NIOS Class 12 Environmental Science Chapter 28 भूजल के स्रोत

NIOS Class 12 Environmental Science Chapter 28 भूजल के स्रोत

NIOS Class 12 Environmental Science Chapter 28 भूजल के स्रोत – ऐसे छात्र जो NIOS कक्षा 12 पर्यावरण विज्ञान विषय की परीक्षाओं में अच्छे अंक प्राप्त करना चाहते है उनके लिए यहां पर एनआईओएस कक्षा 12 पर्यावरण विज्ञान अध्याय 28 भूजल के स्रोत के लिए सलूशन दिया गया है. यह जो NIOS Class 12 Environmental Science Chapter 28 Ground Water Resources दिया गया है वह आसन भाषा में दिया है. ताकि विद्यार्थी को पढने में कोई दिक्कत न आए. इसकी मदद से आप अपनी परीक्षा में अछे अंक प्राप्त कर सकते है. इसलिए आपNIOSClass 12 Environmental Science Chapter 28 भूजल के स्रोत के प्रश्न उत्तरों को ध्यान से पढिए ,यह आपके लिए फायदेमंद होंगे.

NIOS Class 12 Environmental Science Chapter 28 Solution – भूजल के स्रोत

प्रश्न 1. भूजल क्या है?
उत्तर – पृथ्वी की सतह और इसके नीचे पाया जाने वाला जल भूजल कहलाता है।

प्रश्न 2. यह कहाँ से प्राप्त किया जाता है?
उत्तर – यह जल मुख्यतः वर्षा से प्राप्त किया जाता है। वर्षा के पानी का कुछ भाग जो धीरे-धीरे रिसकर भूमि की सतह से छिद्र मृदा एवं चट्टानों की सघन पर्तों के अंदर चला जाता है।

प्रश्न 3. जलमृत क्या हैं?
उत्तर– भू-स्थिर जल से बने निकास को जलमृत (aquifer) कहते हैं।

प्रश्न 4. जल तालिका से आप क्या समझते हैं?
उत्तर – जल तालिका भूमिगत सतह की ऊपरी पर्त होती है, जिससे मृदा या चट्टानें स्थायी रूप से पानी के साथ बनी रहती हैं।

प्रश्न 5. प्रत्येक में पानी बचाने वाले दो तरीकों को बताइए-
(क) बाथरूम में
(ख) रसोईघर में

उत्तर- (क) बाथरूम में-
(i) शेविंग करते समय तथा दाँत साफ करते समय नल बंद कर दें एवं मग में जल भरकर प्रयोग करें।
(ii) साबुन एवं शैम्पू लगाते समय बाल्टी भरकर नल बंद कर दें ।

(ख) रसोईघर में-
(i) फलों व सब्जियों को बेसिन में ब्रश से धोएं।
(ii) बर्तनों को धोते समय बाल्टी में पानी भर लें व उससे बर्तन धोएं।

प्रश्न 6. पानी के विवेकपूर्ण उपयोग के कोई दो तरीके बताएँ जबकि आप बागवानी एवं भूदृश्य संबंधी काम कर रहे हैं?
उत्तर – बागवानी और वनस्पति कार्य करते समय कुछ बातों को ध्यान में रखना चाहिए, जैसे कि सिंचाई उपकरणों में सभी लीकों की जाँच तथा मरम्मत। सिंचाई में जहाँ तक संभव हो व्यर्थ पानी का उपयोग करें। लॉन या बगीचे में केवल ठंडे मौसम में पानी डालें। सुबह-सुबह पानी डालना अच्छा है। तेज हवा चलते समय पौधों को पानी नहीं देना चाहिए।

प्रश्न 7. पानी के दो अन्य विवेकपूर्ण उपयोगों को बताइए |
उत्तर – हम पानी के विवेकपूर्ण उपयोग न केवल घर में व सिंचाई में कर सकते हैं बल्कि अपनी कार आदि धोने में संचित पानी या पानी का पुन: उपयोग कर सकते हैं। इस कार्य के लिए पानी बाल्टी में भरकर प्रयोग करना चाहिए। स्वीमिंग पुल को पुल कवर से ढककर रखना चाहिए, जिससे पानी का वाष्पन न हो। पानी में चलने वाले खिलौनों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

प्रश्न 8. कृत्रिम पुनः आवेश क्या है?
उत्तर- ऐसी प्रक्रिया जिसमें सतह पर उपस्थित पानी की अत्यधिक मात्रा को सीधे जमीन में प्रवेश करा दिया जाता है या सतह पर फैले पानी को पुनर्भरण कुओं या फिर प्राकृतिक दशाओं में बदलाव करके अंतः स्पंदन को बढ़ाकर किया है, उसे कृत्रिम पुनः आवेश कहते हैं।

