Class 10 Maths Chapter 6 Exercise 6.5 – त्रिभुज
NCERT Solutions for Class 10 Maths Chapter 6 Triangles Ex 6.5 – आज हम आप के लिए Class 10 Maths Chapter 6 Triangles में लेकर आयें है। जो कि Class 10 Maths Exams के लिए अत्यन्त उपयोगी साबित होगी. कक्षा 10वीं के विद्यार्थी के लिए यहां पर एनसीईआरटी कक्षा 10 गणित अध्याय 6. (त्रिभुज) प्रश्नावली 6.5 के लिए सलूशन दिया गया है. जोकि एक सरल भाषा में दिया है .ताकि विद्यार्थी को पढने में कोई दिक्कत न आए .इसकी मदद से आप अपनी परीक्षा में अछे अंक प्राप्त कर सकते है.
NCERT Solutions For Class 10th Maths त्रिभुज (प्रश्नावली 6.5)
(i) 7 cm, 24 cm, 25 cm
(ii) 3 cm, 8 cm, 6 cm
(iii) 50 cm, 80 cm, 100 cm
(iv) 13 cm, 12 cm, 5 cm.
AB = 7 cm
BC = 24 cm, AC = 25 cm
AB2 + BC2 = (7)2 + (24)2
= 49 + 576 = 625
AC2 = (25)2 = 625
अब AB2 + BC2 = AC2
∴ ∆ ABC एक समकोण त्रिभुज है।
(ii) मान लीजिए ∆PQR में,PQ = 3 cm, QR = 8 cm
PR = 6 cm
PO2 + PR2 = (3)2 + (6)2
= 9 + 36 = 45
QR2 = (8)2 = 64
यहाँ PQ2 + PR2 ≠ QR2
∴ ∆ PQR समकोण त्रिभुज नहीं है।
(iii) मान लीजिए ∆MNP में, MN = 50 cm,NP = 80 cm, MP = 100 cm
MN2 + NP2 = (50)2 + (80)2
= 2500 + 6400 = 8900
MP2 = (100)2 = 10000
यहाँ MP2 ≠ MN2 + NP2
∴ ∆MNP समकोण त्रिभुज नहीं है।
(iv) मान लीजिए ∆ABC में,AB = 13 cm, BC = 12 cm,
AC = 5 cm
BC2 + AC2 = (12)2 + (5)2
= 144 + 25 = 169
AB2 = (13)2 = 169
∴ AB2 = BC2 + AC2
∆ABC समकोण त्रिभुज है।
उपपत्ति: (दिया है)
∠P = 90°
∴ ∠1 + ∠2 = 90° …(1)
∠M = 90°
∆PMQ में,
∠1 + ∠3 + ∠n = 180° …(2)
∠1 + ∠3 = 90°
[∠M = 90°]
(1) और (2) से,
∠1 + ∠2 = ∠1 + ∠3
∠2 = ∠3
∆QPM और ∆RPM में,
∠3 = ∠2 (प्रमाणित)
∠5 = ∠6 (प्रत्येक 90°)
∴ ∆QMP ~ ∆PMR [AA समरूपता]
क्षे०/क्षे०
[यदि दो त्रिभुजें समरूप हैं, तो उनके क्षेत्रफलों का अनुपात उनकी संगत भुजाओं के वर्गों के अनुपात के बराबर होता है।][∵ त्रिभुज का क्षेत्रफल = आधार x शीर्षलम्ब]
PM2 = QM x RM ] [अतः सत्यापित]
(i) AB2 = BC.BD
(ii) AC2 = BC.DC
(iii) AD2 = BC.CD
∠D = ∠D (उभयनिष्ठ)
∠A = ∠C (प्रत्येक 90°)
∴ ∆DAB ~ ∆DCA [AA समरूपता]
∆DAB और ∆ACB में, …(1)
∠B = ∠B (उभयनिष्ठ)
∠A = ∠C (प्रत्येक 90°)
∴ ∆DAB ~ ∆ACB ….(2)
(1) और (2) से,
∆DAB ~ ∆ACB ~ ∆DCA
(i) ∆ACB ~ ∆DAB (प्रमाणित)
∴ क्षे०/क्षे०
[यदि दो त्रिभुजें समरूप हैं, तो उनके क्षेत्रफलों का अनुपात उनकी संगत भुजाओं के वर्गों के अनुपात के बराबर होता है।][∵ त्रिभुज का क्षेत्रफल = आधार x शीर्षलम्ब]AB2 = BC x BD
(ii) ∆ACB ~ ∆DCA (प्रमाणित)क्षे०/क्षे०
[यदि दो त्रिभुजें समरूप हों, तो उनके क्षेत्रफलों का अनुपात संगत भुजाओं के अनुपात के वर्ग केबराबर होता है।]
OB = 1800 km.
