Class 10 Maths Chapter 11 Exercise 11.1 – रचनाएँ
NCERT Solutions for Class 10 Maths Chapter 11 Constructions Ex 11.1 – आज हम आप के लिए Class 10 Maths Chapter 11 Constructions में लेकर आयें है। जो कि Class 10 Maths Exams के लिए अत्यन्त उपयोगी साबित होगी. कक्षा 10वीं के विद्यार्थी के लिए यहां पर एनसीईआरटी कक्षा 10 गणित अध्याय 11. (रचनाएँ) प्रश्नावली 11.1 के लिए सलूशन दिया गया है. जोकि एक सरल भाषा में दिया है .ताकि विद्यार्थी को पढने में कोई दिक्कत न आए .इसकी मदद से आप अपनी परीक्षा में अछे अंक प्राप्त कर सकते है.
NCERT Solutions For Class 10th Maths रचनाएँ (प्रश्नावली 11.1)
निम्न में से प्रत्येक के लिए रचना का औचित्य भी दीजिए :
रचना के चरण :
1. एक रेखाखंड AB = 7.6 cm लीजिए।
2. न्यून ZBAX बनाती हुई कोई किरण AX खींचिए।
3. किरण AX पर 5 + 8 = 13 (दिया गया अनुपात 5 : 8) बिन्दु A1, A2, A3, A4, A5………A10, A11, A12, A13 इस प्रकार अंकित कीजिए कि AA1 = A1A2 = A2A3 = A3A4 = ….. = A11A12 = A12 A13 हो।
4. BA13 को मिलाइए।
5. बिंदु A5, से होकर जाने वाली A5C || A13B (A5 पर ∠AA13B
के बराबर कोण बनाकर) AB को एक बिंदु ‘C’ प्रतिच्छेद करती हुई खींचिए। तब AC : CB = 5 : 8
औचित्य : आइए हम देखें कि यह विधि कैसे हमें अभीष्ट विभाजन प्रदान करती है। ∆AA13B में,
∵ A5C || A13B है।
∴ आधारभूत समानुपातिकता प्रमेय द्वारा
रचना से,
∴
यह दर्शाता है कि ‘C’, AB को 5 : 8 के अनुपात में विभाजित करता है। दोनों भागों को मापने पर,
AC = 2.9 cm, CB = 4.7 cm
वैकल्पिक विधि :
रचना के चरण :
1. एक रेखाखंड AB = 7.6 cm लीजिए।
2. एक न्यून कोण BAX खींचिए।
3. ∠ABY इस प्रकार खींचिए कि
∠ABY = BAX हो
4. बिंदु A1, A2, A3, A4, A5 किरण AX पर अंकित कीजिए ताकि AA1 = A1A2 = A2A3 = A3A4 = A4A5.
5. बिंदु B1, B2, B3, B4, B5, B6, B7, B8 किरण BY पर इस प्रकार अंकित कीजिए कि
BB1 = B1B2 = B2B3 = B3B4
= B4B5 = B5B6 = B6B7 = B7B8
6. A5B8 को मिलाइए मानो यह AB को बिंदु ‘C’ पर प्रतिच्छेद करती है। तब AC : CB = 5 : 8
औचित्य :
∆ACA5, और ∆ BCB8 में,
∠ACA5 = ∠BCB8 [शीर्षाभिमुख कोण]
∠ABB8 = ∠BAA8 [रचना]
∴ ∆ACA8 ~ ∆BCB8 [AA-समरूपता कसौटी]
∴ त्रिभुजों की संगत भुजाएँ एक ही अनुपात में होंगी।
(I) (II) (III)
I और III से,
परन्तु
⇒
अत: AC : CB = 5 : 8
1. दी गई शर्तों और मापों से एक त्रिभुज की रचना कीजिए। मान लीजिए ∆ABC है। ∆ABC में, AB = 5 cm,
AC = 4 cm और BC = 6 cm.
