NIOS Class 12 Environmental Science Chapter 14 वैश्विक पर्यावरणीय मुद्दे
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NIOS Class 12 Environmental Science Chapter 14 Solution – वैश्विक पर्यावरणी मुद्दे
प्रश्न 1. आपको ऐसा क्यों लगता है कि पर्यावरण के मुद्दे वैश्विक महत्त्व के हैं?
उत्तर – पर्यावरण के मुद्दे वैश्विक महत्त्व के हैं, क्योंकि पर्यावरण की अपनी कोई सीमाएँ नहीं होतीं। एक देश का प्रदूषण अन्य देशों को भी प्रभावित करता है। ग्रीन हाऊस प्रभाव, ओजोन परत अपक्षय, वनोन्मूलन, तेल रिसाव तथा रेडियोधर्मी विकिरण का बहुत लम्बे समय तक प्रभाव रहता है।
प्रश्न 2. कम से कम तीन पर्यावरणीय मुद्दों के विषय में बताओ, जिनका हमें आज सामना करना पड़ रहा है।
उत्तर – पर्यावरणीय मुद्दे, जिनका हमें आज सामना करना पड़ रहा है, वे हैं- प्रदूषण, ओजोन परत में छिद्र, ग्रीन हाऊस प्रभाव, जैव विविधता का नुकसान, मरुस्थलीकरण, खतरनाक अपशिष्ट पदार्थों, परमाणु आपदाएँ, तेल रिसाव आदि ।
प्रश्न 3. वैश्विक ऊष्मण को परिभाषित कीजिए ।
उत्तर- वैश्विक ऊष्मण का अर्थ है वातावरण के औसत तापमान में वृद्धि, जो कि पृथ्वी की सतह के निकट ग्रीन हाऊस प्रभाव के कारण होती है, जबकि प्राकृतिक वैश्विक ऊष्मण पृथ्वी पर जीवन के लिए महत्त्वपूर्ण है। फिर भी मानव की अनेक क्रियाओं द्वारा वातावरण में छोड़ी गई CO2 के कारण बनी वैश्विक ऊष्मा हानिकारक है।
प्रश्न 4. ग्रीन हाऊस प्रभाव को इस नाम को क्यों पुकारा जाता है?
उत्तर -ग्रीन हाऊस प्रभाव को ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि जैसे शीशे के घर में लगातार ऊष्मा संचित होती रहती है, संपूर्ण क्रिया उसी प्रकार होती है।
प्रश्न 5. ग्रीन हाऊस प्रभाव पैदा करने वाली कौन-सी विकिरण है, जो वातावरण में परिलक्षित नहीं होती ?
उत्तर – ग्रीन हाऊस प्रभाव पैदा करने वाली अवरक्त लाल विकिरण है, जो वातावरण में परिलक्षित नहीं होती ।
प्रश्न 6. चार ग्रीन हाऊस गैसों के नाम बताओ ।
उत्तर– ग्रीन हाऊस में CFC, मीथेन, CO2 तथा नाइट्रोजन ऑक्साइड हैं।
प्रश्न 7. जैव विविधता के विविध घटकों की सूची बनाइए ।
उत्तर – जैव विविधता के विविध घटक निम्न हैं- जैविक प्रजातियाँ, आनुवंशिक जैव विविधता तथा पारितंत्र की जैव विविधता ।
प्रश्न 8. जैव विविधता की क्षति क्यों होती है?
उत्तर – जैव विविधता की क्षति प्राकृतिक पर्यावासों के अंत प्रदूषण, अत्यधिक संसाधन प्रयोग, विदेशी प्रजातियों से परिचय तथा पर्यावरण का ह्रास आदि के कारण होती है।
प्रश्न 9. उच्च प्रौद्योगिकी तकनीक से मछली पकड़ने से समुद्री जैव विविधता पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर – उच्च प्रौद्योगिकी तकनीक से मछली पकड़ने से मछली पकड़ने की क्षमता बढ़ जाती है, क्योंकि इससे मछलियों के झुण्डों का बिल्कुल सही और बहुत कुशलता से पता चल जाता है। इससे अनेक प्रजातियाँ समाप्त हो जाती हैं।
प्रश्न 10. एक प्रजाति अपना प्राकृतिक निवास कैसे खेती है?
उत्तर- एक प्रजाति अपना प्राकृतिक निवास, मानव गतिविधियों के कारण खोती है, जैसे-उद्योग, कृषि, घर, खेल के मैदान आदि ।
प्रश्न 11. किन प्रकार की गतिविधियों से मरुस्थलीकरण को बढ़ावा मिलता है?