समकोण ∆AOB में,
AB2 = AO2 + OB2
AB2 = (1500)2 + (1800)2
AB = √2250000 + 3240000
= 15490000
AB = 300 √61 km.
∴ दोनों हवाई जहाज़ों के बीच की दूरी = 300 √61 km
[∵ त्रिभुज का क्षेत्रफल = आधार x शीर्षलम्बAC2 = BC x DC
(iii) ∆DAB ~ ∆DCA (प्रमाणित)
क्षे०/क्षे०
[यदि दो त्रिभुजें समरूप हों, तो उनके क्षेत्रफलों का अनुपात संगत भुजाओं के अनुपात के वर्ग के बराबर होता है।]⇒ AD2 = BD x CD
सिद्ध करना है : AB2 = 2AC2
उपपत्ति : ∆ACB में, LC = 90°
AC = BC (दिया है)
AB2 = AC2 + BC2
[पाइथागोरस प्रमेय से]
= AC2 + AC2 [BC = AC]
AB2 = 2AC2 [अतः सत्यापित
AB2 = 2AC2
सिद्ध करना है : ∆ABC एक समकोण त्रिभुज है।
उपपत्ति : AB2 = 2AC2 (दिया है)
AB2 = AC2 + AC2
AB2 = AC2 + BC2 [AC = BC]
∴ पाइथागोरस प्रमेय के विलोम से, ∆ABC समकोण त्रिभुज है।
AD ⊥ BC
AB = AC = BC = 2α
∆ADB ≅ ∆ADC [RHS सर्वांगसमता से]
∴ BD = DC = α
समकोण ∆ ADB में,
AB2 = AD2 + BD2
(2α)2 = AD2 + (α)2
4α2 – α2 = AD2
AD2 = 3α2
AD2 = 3α2
AD = √3α
सिद्ध करना है :
AB2 + BC2 + CD2 + AD2 = AC2 + BD2
उपपत्ति : ∵ समचतुर्भुज के विकर्ण परस्पर समकोण पर समद्विभाजित होते हैं।
∴ AO = CO, BO = DO
∴ O पर कोण समकोण हैं
∆AOB में, ∠AOB = 90°
∴ AB2 = AO2 + BO2 ….(1)
इसी प्रकार, BC2 = CO2 + BO2 …(2)
CD2 = CO2 + DO2 ….(3)
और DA2 = DO2 + AO2 ….(4)
(1), (2), (3) और (4) को जोड़ने पर हमें प्राप्त होता है।
AB2 + BC2 + CD2 + DA2
= 2AO2 + 2CO2 + 2BO2 + 2DO2
= 4AO2 + 4BO2
[∵ AO = CO और BO = DO]
= (2AO)2 + (2BO)2 = AC2 + BD2
(i) OA2 + OB2 + OC2 – OD2 – OE2 – OF2
= AF2 + BD2 + CE2
(ii) AF2 + BD2 + CE2
= AE2 + CD2 + BF2
सिद्ध करना है :
(i) AF2 + BD2 + CE2 = OA2 + OB2 + OC2 – OD2 – OE2 – OF2
(ii) AF2 + BD2 + CE2
= AE2 + CD2 + BF2
रचना : AB, OC और OA को मिलाइए।
उपपत्ति : (i) समकोण ∠∆AFO में,
OA2 = OF2 + AF2
या AF2 = OA2 – OF2 …(1)
समकोण ∆BDO में,
OB2 = BD2 + OD2 [पाइथागोरस प्रमेय से]
⇒ BD2 = OB2 – OD2 ….(2)
समकोण ∆CEO में,
OC2 = CE2 + OE2 [पाइथागोरस प्रमेय से]
⇒ CE2 = OC2 – OE2 ….(3)
∴ AF2 + CD2 + CE2
= OA2 – OF2 + OB2 – OD2 + OC2 – OE2
= OA2 + OB2 + OC2 – OD2
– OE2 – OF2
जोकि (1) को सिद्ध करता है।
पुन : AF2 + BD2 + CE2
= (OA2 – OE2) + (OC2 – OD2)
+ (OB2 – OF2)
= AE2 + CD2 + BF2
{∵ AE2 = AO2 – OE2}
{CD2 = OC2 – OD2}
{BF2 = OB2 – OF2}
सीढ़ी की लंबाई (BC) = 10 m
सीढ़ी के निचले सिरे और दीवार के आधार के बीच की दूरी (BC) = ?
