जाति, धर्म और लैंगिक मसले Class 10th Political Science Chapter 4. Solution
NCERT Solutions For Class 10th Political Science Chapter 4. जाति, धर्म और लैंगिक मसले – दसवीं कक्षा के विद्यार्थियों जो अपनी क्लास में सबसे अच्छे अंक पाना चाहता है उसके लिए यहां पर एनसीईआरटी कक्षा 10th राजनीति विज्ञान अध्याय 4 (जाति, धर्म और लैंगिक मसले ) के लिए समाधान दिया गया है. इस NCERT Solutions For Class 10th Political Science Chapter 4. Gender, Religion and Caste की मदद से विद्यार्थी अपनी परीक्षा की तैयारी कर सकता है और परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकता है. अगर आपको यह समाधान फायदेमंद लगे तो अपने दोस्तों को शेयर जरुर करे . हमारी वेबसाइट पर सभी कक्षाओं के सलूशन दिए गए है .
पाठ्यपुस्तक प्रश्नोत्तर
अथवा
“भारत में स्त्रियों के साथ अभी भी भेदभाव होता है, जिसके कारण समाज में उनकी स्थिति में असमानता बनी हुई है।” चार उपयुक्त उदाहरणों से इस कथन की पुष्टि कीजिए।
उत्तर- भारत में महिलाओं को निम्न तरीकों से भेदभाव किया जाता है:
• उन्हें पर्याप्त शिक्षा नहीं दी जाती है। जिस कारण महिलाओं में साक्षरता केवल 54% है।
• उनके द्वारा किया गया अधिकांश श्रम अवैतनिक है। जहां वे काम करती है उन्हें पुरुषों की तुलना में कम वेतन मिलता है।
• सिर्फ लड़के की चाह के कारण देश के कई हिस्सों में कन्या भ्रूण हत्या का प्रचलन है।
उत्तर- सांप्रदायिक राजनीति के विभिन्न रूप:
• दैनिक जीवन की मान्यताओं में सांप्रदायिक श्रेष्ठता की अभिव्यक्ति धार्मिक सांप्रदायिक इसका एक अच्छा उदाहरण हैं।
• एक प्रमुख प्रभुत्व या एक अलग राज्य बनाने की इच्छा, जम्मू-कश्मीर और मध्य भारत में अलगाववादी नेता और राजनीतिक दल इसका एक उदाहरण हैं।
• मतदाताओं से अपील करने के लिए राजनीति में धार्मिक प्रतीकों और धार्मिक नेताओं का उपयोग करने के तरीके कई राजनेताओं द्वारा देश के दो सबसे बड़े धार्मिक समुदायों के मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए लागू की जाती है।
• इस तरह सांप्रदायिक राजनीति, 2002 में गुजरात में हुए दंगों की तरह सांप्रदायिक हिंसा और दंगों का रूप ले सकती है।
उत्तर – समकालीन भारत से जाति व्यवस्था खत्म नहीं हुई है।
• अब भी ज्यादातर लोग अपनी जाति या कबीले के अंदर ही शादी करते हैं।
• छुआछूत को संवैधानिक किये जाने के बावजूद भी यह पूरी तरह से समाप्त नहीं हुई है।
• सदियों पुराने चलन के प्रभावों को आज भी महसूस किया जाता है, जैसे कि जाति को आर्थिक स्थिति का पैमाना माना जाता है।
उत्तर – अकेले जाति भारत में चुनाव परिणाम निर्धारित नहीं कर सकता क्योंकि:
• कोई भी संसदीय क्षेत्र ऐसा नहीं है जहाँ एक ही जाति का स्पष्ट बहुमत हो।
• कोई भी पार्टी किसी विशेष जाति के सभी वोट हासिल नहीं करती है।
उत्तर – भारत की विधायिकाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व काफी कम है। आजकल जितने भी संसदीय चुनाव हुए हैं उनमें स्त्रियों की जीतने का प्रतिशत कभी भी 10% से अधिक नहीं हुआ है। परंतु राज्यों की विधायिकाओं में तो यह नीचे होकर 5% तक भी आ जाता है। अगर हम संपूर्ण संसार की तुलना करें तो विधायिकाओं में स्त्रियों के प्रतिनिधित्व के लिए भारत का स्थान बहुत नीचे है।
अथवा
भारत का संविधान धर्मनिरपेक्ष को किस प्रकार सुनिश्चित करता है? तीन बिंदुओं में स्पष्ट करें।
उत्तर – भारत को धर्मनिरपेक्ष देश बनाने वाले दो संवैधानिक प्रावधान निम्न हैं:
(क) भारत का अपना कोई धर्म नहीं है।
(ख) देश के सभी नागरिकों को कोई भी धर्म मानने का अधिकार दिया गया है। नागरिक अपनी इच्छा से किसी भी धर्म को अपना सकते हैं तथा उसका प्रचार कर सकते हैं।
(ग) संविधान यह कहता है कि सरकार किसी भी व्यक्ति के साथ धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं करेगी। इसलिए ही देश के दो सबसे महत्त्वपूर्ण पदों राष्ट्रपति तथा प्रधानमंत्री पद पर अल्पसंख्यक समूहों के सदस्य भी रह चुके हैं।
(क) स्त्री और पुरुष के बीच जैविक अंतर
(ख) समाज द्वारा स्त्री और पुरुष को दी गई असमान भूमिकाएँ
(ग) बालक और बालिकाओं की संख्या का अनुपात
(घ) लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में महिलाओं को मतदान का अधिकार न मिलना।
उत्तर- (ख) समाज द्वारा स्त्री और पुरुष को दी गई असमान भूमिकाएं।
(क) लोकसभा
(ख) विधानसभा
(ग) मंत्रिमंडल
(घ) पंचायती राज की संस्थाएँ
उत्तर – (घ) पंचायती राज की संस्थाएं।
(अ) एक धर्म दूसरों से श्रेष्ठ है
(ब) विभिन्न धर्मों के लोग समान नागरिक के रूप में खुशी-खुशी साथ रह सकते हैं
(स) एक धर्म के अनुयायी एक समुदाय बनाते हैं
(द) एक धार्मिक समूह का प्रभुत्व बाकी सभी धर्मों पर कायम करने में शासन की शक्ति का प्रयोग नहीं किया जा सकता।
इनमें से कौन या कौन-कौन सा कथन सही है?
(क) अ, ब, स और द (ख) अ, ब और द (ग) अ और स (घ)ब और द
उत्तर – (ग) अ और स।
(क) यह धर्म के आधार पर भेदभाव की मनाही करता है
(ख) यह एक धर्म को राजकीय धर्म बताता है
(ग) सभी लोगों को कोई भी धर्म मानने की आजादी देता है
(घ) किसी धार्मिक समुदाय में सभी नागरिकों को बराबरी का अधिकार देता है
उत्तर – इस प्रश्न का उत्तर (ख) यह एक धर्म को राजकीय धर्म बताता है।