मिश्र धातुएँ बनाने में किया जाता है।
उत्तर- भारत में हैमेटाइट तथा मैग्नेटाइट किस्म का लौह-अयस्क अधिक मात्रा में पाया जाता है। इस प्रकार के अयस्क में 60 से 70 प्रतिशत तक शुद्ध लोहे का अंश होता है। इसी कारण अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में हमारे लौह-अयस्क की बड़ी माँग है।
उत्तर- ‘बांबे हाई’ भारत का सबसे बड़ा तेल क्षेत्र है।
उत्तर- वाणिज्य ऊर्जा के स्रोत हैं: कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस तथा जल विद्युत्।
उत्तर- कोयला काला होता है और यह कई उद्योगों का आधार है। इसके अत्यधिक उपयोगों के कारण ही इसे काला सोना कहा जाता है।
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Or bhi esi tarah ka prsan ka solve kijiye