अति लघु-उत्तराय प्रश्न
उत्तर- बैंक वह संस्था है जो लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से जमा स्वीकार करती है जिनका चैक द्वारा भुगतान कर दिया जाता है तथा जो लोगों को ऋण देती है।
उत्तर- ऐसी जमा जिसे जब चाहे चैक द्वारा निकलवाया जा सके, माँग जमा कहलाती है।
उत्तर- कोई भी वस्तु जिसे विनिमय के माध्यम, धन के संचय, मूल्य के माप तथा ऋणों के भुगतान के रूप में सामान्य रूप से स्वीकार किया जाता है।
उत्तर- मुद्रा ने वस्तु विनिमय की कठिनाइयों को दूर किया है।
उत्तर- वस्तुओं का वस्तुओं अथवा सेवाओं का सेवाओं से सीधे रूप में अदल-बदल को वस्तु विनिमय प्रणाली कहते हैं।
उत्तर- वस्तु विनिमय प्रणाली, जहाँ मुद्रा का उपयोग किये बिना वस्तुएँ सीधे आदान-प्रदान की जाती हैं, वहाँ एक व्यक्ति जो बेचने की इच्छा रखता है, वो दूसरे व्यक्ति की खरीदने की इच्छा से बिल्कुल मेल खाना चाहिए। इसे ही माँगों का दोहरा संयोग कहते हैं।
उत्तर- क्योंकि जिस व्यक्ति के पास मुद्रा है वह इसका विनिमय किसी भी वस्तु या सेवा खरीदने के लिए आसानी से कर सकता है। इसलिए हर कोई भुगतान मुद्रा के रूप में लेना पसंद करता है।
उत्तर- बैंकों की आय का प्रमुख स्रोत जमा स्वीकार करना तथा लोगों को ऋण देना है।
उत्तर- क्योंकि किसी एक समय पर जमाकर्ताओं द्वारा धन निकालने की संभावना को देखते हुए कुछ हिस्सा नकद रूप में रखा जाता है।
उत्तर- (क) क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (ख) सहकारी समितियाँ।
उत्तर- 2300 सदस्य।
उत्तर- ऋण की शर्ते।
उत्तर- करेंसी, कागजी नोट तथा सिक्के।
उत्तर- भारतीय रिज़र्व बैंक।
उत्तर- 15 से 20 सदस्य।
उत्तर- आत्मनिर्भर समूह में बचत और ऋण संबंधित निर्णय सदस्य लेते हैं।
उत्तर- अनौपचारिक।
उत्तर- औपचारिक।
उत्तर- एक व्यक्ति जो वस्तु बेचने की इच्छा रखता है उसकी वस्तु खरीदने वाले की वस्तु से मेल नहीं खाती है।
उत्तर- मुद्रा के प्रयोग से जूता निर्माता के लिए जरूरी नहीं रह जाता कि वो ऐसे किसान को ढूँढें जो न केवल उसके जूते खरीदे बल्कि साथ-साथ उसको गेहूँ भी बेचें। अब उसे केवल अपने जूते के लिए खरीददार ढूँढ़ना है।
उत्तर- चेक एक ऐसा कागज़ है जो बैंक को किसी व्यक्ति के खाते से चेक पर लिखे नाम के किसी दूसरे व्यक्ति को एक खास रकम का भुगतान करने का आदेश देता है।
उत्तर- करेंसी मुद्रा का आधुनिक रूप है, जैसे-कागजी नोट व सिक्के।
उत्तर- ऋण एक समझौता होता है जिसमें देनदार किसी व्यक्ति को धन, वस्तुएँ व सेवाएँ उससे वापिस लेने के वायदे के आधार पर प्रदान करता है।
उत्तर- जब ऋण अदायगी की राशि कर्ज अदायगी की राशि कर्जदाता की आय से बढ़ जाती है, तब वह ऋण जाल में होता है।
उत्तर- समर्थक ऋणाधार ऐसी संपत्ति है जिसका कर्जदार मालिक है और इसका इस्तेमाल वे उधारदाता को गारंटी देने के रूप में करता है।
उत्तर- औपचारिक क्षेत्रक ऋण वे हैं जो बैंकों या सहकारी समितियों द्वारा दिए जाते हैं।
उत्तर- ब्याज दर, समर्थक ऋणाधार, आवश्यक कागज़ात और भुगतान के तरीकों को सम्मिलित रूप से ऋण की शर्ते कहा जाता है। हर ऋण समझौते में ब्याज दर निश्चित कर दी जाती है, जिसे कर्जदार महाजन को मूल रकम के साथ अदा करता है।
उत्तर- औपचारिक ऋणदाता: इसमें बैंकों और सहकारी समितियों से लिए कर्ज शामिल होते हैं।
अनौपचारिक ऋणदाता: इसमें साहूकार, व्यापारी, मालिक, रिश्तेदार, दोस्त आदि आते हैं।
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