NIOS Class 12 Environmental Science Chapter 30 जल संचयन के तरीके

NIOS Class 12 Environmental Science Chapter 30 जल संचयन के तरीके

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NIOS Class 12 Environmental Science Chapter 30 Solution – जल संचयन के तरीके

प्रश्न 1. यद्यपि भारत संसार का सबसे आर्द्र देश है, फिर भी उसके कुछ भागों में पानी की भीषण कमी है। इस पानी की कमी का क्या कारण है?
उत्तर – पानी की कमी का मुख्य कारण समय और स्थान के अंतरालों में वर्षा का असमान वितरण है। मानसून वर्षा 40 दिनों के लिए होती है। देश के किसी क्षेत्र में तो बहुत भारी वर्षा होती है। जबकि कुछ क्षेत्र जैसे राजस्थान में बहुत कम वर्षा होती है।

प्रश्न 2. भारत में औसतन सालाना वर्षा के दिनों की कितनी संख्या है ?
उत्तर- भारत में औसतन सालाना वर्षा 40 दिन के लिए होती है। यह मानसून वर्षा होती है।

प्रश्न 3. ” जल संचयन जल संरक्षण की दिशा में एक बुद्धिमत्ता भरा कदम है।” कारणों सहित इसकी पुष्टि कीजिए ।
उत्तर-“जल संचयन जल संरक्षण की दिशा में एक बुद्धिमत्ता भरा कदम है” क्योंकि इसके कई फायदे हैं, जैसे बिना किसी बाधा के स्वच्छ जल की आपूर्ति। वर्षा जल का अभाव और बढ़ती हुई जनसंख्या, औद्योगीकरण और शहरीकरण, हमारे देश के कुछ क्षेत्रों में वर्षा का असमान वितरण और जल संसाधन की माँग के कारण जल संसाधन की माँग अधिक है. इसलिए, वर्षा में पानी का संचयन करना और उसे सूखे मौसमों में संचित रखना विवेकपूर्ण कदम है।

प्रश्न 4. विश्व में पानी के अभाव के पीछे कोई तीन कारण बताइए ।
उत्तर – विश्व में पानी का अभाव अकाल (सूखा ), बढ़ती जनसंख्या, सिंचाई की बढ़ती माँग, प्रदूषण जो कि पानी की पेयता और उपयोगिता कम कर रहा है, उपलब्ध पानी के दुरुपयोग के कारण हैं।

प्रश्न 5. किन्हीं दो उदाहरणों सहित यह सिद्ध कीजिए, कि प्राचीन भारत में जल संचयन की प्रणाली मौजूद थी।
उत्तर – हमारे देश के पश्चिमी घाटों के निकट पुणे शहर में सबसे पुरानी जल संचयन प्रणाली है। पेय जल देने के लिए पहाड़ी के पत्थरों में कई जलाशयों को खोद लिया गया था। रायगढ़ किला पानी को बचाने और संभालने के लिए टैंकों, तालाबों आदि बनाया गया था। आज भी ये कुएं और जलाशय प्रयोग में हैं। सिन्धु घाटी की सभ्यता के मोहनजोदड़ो और हड़प्पा नगरों के खंडहर शहरी पानी की आपूर्ति और नालियों की एक व्यवस्थित व्यवस्था को दर्शाते हैं।

प्रश्न 6. भूमिगत पानी को पुनर्भरण करने में वन किस प्रकार सहायक थे?
उत्तर- वनों की वनस्पति ( पेड़-पौधे) पानी को भूमि में रिसने में सहायक होते हैं। इस प्रकार वे जल तालिका का पुनः भरण करते हैं। इस प्रकार भूमिगत पानी को पुनर्भरण करने में सहायक थे।

प्रश्न 7. इस बात को बताइए कि प्राचीन समय में पश्चिमी राजस्थान के घरों में किस प्रकार जल संरक्षण होता था?
उत्तर- प्राचीन समय में राजस्थान क्षेत्र के प्रत्येक घर का निर्माण इस प्रकार हुआ था कि वह वर्षा जल का संचयन कर सके और इस वर्षा जल को भूमिगत जलाशयों में संरक्षित रखा जाता था। राजस्थान में कहीं-कहीं इस व्यवस्था को अभी भी देखा जा सकता है।