उत्तर – मरुस्थलीकरण अत्यधिक कृषि, अत्यधिक चराई, वनों की कटाई, सिंचाई के कारण लवणता में वृद्धि आदि गतिविधियों से बढ़ता है।
प्रश्न 12. किस प्रकार की बुवाई लंबी अवधि के लिए बेहतर है – हल या ट्रेक्टर बुवाई ?
उत्तर- ट्रैक्टर बुवाई लंबी अवधि के लिए बेहतर है।
प्रश्न 13. रेगिस्तान क्या होता है।
उत्तर – ऐसी भूमि जिसने अपनी उत्पादन क्षमता को खो दिया है, उसे रेगिस्तान कहते हैं।
प्रश्न 14. समताप मंडल में ओजोन किस प्रकार की विद्युत तरंगों की स्क्रीन करती है ? उनके तरंगदैर्ध्य बताएं ।
उत्तर – समताप मंडल में ओजोन पराबैंगनी विद्युत तरंगों को स्क्रीन करती है, जिनका तरंगदैर्ध्य 200-400mm है।
प्रश्न 15. ओजोन में एक अणु में कितने ऑक्सीजन परमाणु होते है ?
उत्तर- ओजोन के एक अणु में तीन ऑक्सीजन परमाणु होते है।
प्रश्न 16. ज्वालामुखी का 0 के नष्ट होने में क्या योगदान है ?
उत्तर – ज्वालामुखी फटने के दौरान बहुत मात्रा में क्लोरीन उत्सर्जित होती है, जो कि 0 के नष्ट होने का कारण है।
प्रश्न 17. किस प्रकार की मानवजनित गतिविधियाँ ओजोन कवच के लिए सबसे खतरनाक होती हैं?
उत्तर – किसी भी प्रकार की मानवजनित गतिविधियाँ, जो वातावरण में क्लोरीन उत्सर्जित करती हैं, ओजोन कवच के लिए सबसे खतरनाक साबित होती हैं।
प्रश्न 18. पराबैंगनी विकिरण के मनुष्य पर कुछ हानिकारक प्रभावों के नाम बताइए ।
उत्तर– पराबैंगनी विकिरण के मनुष्य पर हानिकारक प्रभाव निम्न हैं, जैसे- त्वचा कैंसर, रेटिना के रोग, कॉर्निया की हानि आदि ।
प्रश्न 19. अम्लीय वर्षा में उपिस्थत दो अम्लों के नाम बताइए |
उत्तर- अम्लीय वर्षा में उपस्थित अम्ल – H2SO4 तथा HNO3 हैं।
प्रश्न 20. अम्लीय वर्षा जलीय जीवन को कैसे प्रभावित करती है?
उत्तर- अम्लीय वर्षा से जलीय जीवन प्रभावित होता है, क्योंकि अम्लीय वर्षा पानी का pH कम करती है, जिसमें जीव रहते हैं। कम pH में जीवों के युग्मक (अंडे / शुक्राणु) जीवित नहीं रह सकते हैं। यह जीवन-चक्र को प्रभावित करता है, जिससे जलीय जीवों की आबादी को नुकसान होता है।
प्रश्न 21. किस प्रकार का ईंधन उपयोग करके अम्लीय वर्षा को रोकने में सहायता मिलेगी ?
उत्तर – अम्लीय वर्षा को रोकने के लिए सौर/ परमाणु ऊर्जा का उपयोग करना चाहिए, जो H2SO4व HNO3 उत्पन्न नहीं करते ।
प्रश्न 22. धीमे परमाणु विकिरण जो जीवन के लिए खतरा बन सकते हैं। उन स्रोतों के बारे में बताइए ।
उत्तर- धीमे परमाणु विकिरण के स्रोत जो जीवन के लिए खतरा बन सकते हैं- प्रयोगशालाएं, अस्पताल तथा एक्स-रे के लिए प्रत्यक्ष विकिरण, परमाणु रिएक्टर आदि ।
प्रश्न 23. परमाणु विकिरण के कुछ हानिकारक प्रभाव जो मानव जीवन पर पड़ते हैं, उनकी सूची बनाइए ।
उत्तर – परमाणु विकिरण से गर्भपात, कमजोर बच्चे, शिशु मृत्यु, एड्स, बच्चों में होने वाला रक्त कैंसर आदि दुष्प्रभाव होते हैं।
प्रश्न 24. शैवाल वृद्धि पर तेल रिसाव का क्या प्रभाव होता है?
