NIOS Class 10 Home Science Chapter 18 विकास की अवधारणा
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NIOS Class 10 Home Science Chapter18 Solution – विकास की अवधारणा
प्रश्न 1. निम्नलिखित शब्दों को परिभाषित करें और इनके बीच कम से कम दो अंतर बताएँ-
(i) अभिवृद्धि तथा विकास
(ii) आनुवंशिकता तथा वातावरण
उत्तर- (i) अभिवृद्धि तथा विकास- अभिवृद्धि – अभिवृद्धि का अर्थ शरीर के आकार और रूप में बढ़ोतरी है। अभिवृद्धि परिमाणात्मक परिवर्तन है, जिसे हम देख तथा माप सकते हैं। पैर के आकार और मांसपेशियों में बढ़ोतरी अभिवृद्धि है।
विकास – शारीरिक, ज्ञानात्मक, भाषिक, सामाजिक और भावात्मक रूप से विकास होता है। बच्चे में गुणात्मक परिवर्तन, जैसे ज्ञान, व्यवहार और व्यक्तित्व, विकास का अर्थ है।
अंतर- अभिवृद्धि मापात्मक है, जबकि विकास गुणात्मक है। अभिवृद्धि जीवन के निश्चित समय पर आकर रुक जाती है, जब विकास की प्रक्रिया मृत्यु तक निरंतर चलती रहती है।
(ii) आनुवंशिकता तथा वातावरण – बच्चे के व्यवहार और व्यक्तित्व पर वातावरण का प्रभाव पड़ता है, लेकिन आनुवंशिकता से अभिप्राय बच्चे को अपने माता-पिता से मिलने वाले गुण जन्म के साथ मिलते हैं। बच्चे के आनुवंशिक लक्षणों का विकास वातावरण द्वारा ही संभव है। हमारे हाथ में वातावरण का नियंत्रण है, लेकिन अनुवंशिकता प्राकृतिक लक्षण है, इसलिए इसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। हम बच्चे को जिस तरह का वातावरण देंगे, बच्चा उसी तरह का वातावरण बनाएगा।
प्रश्न 2. बच्चों में व्यक्तिगत अंतरों के चार कारण बताएँ।
उत्तर- बच्चे में व्यक्तिगत अंतर के कारण हैं-
1. आनुवंशिकता तथा वातावरण – आनुवंशिकता वह है, जो बच्चे को जन्म के साथ ही अपने माता-पिता के गुण मिलते हैं। इसके संबंध में हम कुछ नहीं कर सकते। दूसरा है वातावरण जो हमारे हाथ में होता है। हम अपने बच्चों को जैसा वातावरण देते हैं, बच्चे का व्यक्तित्व वैसा ही होता है ।
2. पोषण – बच्चे के पालन-पोषण से बच्चे में व्यक्तिगत भिन्नताएँ पैदा होती हैं। अच्छा पालन-पोषण बच्चे को स्वस्थ बनाता है तथा साथ ही बच्चा मानसिक, सामाजिक तथा भावात्मक रूप से विकसित होता है। इसी प्रकार यदि किसी बच्चे को पोषण ठीक प्रकार से नहीं मिलता, तो उस पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
3. बच्चों के पालन- पोषण की विधियाँ-जिन बच्चों का पालन-पोषण उदारवादी या दृढचित्त माता – पिता द्वारा होता है, वे व्यक्तिगत तथा सामाजिक रूप से बेहतर ढंग से समायोजन कर पाते हैं।
प्रश्न 3. अच्छा भावात्मक विकास मैत्रीपूर्ण संबंधों को स्थापित करने में सहायक होता है। 60 शब्दों में इस विवरण का औचित्य सिद्ध करें।
उत्तर- छोटे बच्चे मिट्टी की तरह हैं। हम चाहें तो उन्हें बदल सकते हैं। जब बच्चे को प्यार भरा वातावरण मिलता है, तो वे सुरक्षित महसूस करते हैं और अपने आस-पास के लोगों के लिए अपनत्व प्रकट करते हैं। इस तरह के बच्चे मजबूत सामाजिक विकास का प्रतिनिधित्व करते हैं। जब बच्चे अपने आसपास प्यार और दोस्ती देखते हैं, तो वे भी ऐसा करते हैं। यदि आप अपने बच्चे के साथ लड़कर या हमेशा चिड़चिड़े रहते हैं, तो वह भी ऐसा ही बन जाएगा. यह इसलिए है कि वह प्यार करना कैसे सीखेगा जब वह प्यार नहीं देखेगा।