प्रश्न 9. कृत्रिम रूप से भूमि से पानी निकालने की दो विधियाँ बताइए |
उत्तर – कृत्रिम रूप से भूमि से पानी को इसमें फैलाकर, रिचार्ज पिट्स एवं शॉफ्ट अथवा खाइयाँ बनाकर तथा पुनर्भरण कुओं द्वारा पानी को जमीन के अंदर भेजा जाता है।

प्रश्न 10. कृत्रिम पुनः आवेश के दो लाभ तथा हानियाँ बताइए |
उत्तर- लाभ- अपवाही कुओं को खोदने में बहुत कम विशेष औजारों की आवश्यकता होती है और एकत्रित जल स्वच्छ होता है। चट्टानों के निर्माण वाली जगहों पर कुओं को बनाने के लिए उच्च संरचनात्मक अक्षतता वाले औजारों और सामग्री की आवश्यकता होती है। इससे लवणीय पानी की गुणवत्ता बढ़ती है।

हानियाँ- जब तक जलमृत में जल को अच्छी तरह से भरा नहीं जाएगा, भूजल के पुनः भरण को आर्थिक रूप से उपलब्ध नहीं कराया जा सकता है। भूजल व सतही जल कृषि में प्रयुक्त कीटनाशकों के कारण प्रदूषित हो जाता है तथा उसे ट्रीटमेंट के बिना उपयोग में नहीं लाया जा सकता।

प्रश्न 11. खनन गतिविधियों के कारण भूजल किस प्रकार प्रभावित होता है?
उत्तर- खनन गतिविधियों के कारण भूजल खान-ड्रेनेज डिस्चार्ज, ठोस माइन टेलिंग, प्रक्रम जल, स्लज लगून, तेल रिसाव से समूह एकत्रीकरण स्टेशन इत्यादि द्वारा प्रभावित होता है।

प्रश्न 12. भूमिगत जल को दूषित करने वाले दो तत्त्वों के नाम बताओ।
उत्तर- भूमिगत जल शहरी, औद्योगिक एवं कृषि गतिविधियों से दूषित होता है।

प्रश्न 13. भूमिगत जल की गुणवत्ता में आई गिरावट के दो कारण बताइए ।

उत्तर- भूमिगत जल की गुणवत्ता में गिरावट मानवीय गतिविधियों जैसे- शहरीकरण, औद्योगिक एवं कृषि के कारण आती है। सीवरों की सफाई न होना, सीवेज पानी के विकास की उपयुक्त व्यस्था का न होना, ठोस अपशिष्टों का निष्कासन, वायवीय फाल आउट, लैंडफिल अपशिष्ट, घरों की खराब रख-रखाव व्यवस्था आदि भूमिगत जल की गुणवत्ता में आई गिरावट के प्रमुख कारण हैं।

प्रश्न 15. जल तालिका में गिरावट के दो कारण बताइए ।
उत्तर – जल तालिका में गिरावट के कारण हैं- मानवीय गतिविधियाँ, औद्योगिक कारखानों में अधिकतम उपयोग तथा पृथ्वी द्वारा पानी सोखने की धीमी गति ।

प्रश्न 16. जल तालिका में कमी के दो कारण बताइए ।
उत्तर- भूमिगत जल की तीव्र गति से होने वाली पम्पिंग के कारण जल तालिका में कमी हो रही है।

प्रश्न 17. जल तालिका में कमी एवं भूजल के दूषित होने के दो नुकसान ( जोखिम ) बताइए ।
उत्तर – जल तालिका में कमी एवं भूजल का दूषित होना कृषिकीय दीर्घोपयोग पर खतरा है। वर्षा के दिनों के अतिरिक्त जल स्रोतों से अत्यधिक वाष्पीकरण तथा पानी की माँग सूखे को आमंत्रित करती है। पानी के निष्कर्षण की दर उसके पुनर्भरण की दर से अधिक है।

भूजल के स्रोत के महत्त्वपूर्ण प्रश्न उत्तर

प्रश्न 1. सतही जल एवं भूमिगत जल के मध्य तीन मुख्य अंतर बताइए ।
उत्तरसतही जल – सतही जल तब होता है जब वर्षा जल झरनों, तालाबों, नदियों या झीलों में प्रवाहित होता है। सतही जल, क्योंकि यह खुले जल स्रोतों में मिलता है, आसानी से प्रदूषित हो जाता है। सतही जल बहुत महँगा होता है क्योंकि इसका समानान्तर स्रोत बनाना पड़ता है। सतही जल प्रदूषित होता है, इसलिए इसका प्रत्यक्ष उपयोग नहीं किया जा सकता। सतही जल खुला है। तथा सूखे के समय इनमें पानी की मात्रा कम हो जाती है और वाष्पीकरण क्षति बहुत अधिक होती है।

