NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 1 – ध्वनि
NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 1 ध्वनि – जो विद्यार्थी आठवीं कक्षा में पढ़ रहे है ,उन सब का सपना होता है कि वे आठवीं कक्षा में अच्छे अंक से पास हो ,ताकि उन्हें आगे एडमिशन या किसी नौकरी के लिए फॉर्म अप्लाई करने में कोई दिक्कत न आए . इसलिए आज हमने इस पोस्ट में एनसीईआरटी कक्षा 8 हिंदी अध्याय 1. (ध्वनि) का सलूशन दिया गया है जोकि एक सरल भाषा में दिया है . क्योंकि किताब से कई बार विद्यार्थी को प्रश्न समझ में नही आते .इसलिए यहाँ NCERT Solutions For Class 8th Hindi Chapter 1 Dhwani दिया गया है. जो विद्यार्थी आठवीं कक्षा में पढ़ रहे है उन्हें इसे अवश्य देखना चाहिए . इसकी मदद से आप अपनी परीक्षा में अछे अंक प्राप्त कर सकते है. इसलिए आप Ch .01 ध्वनि के प्रश्न उत्तरों ध्यान से पढिए ,यह आपके लिए फायदेमंद होंगे
Class | 8 |
Subject | Hindi |
Book | वसंत |
Chapter Number | 1 |
Chapter Name | ध्वनि |
(अभ्यास के प्रश्न )
उत्तर- कवि आशावादी है और उसे स्वयं पर पूर्ण भरोसा है कि उसका अंत अभी नहीं हो सकता। वह सक्रिय एवं कर्त्तव्य के प्रति निष्ठावान रहकर अपने जीवन का अंत नहीं होने देना चाहता। वह वसंत की भाँति अपने कार्यों से अपने यश रूपी सुगंध को चारों ओर बिखेर देना चाहता है।
उत्तर- फूलों को अनंत तक विकसित करने के लिए कवि उन्हें कलियों की स्थिति से निकालकर खिले हुए फूल बनाना चाहता है। वह कलियों पर वसंत रूपी हाथ फेरकर उन्हें विकसित कर देगा अर्थात् उन्हें फूल बना देगा तथा अपने प्रयास से उन्हें हमेशा ही खिला रहने देगा। वह अपने काव्य के माध्यम से युवकों को अनंत का द्वार दिखाना चाहता है।
उत्तर- कवि अपने हाथों के सुधा रूपी स्पर्श से पुष्पों की नींद और सुस्ती मिटाकर उन्हें स्फूर्तिवान, आलस्यहीन एवं पुष्पित करना चाहता है। वह ऐसा इसलिए करना चाहता है कि धरती पर जरा भी आलस्य, प्रमाद, निराशा या मायूसी युवकों में न रहे। कवि चारों ओर वसंत की हरियाली, सुंदरता एवं सुगंधित वातावरण की भाँति प्रसन्नता, सुख एवं समृद्धि देखना चाहता है।
कविता से आगे प्रश्न
उत्तर- भारतवर्ष में साल भर में छह ऋतुएँ होती हैं। गर्मी, सर्दी, वर्षा, पतझड़ आदि वे सब वातावरण को प्रभावित करती हैं। गर्मी में लोग दुखी होते हैं तो सर्दी भी पीड़ादायक होती है। वर्षा कुछ देर तक तो अच्छी लगती है किंतु बाढ़, मच्छर आदि के कारण वह भी पीड़ा पहुँचाती है। इसी प्रकार पतझड़ में सभी वृक्ष सौंदर्यहीन हो जाते हैं। किंतु वसंत के आते ही चारों ओर हरियाली छा जाती है। पक्षियों की मधुर ध्वनि सुनाई पड़ती है। फूलों की सुगंध से वातावरण महक उठता है। सभी बच्चे, बूढ़े, युवक आदि के जीवन में प्रसन्नता का संचार होने लगता है। इसीलिए वसंत ऋतु को ऋतुराज कहते हैं।
उत्तर- इस ऋतु में वसंत पंचमी, सरस्वती पूजा, महाशिवरात्रि व होली आदि त्योहार आते हैं। इन त्योहारों से लोगों के मन में प्रसन्नता का संचार होता है।
होली
भूमिका-भारत त्योहारों और पर्यों का देश है। यहाँ हर वर्ष अनेक त्योहार मनाए जाते हैं। रक्षाबंधन, दीपावली, दशहरा, होली आदि यहाँ के सुप्रसिद्ध त्योहार हैं। अन्य पर्यों की भाँति होली भी भारत का प्रमुख पर्व है। यह भारतीय जीवन का अभिन्न अंग बन चुका है। यह त्योहार फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। यह त्योहार समाज की एकता, मेल-जोल और प्रेम भावना का प्रतीक माना जाता है।