प्रश्न 4. शारीरिक तथा मोटर विकास में अंतर स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर- मानवीय शरीर का विकास प्राकृतिक रूप से होता है, जिसे शारीरिक विकास कहा जाता है। शारीरिक विकास में सफल गत्यात्मक कौशल और सूक्ष्म गत्यात्मक कौशल दोनों शामिल हैं। चलना, उछलना, दौड़ना, पकड़ना सरल गत्यात्मक हैं। इसके अलावा, सूक्ष्म गत्यात्मक कौशल जैसे पेंटिंग, ड्राइंग, बटन लगाना, चम्मच का प्रयोग करना, लिखना आदि शामिल हैं। मानवकृत विकास गत्यात्मक है। मानवों का गत्यात्मक विकास एक बार नहीं होता, बल्कि निरंतर विकास की प्रक्रिया है।
प्रश्न 5. आपके मित्र की लेखनी बहुत खराब है। विकास के उस पहलू का नाम बताएं जिसमें वह पीछे है। इसकी लेखनी में सुधार करने के लिए दो गतिविधियाँ सुझाएँ ।
उत्तर – सूक्ष्म गत्यात्मक कौशलों का विकास लेखन कार्य में महत्वपूर्ण है। यह विकास बच्चों में प्रारंभिक बाल्यावस्था में होता है। कभी-कभी बच्चों को एक काम में रुचि नहीं रहती, क्योंकि वे दूसरे कामों में अधिक व्यस्त हैं। यदि ऐसा हो, तो अभ्यास उसे सुधार सकता है।
प्रश्न 6. मान लीजिए कि आपके क्षेत्र में एक बच्चे को घर में प्रेरक वातावरण प्राप्त नहीं हो रहा है। ऐसी गतिविधियाँ सुझाएँ जो उसके ज्ञानात्मक विकास के संवर्धन में सहायक हो।
उत्तर– इसमें भाषा, बुद्धिमत्ता और विचारों में बदलाव शामिल हैं। ज्ञान, ध्यान, समझदारी, समस्या समाधान, कल्पना और स्मृति की शक्ति इनमें से प्रत्येक बच्चे के विकास में ज्ञानात्मक संवर्धन में मदद करता है। बालक के सामाजिक सम्बन्ध सामाजिक प्रक्रिया के दौरान बदलते हैं। बालक के व्यक्तित्व, भावनाएं और अन्य लोगों के साथ संबंधों में होने वाले बदलाव शामिल हैं। बच्चे का सामाजिक विकास दूसरों के साथ खेलने, कूदने, बच्चे और माता के बीच बढ़ता अपनापन और पहली मुस्कराहट से बढ़ता है।
ज्ञानात्मक आवश्यकताएं-
1. सर्वेक्षण और प्रयोग करने के अवसर देना ।
2. सक्रिय सीखने को प्रोत्साहन ।
3. विकासात्मक स्तर के अनुसार ही अनुभवों का ढालना ।
सामाजिक आवश्यकताएं-
1. सामाजिक समूह और बड़े लोगों के साथ अच्छे और सकारात्मक अन्तर्व्यवहार के अवसर देना ।
2. सुरक्षित और संबल देने वाला वातावरण देना।
3. घर से स्कूल के आवागमन में सहायक होना ।
4. तनाव रहित सीखने का वातावरण उपलब्ध कराना।
विकास की अवधारणा के अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न
प्रश्न 1. विकास के छः सिद्धान्तों का वर्णन करो ।
उत्तर- विकास अव्यवस्थित तरीके से न होकर नियमानुसार अथवा कुछ सिद्धान्तों के अनुसार होता है । विकास के कुछ मुख्य सिद्धान्त निम्नांकित हैं-
1. विकास में परिवर्तन निहित है – शिशु में आनुपातिक परिवर्तन होते हैं जैसे-जैसे वह वयस्कता की ओर बढ़ता है; जब शिशु होता है, उसका सिर शरीर की तुलना में बड़ा होता है और उसके पैर छोटे होते हैं। उसकी आयु के साथ-साथ सिर भी छोटा हो जाता है, लेकिन पैर और भुजाएं बड़ी हो जाती हैं।
2. विभिन्न आयु-स्तरों पर विकास की दर भिन्न होती है – विकास दर एक शब्द है जो विकास में होने वाली प्रगति को बताता है। यह दर आयु के अनुसार बदलती है। पहले दो वर्षों में शारीरिक विकास तेजी से होता है, बाद के दो वर्षों में कम होता है। लेकिन 0-2 वर्ष की अपेक्षा 2-6 वर्ष की अवधि में बच्चे का विकास सबसे तेज होता है।
3. विकास क्रमागत और व्यवस्थित होता है – सभी विकास विशेष रूप से व्यवस्थित और क्रमागत होते हैं । उदाहरण के लिए, कोई भी बच्चा बैठना सीखने से पहले चलना नहीं सीख सकता ।
4. विकास सिर की ओर से प्रारंभ होता है – विकास प्रक्रिया पहले सिर क्षेत्र से प्रारंभ होती है और उसके बाद धड़ में और अन्त में निम्नतर क्षेत्र में अर्थात पैरों में ।