भूमिगत जल- भूमिगत जल ऐसा जल है जो भूमिगत रूप से पाया जाता है और कुओं, ट्यूबबैल या हैंडपम्पों द्वारा खुदाई करके प्राप्त किया जाता है; वर्षा जल का एक हिस्सा गुरुत्वाकर्षण के कारण धीरे-धीरे भूमि के नीचे चला जाता है। क्योंकि भूमिगत जल पृथ्वी के अंदर है, इसे आसानी से प्रदूषित नहीं किया जा सकता। भूमिगत जल उपलब्ध है जहाँ आवश्यकता होती है और किसी भी स्थान पर नहीं ले जाया जा सकता। इसलिए यह सस्ता है। भूमिगत जल, जो पृथ्वी के नीचे पाया जाता है, स्वच्छ है और घरेलू कार्यों में सीधे प्रयोग किया जा सकता है। भूजल भूमि के नीचे पाया जाता है, इसलिए इस पर वाष्पीकरण का कोई असर नहीं होता और सूखे के समय इनमें पानी की कमी नहीं होती।

प्रश्न 2. जल तालिका क्या है?
उत्तर – भूमिगत जल तालिका है। यह भूमि की ऊपरी सतह है, जिसमें मृदा या चट्टानें जल से निरंतर संतृप्त हैं। जल तालिका उस गहराई तक है जिसमें मृदा छिद्र स्थानीय जल के साथ पूरी तरह से भरे हुए हैं। जल तालिका भू-जल क्षेत्र से अलग करती है, और केशिकात्व फ्रिज वायुपूर्ण क्षेत्र से। वर्षा और जलवायु में बदलाव की वजह से जल तालिका में ऋतुओं के अनुसार बदलाव आता रहता है। जल तालिका को कुओं या कृत्रिम जल निकालने से भी प्रभावित किया जा सकता है।

प्रश्न 3. आप भूजल कैसे प्राप्त करेंगे ?
उत्तर– भूजल वह पानी होता है, जो भूमि से आता है। भूजल वर्षा, बर्फ, ओले आदि से मिलता है, जिसे भूमि धीरे-धीरे अपने में अवशोषित कर लेती है। भूजल प्राप्त करने में कई तरीके हैं जैसे-

1. झरना (Spring) – कुछ पहाड़ी क्षेत्रों में जब जल तालिका में सतही जल-जल के स्तर से ऊपर होता है, तो भूमिगत जल झरनों के रूप में बाहर आ जाता है। इस जल का उपयोग पीने हेतु किया जा सकता है।

2. कुआं खोदकर – कुएं मुख्यतया खुले हुए होते हैं, जिन्हें जमीन से खोदकर या भूमिगत जल को धारण करने वाले स्तर से पानी निकालकर उनके पानी से सिंचाई हेतु प्रयोग किया जाता है। ये कुएं राज मिस्त्री द्वारा निर्मित कुएं, कच्चे कुएं एवं खुदाई किए हुए बोर बेल होते हैं। ये सभी कार्य निजी लोगों द्वारा अपनी उद्देश्य पूर्ति हेतु किए जाते हैं।

3. उथला ट्यूबवैल—इसमें जमीन में एक छेद बनाकर उसमें पाइप के द्वारा भूमिगत जल को प्राप्त किया जाता है। इसकी गहराई 60-70 मीटर से ज्यादा नहीं होती। इन ट्यूबवैलों का प्रयोग सिंचाई के दौरान 6-8 घंटे तक किया जाता है जिसमें 100-300 क्यूबिक मीटर पानी प्रतिदिन की दर से निकाला जा सकता है, जिससे गड्ढ़ा खोदकर बनाए कुओं से 2-3 गुना ज्यादा पानी निकाला जा सकता है।

4. गहरा ट्यूब वैल – इसकी गहराई 100 मीटर से अधिक होती है तथा इससे 100-200 क्यूबिक मीटर पानी प्रति घंटे की दर से निकाला जा सकता है। सिंचाई के दिनों में इनका उपयोग दिनभर किया जा सकता है। ये बिजली से चलते हैं इसलिए इनका प्रयोग बिजली की उपलब्धता पर निर्भर करता है। इनकी वार्षिक उत्पादन क्षमता उथले ट्यूबवैल से कम से कम 15 गुना ज्यादा होती है।

5. हैंडपम्प – हैंडपंप का प्रयोग ग्रामीण एवं शहरों में झुग्गी-झोपड़ियों में किया जाता है। ये हाथ से चलाए जाते हैं। इस प्रकार इनमें बिजली या अन्य किसी भी प्रकार की ऊर्जा का उपयोग नहीं होता। हैंडपम्प हाथ से चलाकर भूजल निकालने के काम आता है।

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