2. भुजा BC के नीचे कोई कोण ∠CBX बनाइए।
3. तीन बिंदु ( में 2 और 3 में से बड़ी संख्या) B1, B2, B3, BX पर इस प्रकार अंकित कीजिए कि BB1 = B1B2 = B2B3 हो।
4. B3BC को मिलाइए।
5. B2, ( में 2 और 3 में से छोटी संख्या) में से एक रेखा B3C के समांतर खींचिए जो BC को C’ पर प्रतिच्छेद करती है। 6. C’, में से होकर
जाने वाली CA के समांतर एक रेखा खींचिए जो BA को A’ पर मिले।
अतः, ∆A’BC’ अभीष्ट त्रिभुज है जिसकी भुजाएँ ∆ABC की संगत भुजाओं की गुनी हैं।
रचना का औचित्य :
पहले हम यह दिखाएंगे कि पहली त्रिभुज और रचना की गई त्रिभुज समरूप हैं।
अर्थात् ∆A’BC’ ~ ∆ABC.
∆A’BC’ और ∆ABC में
∠B = ∠B [उभयनिष्ठ]
∠A’C’B = ∠ACB [रचना से]
∆A’C’B ~ ∆ACB [AA-समरूपता]
∴ त्रिभुजों की संगत भुजाएँ समान अनुपात में होंगी।
…(1)
अब ∆B2BC’ और ∆B3BC लीजिए
∠B = ∠B [उभयनिष्ठ]
BB2C’ = BB3C [रचना]
∴ BB2C’ = BB2C [AA – समरूप]
∴ त्रिभुजों की संगत भुजाएँ समान अनुपात में होंगी।
अर्थात्
I II III
(I) और (II) को लेने पर,
परन्तु (रचना)
……(2)
(1) और (2) से,
⇒
और
अतः, रचना औचित्य पूर्ण है।
रचना के चरण :
1. ∆ABC की रचना कीजिए जिसमें AB = 7 cm, BC = 6 cm और AC = 5 cm हैं।
2. आधार AB के नीचे कोई न्यून कोण ∠BAX बनाइए।
3. सात बिंदु A1, A2, A3, A4, A5, A6, A7, किरण AX पर इस प्रकार अंकित कीजिए कि
AA1 = A1A2 = A2A3 = A3A4
= AA; = A-A6 = A6A, हो।
4. BA5 को मिलाइए।
5. A7, से A5B के समांतर एक रेखा खींचिए। मान लीजिए यह AB को बढ़ाने पर B’ पर इस प्रकार मिलती है कि
6. B’ में से BC के समांतर एक रेखा खींचिए जो AC को बढ़ाने पर C’ पर मिलती है।
रचना का औचित्य
∆ABC और ∆AB’C’ में,
∠A = ∠A [उभयनिष्ठ]
∠ABC = ∠AB’C’ [रचना] ∴ ∆ABC ~ ∆AB’C’ [AA-समरूपता]
∴ त्रिभुजों की संगत भुजाएँ एक ही अनुपात में होंगी।
….(1)
पुनः ∆AA5B और ∆AA7B’ में,
∠A = ∠A [उभयनिष्ठ]
∠AA5B = ∠AA7B’ [रचना]
∴ ∆AA5B ~ ∆AA7B’ [AA – समरूपता]
∴ त्रिभुजों की संगत भुजाएँ एक ही अनुपात में होंगी।
⇒
परंतु, [रचना]
⇒ …(2)
(1) और (2) से,
या
⇒
और
अत: ∆AB’C’ की भुजाएँ ∆ABC की संगत भुजाओं की गुनी हैं।
रचना करना : एक त्रिभुज जिसकी भुजाएँ समद्विबाहु त्रिभुज की संगत भुजाओं का गुनी हैं।
रचना के चरण :
1. आधार AB = 8 cm लीजिए।
2. AB का लंब समद्विभाजक खींचिए जो AB को ‘M’ पर प्रतिच्छेद करे।
3. M को केन्द्र मानकर और त्रिज्या 4 cm, लेकर एक चाप लगाइए जो लंब समद्विभाजक को ‘C’ पर प्रतिच्छेद करे।
4. CA और CB को मिलाइए।
5. ∆ABC समद्विबाहु त्रिभुज है जिसमें CA = CB.