1. इतिहास-होली के त्योहार का इतिहास अत्यंत प्राचीन है। इसका संबंध राजा हिरण्यकश्यप से है। हिरण्यकश्यप निर्दयी और नास्तिक राजा था। वह अपने-आपको भगवान मानता था तथा चाहता था कि प्रजा उसे परमात्मा से भी बढ़कर समझे तथा उसकी पूजा करे। उसके पुत्र एवं ईश्वर-भक्त प्रह्लाद ने उसका विरोध किया। इस बात से क्रोधित होकर उसने उसे मार डालने का प्रयास किया। हिरण्यकश्यप की एक बहन होलिका थी। उसे वरदान मिला हुआ था कि अग्नि उसके शरीर को जला नहीं सकती। लकड़ियों के एक ढेर पर होलिका प्रसाद को अपनी गोद में लेकर बैठ गई और फिर लकड़ी के उस ढेर को आग लगा दी गई। होलिका जलकर राख हो गई पर प्रसाद ज्यों-का-त्यों बैठा रहा। इसलिए लोग इस घटना को याद करके होली मनाते हैं।
2. कृषि का पर्व- होली का त्योहार मनाने का एक और कारण भी है। हमारा देश कृषि प्रधान देश है। फरवरी और मार्च के महीने में गेहूँ और चने के दाने अधपके हो जाते हैं। उनको देखकर किसान खुशी से झूम उठता है। अग्नि देवता को प्रसन्न करने के लिए वह गेहूँ के बालों की अग्नि में आहुति देता है।
3. रंग का त्योहार- होली को रंगों का त्योहार भी कहा जाता है, क्योंकि इस दिन लोग रंग, गुलाल, अबीर आदि से त्योहार मनाते हैं। लोग एक-दूसरे पर रंग डालते हैं तथा एक-दूसरे के चेहरे पर गुलाल लगाते हैं। इस अवसर पर लोगों के चेहरे एवं वस्त्र रंग-बिरंगे हो जाते हैं। चारों ओर मस्ती का वातावरण छा जाता है। वास्तव में यह त्योहार कई दिन पूर्व ही आरंभ हो जाता है। – यह त्योहार परस्पर भाई-चारे और प्रेम-भाव का त्योहार है। इस अवसर पर कई लोग रात को लकड़ियाँ जलाकर होली की पूजा करते हैं। उसके बाद गाना बजाना करते हैं।
4. कुप्रथा-इस शुभ त्योहार पर कुछ लोग एक-दूसरे पर मिट्टी, कीचड़, पानी आदि फेंकते हैं। ऐसा करना उचित नहीं है। इससे किसी भी पर्व का महत्त्व कम हो जाता है। ऐसा करने से कभी-कभी लड़ाई-झगड़े तक हो जाते हैं तथा वैर भावना जन्म ले लेती है। कुछ लोग इस अवसर पर शराब आदि नशीले पदार्थों का सेवन करते हैं। इन सब बुराइयों के कारण ऐसे शुभ त्योहार अपने सच्चे महत्त्व एवं अर्थ को खो बैठते हैं। अतः यह आवश्यक है कि हम इस त्योहार को उचित ढंग से मनाएँ। हमें उसके महत्त्व को समझने का प्रयास करना चाहिए।
उपसंहार-सार रूप में कहा जा सकता है कि होली एक आनन्दमय एवं मस्ती भरा त्योहार है। यह प्रकृति एवं कृषि का त्योहार है। हमें इसकी पवित्रता एवं महत्त्व को समझना चाहिए तथा उनकी रक्षा करनी चाहिए। इस पर्व पर गोष्ठियों का आयोजन करके हमें समाज में एकता और प्रेम को बढ़ाना चाहिए।
उत्तर- ऋतुओं के परिवर्तन से लोगों के जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। ग्रीष्म ऋतु में हम गर्मी के कारण व्याकुल हो जाते हैं। प्यास के कारण इधर-उधर जल ढूँढ़ने लगते हैं किंतु वर्षा के आते ही गर्मी से राहत मिलती है। इसी प्रकार सर्दियों में ठंड के कारण हम काँपते रहते हैं किंतु वसंत ऋतु के आते ही सर्दी कम हो जाती है और हम प्रसन्नता का अनुभव करने लगते है। मानव जीवन के साथ-साथ प्रकृति में भी स्फूर्ति आ जाती है। चारों ओर खिले हुए फूल हमारे मन को लुभाने लगते हैं। इस प्रकार स्पष्ट है कि ऋतु परिवर्तन का जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है।
अनुमान और कल्पना
फूटे हैं आमों में बौर
भौंर वन-वन टूटे हैं।
होली मची ठौर-ठौर
सभी बंधन छूटे हैं।
उत्तर- कविता की इन पंक्तियों के पढ़ने से पता चलता है कि ये पंक्तियाँ वसंत ऋतु से संबंधित हैं। वसंत ऋतु में ही होली का त्योहार आता है। आमों के पेड़ों पर भी वसंत में बौर फूट पड़ता है।