5. विकास केन्द्र से बाहर की ओर होता है – विकास प्रक्रिया केन्द्र से बाहर की ओर होती है, अर्थात पहले केन्द्र में और फिर अंगलियों में (बाहर की ओर ) ।
6. विभिन्न व्यक्तियों में विकास की दर भिन्न होती है – विभिन्न व्यक्तियों में विकास की दर एक समान न होकर भिन्न-भिन्न होती है ।
प्रश्न 2. विकास के छह: प्रकारों की सूची बनायें ।
उत्तर- (i) शारीरिक विकास – बच्चों की ऊँचाई, भार, सामर्थ्य, और उनके अंग-प्रत्यंग में परिवर्तनों को शारीरिक परिवर्तन कहते हैं । खड़े होने, दौड़ने, कूदने, एक पैर पर संतुलन बनाना आदि शारीरिक विकास के उदाहरण हैं ।
(ii) सामाजिक विकास – जन्म के बाद आस-पास के व्यक्तियों में शिशु की कोई रुचि नहीं होती । बड़ा होने के साथ-साथ वह अपने घर के लोगों, अपने आस-पास के लोगों को पहचानने लगता है । वह इन सबको प्रभावित करता है और इनसे प्रभावित भी होता है। इस प्रकार के विकास को सामाजिक विकास कहते हैं ।
(iii) संवेगात्मक विकास – मनोभावों की अभिव्यक्ति उम्र के अनुसार बदलती रहती है । बच्चे जैसे – जैसे बड़े होते जाते हैं, वैसे-वैसे वे अपने भावों को नियमित करना सीखते जाते हैं । ऐसे परिवर्तनों को संवेगात्मक परिवर्तन कहते हैं ।
(iv) संज्ञानात्मक विकास – आदेशानुसार कार्य करना, गुटकों को सही जगह बैठाना, खिलौनों से खेलना, दूसरों की नकल करना, बहुत से प्रश्न करके उनके उत्तर पूछना, संज्ञानात्मक विकास के लक्षण हैं ।
(v) भाषा विकास– बच्चा जैसे-जैसे आयु में बढ़ता है, वह साधारण व सरल शब्द बोलना शुरू करता है, फिर सरल वाक्य और फिर जटिल वाक्य बोलता है । भाषा की अभिवृद्धि और विकास के अध्ययन को भाषा विकास कहते हैं ।
(vi) नैतिक विकास – सकारात्मक और नकारात्मक मूल्यों के बारे में तथा सही और गलत में अंतर जानने की क्षमता को नैतिक विकास कहते हैं ।
प्रश्न 3. वातावरण बच्चों के विकास को किस प्रकार प्रभावित करता है?
उत्तर- बच्चों के आस-पास जो कुछ भी होता है, वह उसका वातावरण होता है । उसके माता-पिता, सहोदर, अन्य व्यक्ति, उसकी व्यक्तिगत वस्तुएं, खेल-खिलौने आदि, वातावरण के अवयव हैं । मौसम, भोजन, अभिवृद्धि और विकास के अवसर भी वातावरण के अंतर्गत आते हैं। वातावरण के अंतर्गत आने वाले महत्त्वपूर्ण कारक, जो विकास को प्रभावित करते हैं, निम्नलिखित हैं-
(i) बच्चे के स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले कारक- यदि बच्चा पौष्टिक भोजन लेता है, तो वह उसे बीमारियों से बचाता है और वह जीवन में काफी विकासात्मक होता है तथा उसका विकास उच्च स्तर का विकास होता है ।
(ii) सीखने का अवसर – यदि बच्चे को वातावरण में घुलने-मिलने का अवसर दिया जाएगा, उसे भिन्न-भिन्न गतिविधियों में भाग लेने का अवसर मिलेगा, खिलौने खेलने का अवसर मिलेगा, वातावरण में मिले व्यक्तियों से अधिक से अधिक बातचीत का अवसर मिलेगा, तो वह अधिक से अधिक चीजें सीखेगा ।
(iii) परिवार में अनुशासन – परिवार में अनुशासन से तात्पर्य है कि हम बच्चे को कैसे विकसित करते हैं, जैसे हम बच्चों से कैसा व्यवहार करते हैं (अनुशासन, सुविधाएं, अवसर आदि) और उससे क्या आशाएं रखते हैं ( आज्ञाकारिता, स्वतंत्रता आदि) । यह हमारे सांस्कृतिक मूल्यों से तय होगा (उदाहरण के लिए, भारतीय समाज में पश्चिमी समाज की तुलना में ) । अधिक जोर बच्चे की आज्ञाकारिता पर दिया जाता है, इसके अलावा यह हमारे व्यक्तिगत मूल्यों (उदाहरण के लिए माता-पिता ऐसे मान सकते हैं कि बच्चे अनुशासन और दंड से सुधरते हैं और वे प्रायः उन्हें डाँटते-डपटते हैं आदि) पर भी निर्भर करता है ।