उत्तर – तेल रिसाव से शैवाल वृद्धि पर घुटन का प्रभाव पड़ता है तथा विषाक्तता जलीय पारितंत्र को हानि पहुँचाती है।
प्रश्न 25. तेल रिसाव का समुद्री जीवन पर क्या हानिकारक प्रभाव पड़ता है?
उत्तर – तेल रिसाव समुद्री जीवन पर हानिकारक प्रभाव डालता है, क्योंकि जल निकायों में आक्सीजन की कमी हो जाती है, जिसके कारण मछलियों तथा समुद्री जीवों की भारी संख्या में मृत्यु हो जाती है।
प्रश्न 26. कोई चार महत्त्वपूर्ण लक्षण बताइए, जो किसी भी पदार्थ को संकटदायी बनाते हैं?
उत्तर – किसी भी पदार्थ को संकटदायी बनाने के महत्त्वपूर्ण लक्षण हैं- विषाक्तता, संक्षारक अभिक्रियात्मकता, ज्वलनशीलता ।
प्रश्न 27. अति संकटदायी पदार्थ क्या होता है?
उत्तर – अति संकटदायी पदार्थ मनुष्य और अन्य प्रकार के जीवन पर त्वरित प्रभाव डालता है।
प्रश्न 28. क्या प्लास्टिक जलाना संकटदायी हो सकता है?
उत्तर – प्लास्टिक जलाना खतरनाक है, क्योंकि प्लास्टिक जलाने से निकलने वाली गैसों से दम घुटता है और यह वातावरण को विषाक्त बना देती है।
प्रश्न 29. फाइटोसेनेटरी उत्पाद क्या होते हैं? ये किस प्रकार हानिकारक हैं?
उत्तर– फाइटोसेनेटरी उत्पाद कीटनाशक, पीड़कनाशक आदि होते हैं। ये उत्पाद मृदा में घुल जाते हैं तथा जल तालिका को प्रभावित करते हैं, जिससे जलीय जीवों का जीवन प्रभावित होता है। इससे जीवों के गुर्दे खराब हो जाते हैं।
वैश्विक पर्यावरणीय मुद्दे के महत्त्वपूर्ण प्रश्न उत्तर
प्रश्न 1. भारत में शामिल हुई एक खरपतवार का नाम बताइए |
उत्तर– पार्थेनियम, आर्जिमोन और लोनताना हमारे भारत में शामिल हुई विदेशी खरपतवार हैं।
प्रश्न 2. दो ग्रीन हाऊस गैसों के नाम बताइए ।
उत्तर- दो ग्रीन हाऊस गैसों के नाम CFL तथा मीथेन हैं।
प्रश्न 3. किन्हीं दो यौगिकों के नाम बताइए, जो ओजोन परत के लिए हानिकारक हैं?
उत्तर- ओजोन परत के लिए हानिकारक यौगिक क्लोरोफ्लोरो कार्बन, युद्ध में प्रयोग होने वाले हेलोन, फ्रिज में प्रयोग होने वाले HCFC-22, एअरोसोल, मिथाइल क्लोरोफार्म, कार्बन टेट्राक्लोराइड आदि हैं। क्लोरा फ्लोरो कार्बन में क्लोरीन अणु होते हैं, जो समताप मंडल में ओजोन से क्रिया करके क्लोरीन मोनोआक्साइड तथा ऑक्सीजन अणु बनाते हैं, जो कि ओजोन परत में छिद्र बना देते हैं।
प्रश्न 4. अब तक सबसे विनाशाकारी परमाणु दुर्घटना कौन-सी है ?