उत्तर- फूलों-पौधों के लिए हम सर्वप्रथम उन्हें क्यारियों में आरोपित करेंगे। उनके बढ़ने के लिए हम उन्हें पानी से सींचेंगे। उनमें खाद डालेंगे। उनकी सुरक्षा का प्रबंध करेंगे। सबसे बड़ी बात यह है कि हम फूलों को न तो स्वयं तोड़ेंगे और न दूसरों को तोड़ने देंगे।
उत्तर- प्रस्तुत कविता में कवि ने मानव कल्याण की बात कही है। कविता में बताए गए सभी कार्यों को कवि मानव जीवन से जोड़ता है। वह निद्रित व अलसाई हुई कलियों के माध्यम से निराश एवं आलसी युवकों के जीवन में प्रसन्नता एवं खुशी रूपी अमृत की वर्षा कर देना चाहता है। कवि कलियों के माध्यम से समाज में क्रांति लाना चाहता है। जैसे नन्हे-मुन्ने बालक को माँ हाथों से सहलाकर जाती है वैसे ही कवि भी अपनी कोमल भावनाओं से समाज में जागृति उत्पन्न करना चाहता है।
भाषा की बात
ऐसे वाक्यों को एकत्र कीजिए जिनमें एक ही शब्द की पुनरावृत्ति हो। ऐसे प्रयोगों को ध्यान से देखिए और निम्नलिखित पुनरावृत शब्दों का वाक्य में प्रयोग कीजिए-बातों-बातों में, रह-रहकर, लाल-लाल, सुबह-सुबह, रातों-रात, घड़ी-घड़ी।
उत्तर–(i) बातों-बातों में बातों-बातों में मेरी गाड़ी निकल गई।
(ii) रह-रहकर-आज प्रातः से ही रह-रहकर वर्षा हो रही है।
(ii) लाल-लाल-लाल-लाल टमाटरों को देखकर उसके मुख में पानी आ गया।
(iv) सुबह-सुबह-आज मैं सुबह-सुबह ही अपने मामाजी के घर पहुँच गया था।
(v) रातों-रात-रातों-रात ही पाकिस्तान की सरकार बदल गई।
(vi) घड़ी-घड़ी-फिल्म की अभिनेत्री घड़ी-घड़ी अपनी पोशाक बदलकर सेट पर आ रही थी।
विशेषण जिस संज्ञा (या सर्वनाम) की विशेषता बताता है, उसे विशेष्य कहते हैं। ऊपर दिए गए वाक्यांशों में गात, वसंत और पात शब्द विशेष्य हैं, क्योंकि इनकी विशेषता (विशेषण) क्रमशः कोमल, मृदुल और हरे-हरे शब्द बता रहे हैं।
हिंदी विशेषणों के सामान्यतया चार प्रकार माने गए हैं-गुणवाचक विशेषण, परिमाणवाचक विशेषण, संख्यावाचक विशेषण और सार्वनामिक विशेषण।
उत्तर- यह प्रश्न केवल सूचना देने के लिए है। र कुछ करने को प्रश्न 1. वसंत पर अनेक सुंदर कविताएँ हैं। कुछ कविताओं का संकलन तैयार कीजिए। उत्तर-यह प्रश्न परीक्षोपयोगी नहीं है। विद्यार्थी अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं करेंगे।
उत्तर– ‘वसंत’ शब्द का शब्दकोश का अर्थ व अन्य जानकारी इस प्रकार है
वसंत- (क) संज्ञापुल्लिंग शब्द, एकवचन।
(ख) चैत्र व वैशाख मासों की ऋतु।
(ग) एक राग का नाम।
वसंत के कुछ अन्य नाम भी हैं–मधुमास, ऋतुराज, ऋतुओं की रानी, मधु ऋतु आदि।
बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर
(A) जयशंकर प्रसाद
(B) सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’
(C) कामतानाथ
(D) भगवतीचरण वर्मा
उत्तर- (B) सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’
(A) तूफान
(B) निराशा का प्रवाह
(C) वसंत
(D) पतझड़
उत्तर- (C) वसंत
(A) कठोर
(B) मृदुल
(C) गंदा हाथ
(D) आशीर्वाद भरा
उत्तर- (B) मृदुल
(A) निद्रित
(B) स्फूर्तिमय
(C) आलस्यमय
(D) मुरझाई हुई
उत्तर- (A) निद्रित
(A) जल से
(B) वायु से
(C) पसीने से
(D) जीवन-अमृत से
उत्तर- (D) जीवन-अमृत से
(A) तंद्रालस
(B) सौंदर्य
(C) खुशबू
(D) पराग
उत्तर- (A) तंद्रालस
(A) अंत
(B) जिसका कोई अंत न हो
(C) असीम
(D) आरंभ
उत्तर- (B) जिसका कोई अंत न हो।
(A) बचपन
(B) बुढ़ापा
(C) यौवन
(D) पुराना
उत्तर- (C) यौवन
(A) यमक
(B) अनुप्रास
(C) पुनरावृत्ति
(D) उपमा
उत्तर- (C) पुनरावृत्ति
(A) ग्रीष्म
(B) वर्षा
(C) सर्दी
(D) वसंत
उत्तर- (D) वसंत
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