बच्चों को पालने के मुख्य रूप से तीन प्रकार हैं-
1. तानाशाही- जहां बच्चा वही कर सकता है, जैसा माता-पिता कहें।
2. प्रजातांत्रिक – जहां माता-पिता राह दिखाने वाले होते हैं, लेकिन बच्चा भी, जो अपने लिए कहना चाहता है कह सकता है, और
3. अनुमोदक – जहाँ माता-पिता उसे वह सब करने देते हैं, जो कुछ वह करना चाहता है।
(iv) बढ़ने के लिए स्थान- स्थान से तात्पर्य यहां भौतिक स्थान से नहीं है, लेकिन संसाधनों तक पहुंच से है । उदाहरण के लिए, यदि घर में अधिक बच्चे हैं, तो इससे बच्चे का भोजन, सुविधाएं, खेलने का क्षेत्र आदि प्रभावित होंगे ।
प्रश्न 4. अभिवृद्धि और विकास के सिद्धान्तों को सूचीबद्ध कीजिए।
उत्तर- (i) विकास में परिवर्तन निहित तथा अवश्यंभावी होता है ।
(ii) विभिन्न आयु-स्तरों पर विकास की दर भिन्न होती है ।
(iii) विकास क्रमागत और व्यवस्थित होता है ।
(iv) विकास सिर की ओर से प्रारंभ होकर नीचे तक पहुंचता है ।
(v) विकास केन्द्र से बाहर की ओर होता है ।
(vi) विभिन्न व्यक्तियों में विकास की दर भिन्न होती है ।
(vii) विकास सीखने और परिपक्वता का परिणाम है ।
प्रश्न 5. निम्नलिखित कथनों पर विकास के कौन-से सिद्धांत लागू होते हैं ?
(i) राम और श्याम दोनों चार वर्षीय हैं, राम श्याम से लंबा है, श्याम राम से कम बोलता है ।
(ii) राजू जब छोटा था एक-एक शब्द मां और पापा बोलता था, लेकिन अब वह पूरे वाक्य बोल लेता है ।
(iii) पहले मीनू अपने पूरे हाथों को खिलौने उठाने के काम में लेती थी, लेकिन अब वह खिलौना एक अंगुली से उठा लेती है ।
उत्तर– विभिन्न व्यक्तियों में विकास की दर भिन्न होती है ।
प्रश्न 6. निम्न कथनों में से कौन से सही हैं और कौन से गलत :
(i) सुरेश मेधावी है, क्योंकि वह अच्छे स्कूल में पढ़ता है ।
(ii) बालों का रंग आनुवांशिकता से तय होता है ।
(iii) ट्रेनिंग से एक बालक कोई भी योग्यता हासिल कर लेता है, भले उसमें उसको विकसित करने की संभावना नहीं है ।
उत्तर- (i) गलत, (ii) सही, (iii) गलत।
प्रश्न 7. सामाजिक विकास किसे कहते हैं ?
उत्तर- बच्चों के अपने आस-पास के लोगों से मिलने-जुलने, रिश्तों को पहचानने तथा दोस्त बनाने की प्रक्रिया को सामाजिक विकास कहते हैं ।
प्रश्न 8. क्या विकास तथा अभिवृद्धि एक-दूसरे से संबंधित हैं ?
उत्तर- विकास तथा अभिवृद्धि दोनों ही पर्यायवाची के रूप में प्रयुक्त होते हैं, जो कि बच्चे की वृद्धि तथा विकास से संबंधित हैं ।
प्रश्न 9. वातावरण किसे कहते हैं ?
उत्तर- हमारे आस-पास जो भी कुछ उपस्थित होता है, वह वातावरण कहलाता है ।
प्रश्न 10. वातावरण का बच्चे के स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर- यदि बच्चा स्वस्थ वातावरण में रहता है तथा पौष्टिक भोजन लेता है, तो वह स्वस्थ रहता है तथा उसका विकास उच्च स्तर का होता है ।
प्रश्न 11. अनुशासन की प्रजातांत्रिक प्रणाली से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर– जहाँ माता-पिता बच्चे से अपनी प्रत्येक बात मनवाते हैं, वह अनुशासन का प्रजातांत्रिक तरीका कहलाता है ।
प्रश्न 12. आप कैसे कह सकते हैं कि विकास सीखने और परिपक्वता का परिणाम है ?
उत्तर- सीखना एक विकास है, जिसे हम केवल प्रयास और अभ्यास से ही प्राप्त कर सकते हैं । विकास सीखने और परिपक्वता प्राप्त करने के बीच के तालमेल का परिणाम है ।
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