Class 10th Science Chapter 12 विद्युत (Electricity )
NCERT Solutions for Science Class 10th Chapter 12 विद्युत – हर साल बहुत से विद्यार्थी दसवीं की परीक्षा देते है ,लेकिन बहुत से विद्यार्थी के अच्छे अंक प्राप्त नही हो पाते इसका कारण यह है कि उन्हें प्रश्न उत्तर सही समझ में नहीं आते ,जिससे कारण उन्हें यह याद नही होते .इसलिए जो विद्यार्थी 10th पढ़ रहे है ,उन्हें इस पोस्ट Class 10th Science Chapter 12 विद्युत (Electricity ) के लिए सलूशन दिया गया है.यहा NCERT Solutions for Class 10 Science Chapter 12 – Electricity सलूशन आसान भाषा में दिया गया ताकि विद्यार्थी को अच्छे से समझ आ जाए .इसलिए आप इस NCERT Solutions for Class 10th: Ch 12 Electricity Science की मदद से विद्यार्थी अपनी परीक्षा की तैयारी कर सकता है और परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकता है.
पाठ्य-पुस्तक के प्रश्न (Textual Questions)
उत्तर- किसी विद्युत् धारा के सतत् और बंद पथ को विद्युत् परिपथ कहते हैं।
उत्तर- विद्युत् धारा का S.I. मात्रक sहै एंपियर (A) और एक एंपियर विद्युत्धारा की रचना प्रति सेकंड एक कूलॉम आवेश के प्रवाह से होती है अर्थात् 1A = 1 Cs–1
उत्तर- एक इलेक्ट्रॉन पर विद्युत् आवेश होता है ,e = 1.6 x 10–19C
कुल आवेश, Q = 1 C
तो एक कूलॉम में इलेक्ट्रॉन होंगे –
उत्तर- आवश्यक युक्ति सैल या सैलों से बनी बैटरी यह विभवांतर बनाए रखने में सहायता करती है।या बैटरी वह उपकरण है जो किसी चालक के सिरों पर विभवांतर बनाए रखने में सहायता करती है।
उत्तर- किसी धारावाही विद्युत् परिपथ के दो बिंदुओं के बीच विद्युत् विभवांतर IV होगा यदि एक कुलाम आवेश को एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक लाने में 1 जूल कार्य किया जाता है।
IV = 1J/1C
उत्तर- ऊर्जा = आवेश x वोल्टेज
= 1 x 6 = 6 जूल।
उत्तर- एक चालक का प्रतिरोध निम्न कारकों पर निर्भर करता है
(i) चालक की प्रकृति
(ii) चालक की लम्बाई
(iii) चालक के अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल
उत्तर- प्रतिरोध चालक तार की अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल के व्युत्क्रमानुपाती होता है।विद्युत् धारा मोटे तार में से आसानी से प्रवाहित होगी क्योंकि मोटे तार का प्रतिरोध पतले तार के प्रतिरोध की अपेक्षा कम है।
उत्तर- यदि एक विद्युत् अवयव के दोनों सिरों के बीच विभवांतर को उसके पूर्व के विभवांतर की तुलना में आधा कर देने पर उनमें प्रवाहित विद्युत् धारा भी घटकर आधी हो जाती है। क्योंकि I = V/R, विभवांतर के V/2 होने पर, विद्युत् धारा 1/2 हो जाएगी परंतु प्रतिरोध में कोई बदलाव नहीं होगा।
उत्तर- विद्युत् टोस्टरों तथा विद्युत् इस्तरियों के तापन अवयव शुद्ध धातु के न बनाकर एक मिश्रधातु के बनाए। जाते हैं। इसके निम्नलिखित कारण हैं
(1) नाइक्रोम (nichrome) मिश्रधातु (Ni + Cr + Mn + Fe) का प्रतिरोध अधिक होता है।
(2) इसका गलनांक अधिक होता है।
(3) मिश्रित धातु उच्च तापमान पर आसानी से ऑक्सीकरण (या जला) नहीं करते हैं।
(a) आयरन (Fe) तथा मरकरी (Hg) में कौन अच्छा विद्युत् चालक है ?
(b) कौन-सा पदार्थ सर्वश्रेष्ठ चालक है ?
उत्तर- (a) आयरन मरकरी की अपेक्षा अच्छा विद्युत् चालक है क्योंकि आयरन की अवरोधकता मरकरी की अपेक्षा कम है।
(b) चाँदी सर्वश्रेष्ठ चालक है क्योंकि इसकी प्रतिरोधकता न्यूनतम 1.60 x 10-8 Ωm है।।
उत्तर-
उत्तर-
तीनों प्रतिरोधक श्रेणीक्रम में संयोजित हैं।
इसलिए कुल प्रतिरोधक होगा, R = 5-Ω + 8Ω + 12Ω = 25Ω
विद्युत् परिपथ में विद्युत्धारा,12Ω प्रतिरोध में विभवांतर होगा ;
V = Ix R = 0.24 x 12 = 2.88 V.
उत्तर- (a) जब 1Ω तथा 106Ω के प्रतिरोध पार्श्वक्रम में संयोजित किए जाते हैं तो-
इसमें भी कुल प्रतिरोध वह लगभग 12 या 12 से कम होगा क्योंकि पार्श्वक्रम में लगाए हुए प्रतिरोधों का कुल प्रतिरोध उन सबमें से सबसे छोटे प्रतिरोध से भी कम होता है। |
Thank you sir mai saheb ansari om ka niyam kya hai