6. भुजा BC के नीचे कोई न्यून कोण ZBAX बनाइए।
7. तीन बिंदु ( या में तथा 3 में से बड़ी संख्या) A1, A2, A3, ‘AX’ पर इस प्रकार अंकित कीजिए कि AA1 = A1A2 = A2A3 हो।
8. A2 ( में ‘2’ और ‘3’ में से छोटी संख्या) और B को मिलाइए।
9. A3, में से एक रेखा A2B के समांतर खींचिए जो AB को बढ़ाने पर B’ पर मिले।
10. B’, में से एक रेखा BC के समांतर खींचिए जो AC को बढ़ाने पर C’ पर मिले। ∆AB’C’ अभीष्ट त्रिभुज है जिसकी भुजाएँ ∆ABC की संगत भुजाओं की गुनी हैं।
रचना का औचित्य :
सर्वप्रथम हम सिद्ध करेंगे कि ∆AB’C’ और ∆ABC समरूप हैं। ∆AB’C’ और ∆ABC में,
∠A = ∠A [उभयनिष्ठ]∠AB’C’ = ∠ABC [रचना से]∆AB’C’ ~ ∆ABC [AA-समरूपता से
∴ त्रिभुजों की संगत भुजाएँ एक ही अनुपात में हैं।
….(1)
अब ∆ A3AB’ और ∆ A2AB में,
∠A = ∠A [उभयनिष्ठ]
∠B’A3A = ∠BA2A [रचना से]
∴ ∆A3AB’ ~ ∆A2AB [AA-समरूपता]
∴ त्रिभुजों की संगत भुजाएँ एक ही अनुपात में होंगी।
I II III
(I) और (II) को लेने पर,
परंतु,
⇒ …..(2)
(1) और (2) से,
⇒
⇒
और
अत: रचना औचित्य पूर्ण है।
1. रेखाखंड BC = 6 cm लीजिए।
2. B पर 60° का कोण बनाइए अर्थात् ∠BAX = 60° बनाइए।
3. B को केन्द्र मानकर और 5 cm त्रिज्या लेकर एक चाप खींचिए जो BX को ‘A’ पर प्रतिच्छेद करे।
4. A और C को मिलाइए।
5. BC के नीचे B पर कोई न्यून कोण बनाइए।
6. चार बिंदु ( में 3 और 4 में से बड़ी संख्या) B1 B2, B3, B4, रेखा BY पर इस प्रकार अंकित कीजिए कि BB1, = B1B2 = B2B3 = B3B4 हो।
7. B4 और C को मिलाइए।
8. B3 ( में 3 और 4 से छोटी संख्या) में से एक रेखा B4C के समांतर खींचिए। मान लीजिए B3, में से खींची रेखा BC को C’ पर प्रतिच्छेद करती है।
9. C’, में से एक रेखा CA के समांतर खींचिए जो BA को A’ पर प्रतिच्छेद करती है।
∆A’BC’ अभीष्ट त्रिभुज है जिसकी संगत भुजाएँ ∆ABC की संगत भुजाओं के गुनी हैं।
रचना का औचित्य :
∆A’BC’ और ∆ABC लीजिए।
∠B = ∠B [उभयनिष्ठ]
∠A’C’B = ∠ACB [संगत कोण]
∴ ∆ABC ~ ∆ABC [AA-समरूपता]
∴ त्रिभुजों की संगत भुजाएँ एक ही अनुपात में होंगी।
∴ …..(1)
अब ∆B3BC’ और ∆B4BC में,
∠B = ∠B [उभयनिष्ठ]
∠C’B3B = ∠CB4B [संगत कोण
∆B4BC’ ~ ∆B4BC [AA-समरूपता]
∴ त्रिभुजों की संगत भुजाएँ एक ही अनुपात में होंगी।
….(2)
(I) और (II) से,
परंतु, [रचना]
…(3)
(1) और (3) से,
⇒
और
अर्थात् ∆A’BC’ की भुजाएँ ∆ABC की संगत भुजाओं की गुनी हैं।
1. दिए गए मापों से त्रिभुज ABC की रचना कीजिए।
2. भुजा BC के नीचे बिंदु B पर कोई न्यून कोण CBX खींचिए।
त्रिभुज के कोण योग गुणधर्म से
∠A + ∠B + ∠C = 180°
105° + 45° + ∠C = 180°
∠C = 180° – 150° = 30°
3. चार बिंदु ( में 3 और 4 में से बड़ी संख्या) B1, B2, B3, B4, ‘BX’ पर इस प्रकार अंकित कीजिए कि BB1 = B1B2 = B2B3 = B3B4 हो।