प्रश्न 8. किन्हीं तीन ढाँचों का नाम बताइए, जिन्हें भूमिगत पानी को पुर्नभरण करने के लिए निर्मित किया जा सकता है।
उत्तर- भूमिगत पानी को पुर्नभरण करने के लिए निर्मित ढाँचे कुओं की धुरियों ( शाफ्ट) का पुर्नभरण करना, खाई, गड्ढे, बाँधों या बन्ध पर नियंत्रण रखना। बोर कुओं के साथ पृष्ठीय शाफ्ट हैं।

प्रश्न 9. जल संग्रहण करने के लिए उन नए अधिनियमों की चर्चा कीजिए जो नागरिक अधिकारियों द्वारा कई नगरों में प्रस्तावित हो रहे हैं।
उत्तर – जल संग्रहण करने के लिए नए अधिनियम हैं, जो नागरिक अधिकारियों द्वारा कई नगरों में प्रस्तावित हो रहे हैं। यदि किसी नई इमारत के पास वर्षा के पानी के संचयन की व्यवस्था नहीं है, तो उसे पानी या सीवरेज का कनेक्शन नहीं दिया जाएगा।

प्रश्न 10. किसी भी राज्य में वर्षा के संचयन के चार लाभों को जिक्र कीजिए ।
उत्तर – वर्षा संचयन के लाभ-
• पानी की उपलब्धता में वृद्धि करती है।
• घटती जल तालिका पर नियंत्रण करती है।
• नमक आदि के तनुकरण द्वारा भूमिगत जल स्तर में बढ़ोतरी करती है।
• भूमि को अपरदन से बचाती है।
• बाढ़ को खासकर शहरी क्षेत्रों में नियंत्रण में लाती है।

प्रश्न 11. राजस्थान, यू.पी. और मध्यप्रदेश राज्यों के कुछ ऐसे ढाँचों का नाम लीजिए, जिनमें सूखे मौसम में पौधों
लिए वर्षा जल को संगृहीत करने का प्रयोग होता है।
उत्तर- खादीन, जोहड़, तलाई, हवेली आदि ऐसे ढाँचे हैं, जिनका प्रयोग सूखे मौसम में पौधों के लिए वर्षा जल को करने के लिए होता है।

प्रश्न 12. घरेलू स्तर पर जल संचयन के लिए उपयोग में लाए जाने वाले चार मुख्य घटकों की सूची दीजिए।
उत्तर- घरेलू स्तर पर जल संचयन के लिए उपयोग में लाए जाने वाले मुख्य घटक हैं-वे स्थान या क्षेत्र जहाँ पर वर्षा में जल को इकट्ठा किया जा सकता है। संरक्षण का कोष, वितरण का भाग और व्यवस्था को कायम रखना।

प्रश्न 13. हौजों / टैंकों में वर्षा के संचयित जल के संग्रहण को करते समय किन्हीं दो बचावी प्रक्रियाओं का वर्णन कीजिए|
उत्तर – हौजों / टैंकों में वर्षा के संचयित जल को संगृहीत करते समय कुछ संरक्षी प्रक्रियाओं को ध्यान में रखना आवश्यक है। जैसे संरक्षण के काम में लाए जाने वाले जल कोषों को ढककर रखना ताकि वहाँ मच्छर आदि न पनप पाएं और शैवाल वृद्धि भी न्यूनतम हो।

प्रश्न 14. घरेलू स्तर पर जल संचयन से हमें कैसे लाभ पहुँचता है?
उत्तर- घरेलू स्तर पर जल संचयन के लाभ-
(i) भूमि में पाए जाने वाले जल का संरक्षण व महीने भर में आने वाले पानी के बिल की दर में कमी।
(ii) स्थानीय बाढ़ों और नालों के बह जाने की समस्याओं में कमी।
(iii) भूमि से नमक को बहा देता है।
(iv) बागवानी के लिए उत्तम स्तर के पानी को जल कोड प्रदान करता है।

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