∆ABC में,
AB2 + BC2 = AC2 [पाइथागोरस प्रमेय से]
(8)2 + (BC)2 = (10)2
64 + BC2 = 100
BC2 = 100 – 64
BC = √36
BC = 6 cm
∴ सीढ़ी के निचले सिरे और दीवार के आधार के बीच की दूरी = 6 cm.
तार की लंबाई, BC = 24m
फोटो
C, खूटे की स्थिति है। इसकी खंभे के आधार से दूरी BC = है। समकोण ABC,
AB + BC2 = AC2 [पाइथागोरस प्रमेय से]
(18)2 + (BC)2 = (24)2
324 + (BC)2 = 576
BC2 = 576 – 324
BC = √252
BC = 6√7 m
= 100 km/hr.
पहले हवाई जहाज़ द्वारा उत्तर की ओर घंटे में तय की गई दूरी
= OA = 1500
दूसरे हवाई जहाज़ की चाल
= 1200 km/hr.
दूसरे हवाई जहाज़ द्वारा घंटे में तय की गई दूरी
हल : खंभे की ऊँचाई, AB = 11m
खंभे की ऊँचाई (CD) = 6 m
खंभों के आधारों में दूरी = 12 m
C से CE ⊥ AB खींचिए
BE = DC = 6m
AE = AB – BE
= (11 – 6) m = 5m
समकोण ∆AEC में,
AC2 = AE2 + EC2
AC = √(5)2 + (12)2
= √25 + 24
= √169 = 13
∴ खंभों के ऊपरी सिरों के बीच की दूरी = 13m.
अर्थात्
सिद्ध करना है :
AE2 + BD2 = AB2 + DE2
उपपत्ति : समकोण ∆BCA में,
AB2 = BC2 + CA2 …(1)
[पाइथागोरस प्रमेय से]समकोण ∆ECD में,
DE2 = EC2 + DC2 …..(2)
समकोण ∆ACE में,
AE2 = AC2 + CE2 …..(3)
समकोण ∆BCD में,
BD2 = BC2 + CD2 ….(4)
(3) और (4) को जोड़ने पर,
AE2 + BD2 = AC2 + CE2 + BC2 + CD2
= [AC2 + CB2] + [CE2 + DC2]
= AB2 + DE2 [(3) और (4) से]
अतः, AE2 + BD2 = AB2 + DE2.
सिद्ध कीजिए कि 2AB2 = 2 AC2 + BC2 है।
हल : दिया है : ∆ABC में, AD ⊥ BC
BD = 3CD है।
सिद्ध करना है :
2AB2 = 2AC2 + BC2
उपपत्ति :- समकोण त्रिभुजों ADB और ADC में,
AB2 = AD2 + BD2;
AC2 = AD2 + DC2
∴ AB2 – AC2 = BD2 – DC2
= 9CD2 – CD2;
[∵ BD = 3CD]
⇒ 2(AB2 – AC2) = BC2
⇒ 2AB2 – 2AC2 = BC2
∴ 2AB2 = 2AC2 + BC2
सिद्ध करना है : 9AD2 = 7AB2
रचना : AB ⊥ BC
उपपत्ति :- ∆AMBO ≅ ∆AMC
[R.H.S. नियम से क्योंकि AM = AM और AB = AC]पुन:
∴
और
(∵ BC, D पर तीन भागों में विभाजित है)
अब ∆ADC में, ∠C न्यून कोण है।
∴ AD2 = AC2 + DC2 – 2DC x MC
और
[∵ AC = BC = AB]∴
⇒ 9AD2 = 7AB2
AB = BC = AC
AD ⊥ DC
सिद्ध करना है : AB2 = 4AD2
उपपत्ति : ∆ABC में,
मान लीजिए AB = BC = AC = 2α
AD ⊥ BC
∴
समकोण त्रिभुज में,
AB2 = AD2 + BD2
(2α)2 = AD2 + (α)2
4α2 = AD2 + α2
4α2 – α2 = AD2
AD2 = 3α2
3AB2=4AB2
(a) 120° (b) 60°
(C) 90° (d) 45°
AB = 6√3 cm
BC = 6 cm
AC2 = (12)2 = 144 cm
AB2 + BC2 = (6√3)2 + (6)2
= 108 + 36
AB2 + BC2 = 144
∴ AB2 + BC2 = AC2
पाइथागोरस प्रमेय के विलोम से,
∴ ∆ABC में B पर समकोण है .
∠B = 90°
∴ विकल्प (C) सही है।
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