4. B3C ( में 3 और 4 में से छोटी) को मिलाइए।
5. B4 में से एक रेखा B3C के समांतर खींचिए जो BC को बढ़ाने पर C’ पर प्रतिच्छेद करे।
6. C’ में से एक अन्य रेखा CA के समांतर खींचिए जो BA को बढ़ाने पर A’ पर प्रतिच्छेद करे।
7. ∆ A’BC’ अभीष्ट त्रिभुज है जिसकी भुजाएँ त्रिभुज ABC की संगत भुजाओं की गुनी हैं।
रचना का औचित्य :
∆ABC’ और ∆ ABC में,
∠B = ∠B [उभयनिष्ठ
∠A’C’B = ∠ACB [रचना]
∴ ∆ABC ~ ∆ABC [AA-समरूपता]
∴ त्रिभुजों की संगत भुजाएँ एक ही अनुपात में होंगी।
…(1)
पुन: ∆B4BC’ और ∆B3BC लीजिए।
∠B = ∠B [उभयनिष्ठ]
∠C’B4B = ∠CB3B [रचना से]
∴ ∆B4BC’ ~ ∆B3BC [AA – समरूपता]
∴ त्रिभुजों की संगत भुजाएँ एक ही अनुपात में होंगी।
I II III
I और II लेने पर,
परन्तु, (रचना)
इसलिए …(2)
(1) और (2) से,
⇒
और
अतः रचना का औचित्य पूर्ण है।
1. दी गई शर्तों से समकोण त्रिभुज खींचिए। मान लीजिए यह ∆ABC है। BC = 4 cm; AB = 3 cm और ∠B = 90°
2. भुजा BC के नीचे कोई न्यून कोण CBX खींचिए।
3. पाँच बिंदु ( में 5 और 3 में से बड़ी संख्या) B1, B2, B3, B4, B5, BX पर इस प्रकार अंकित कीजिए कि BB1 = B1B2 = B2 B3 = B3B4 = B4B5 हो।
4. B3 ( में ‘5’ और ‘3’ से छोटी संख्या) और ‘C’ को मिलाइए।
5. B5 में से एक रेखा BC के समांतर खींचिए जो BC को बढ़ाने पर C’ पर प्रतिच्छेद करे।
6. पुन: C’ में से एक रेखा CA के समांतर खींचिए जो BA को बढ़ाने पर
A’ पर मिले। ∆’ABC’ अभीष्ट त्रिभुज है जिसकी भुजाएँ ∆ABC की संगत भुजाओं की गुनी हैं।
रचना का औचित्य :
∆ABC’ और ∆ABC में,
∠B = ∠B [उभयनिष्ठ]
∠A’C’B = ∠ACB [रचना से]
∴ ∆A’BC’ = ∆ABC [AA-समरूपता कसौटी]
∴ त्रिभुजों की संगत भुजाएँ एक ही अनुपात में हैं।
अर्थात्
पुन: ∆B5C’ B और ∆B5CB में,
∠B = ∠B [उभयनिष्ठ]
∠C’B5B = ∠CB3B [रचना से]
∴ ∆B5C’B ~ ∆B3CB [AA-समरूपता]
∴ त्रिभुजों की संगत भुजाएँ एक ही अनुपात में हैं।
I II III
II और III को लेने पर,
परंत,
[रचना]⇒ …(2)
(1) और (2) से,
⇒
और
अतः रचना का औचित्य पूर्ण है।
इस पोस्ट में आपको NCERT Solutions for Class 10 Maths Exercise 11.1 Construction class 10 maths chapter 11 solutions pdf Class 10 Maths Chapter 11 Exercise 11.1 एनसीईआरटी समाधान कक्षा 10 गणित प्रश्नावली 11.1 कक्षा 10 गणित रचनाएँ प्रश्नावली 11.1 Class 10 Maths Chapter 11 रचनाएँ Ex 11.1 से संबंधित पूरी जानकारी दी गई है अगर इसके बारे में आपका कोई भी सवाल या सुझाव हो तो नीचे कमेंट करके हम से जरूर पूछें और अगर आपको यह जानकारी फायदेमंद लगे तो अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें.
NCERT Solutions for Class 10 Maths Chapter 11 रचनाएँ Exercise 11.1
NCERT Solutions for Class 10 Maths Chapter 11 रचनाएँ Exercise 11.2