उत्तर – चेरनोबिल की परमाणु दुर्घटना इतिहास की मानी हुई दुर्घटना है। विश्वयुद्ध II के दौरान जापान के हिरोशिमा और नागासाकी पर बम विस्फोट अब तक की सबसे बड़ी विनाशकारी दुर्घटना है।
प्रश्न 5. किसी एक फाइटोसेनेटरी उत्पाद का नाम बताओ ।
उत्तर- कीटनाशक, पीड़कनाशक, कवकनाशक तथा शाकनाशी कवकनाशक फाइटोसेनेटरी उत्पाद हैं।
प्रश्न 6. विभिन्न वैश्विक पर्यावरणीय मुद्दों के बारे में बताओ।
उत्तर- ग्रीन हाऊस प्रभाव, भूमण्डलीय तापन, जैव विविधता की हानि, मरुस्थलीकरण, तेल रिसाव, अम्लीय वर्षा और हानिकारक अपशिष्टों का निपटान वैश्विक पर्यावरणीय मुद्दे हैं। ग्रीन हाऊस और भूमण्डलीय तापन बहुत सारी गैसों से बना वायुमण्डलीय कम्बल पृथ्वी को घेरता है। सूर्य एक चमकता हुआ तारा है जो पृथ्वी से बहुत अधिक गर्म है, इसलिए पृथ्वी को सूर्य से मिलने वाली सारी गर्मी मिलती है। सूर्य की किरणें वायुमण्डल से पृथ्वी पर पहुंचती हैं। सूर्य की किरणें पृथ्वी को गर्म करके वायुमंडल में वापस जाती हैं।
कुछ ऊर्जा वायुमण्डलीय गैसों से बाहर निकलती है। यह गैसों को ग्रीन हाऊस गैसें कहते हैं, और इस प्राकृतिक क्रिया को जो सूर्य और पृथ्वी में होती है, को ग्रीन हाऊस प्रभाव कहते हैं। पानी की वाष्प और पानी के छोटे-छोटे कणों से बना हुआ प्राकृतिक ग्रीन हाउस ने धरती पर जीवन को संभव बनाया है। भूमण्डलीय ताप का 95% से अधिक इन “ग्रीन हाऊस” से निकलता है। प्राकृतिक ग्रीन हाउस के प्रभाव से विश्व का औसत तापमान 15°C रहता है। इस घटना के बिना, विश्व का औसत तापमान -17 °C होता है, और जीवन ऐसे तापमान पर नहीं होता।
औद्योगीकरण से पहले, मनुष्य की सामान्य गतिविधियों से वातावरण का तापमान नहीं बढ़ा था। ग्रीन हाऊस से निकलने वाली गैसों की वृद्धि से वातावरण प्रदूषित होता है, जो औद्योगीकरण और शहरीकरण से होता है। जैव विविधता में कमी: किसी क्षेत्र में जंतुओं और पौधों का गठन जैव विविधता कहलाता है। वनस्पतियों और जीवों दोनों को मनुष्य की अविवेकी क्रियाएं प्रभावित करती हैं। जनसंख्या में तेजी से हो रही वृद्धि, वनों की कटाई, औद्योगीकरण और शहरीकरण इन गतिविधियों से जुड़े हुए हैं। जैव विविधता की कमी के कारणों में शामिल हैं-
(a) प्राकृतिक पर्यावासों का अंत,
(b) प्रदूषण,
(c) अत्यधिक संसाधन प्रयोग,
(d) विदेशी प्रजातियों से परिचय एवं
(e) पर्यावरण का ह्रास |
ओजोन परत का क्षय – ओजोन तीन ऑक्सीजन परमाणुओं से बना है। समताप मंडल पृथ्वी के वायुमण्डल की 10 से 50 किमी. ऊपर की सतह है। सूर्य की घातक पराबैंगनी विकिरण को रोकने के लिए इसमें ओजोन की पतली परत होती है, जो एक प्राकृतिक फिल्टर का काम करती है। समतापमंडलीय ओजोन परत का पतलापन ‘ओजोन छिद्र’ कहलाता है। CFC, फ्रेऑन और हेलोन, जो रेफ्रीजरेटर में प्रयोग किए जाते हैं, समतापमंडल में उत्सर्जित होते हैं, ओजोन परत को तोड़ देते हैं। मानव गतिविधियों और प्राकृतिक घटनाओं से ओजोन परत क्षय होता है। ओजोन अपक्षय के कुछ परिणामों में त्वचा कैंसर, मोतियाबिंद, पौधों का नुकसान और समुद्री पौधों की आबादी की कमी शामिल हैं।
अम्लीय वर्षा – सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन के आक्साइड, जो जीवाश्म ईंधन के जलने से उत्पन्न होते हैं, पर्यावरणीय प्रदूषण से उत्पन्न होते हैं, इससे अम्लीय वर्षा होती है। अम्लीय वर्षा का संघटन होता है जब विद्युत संयंत्रों के उद्योगों, ऑटोमोबाइलों और अम्लीय गैसें वर्षा की बूँदों में मिल जाते हैं।
मरुस्थलीय – मरुस्थल भूमि है जो कम उत्पादक है। भूमि का स्वार्थसाधन, संसाधनों का कुप्रबंधन और मानव गतिविधियों के कारण मरुस्थलीकरण होता है। अत्यधिक खेती, चराई, वनों की कटाई आदि के कारण मरुस्थलीकरण होता है।
खतरनाक अपशिष्टों का निपटान- कोई भी पदार्थ जिसके विकिरण से स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव पड़े, उसे खतरनाक पदार्थ कहते हैं। खतरनाक पदार्थ विषाक्तता, ज्वलनशीलता, साक्षरता आदि लक्षण दिखाता है। खतरनाक अपशिष्ट घर की वस्तुओं, स्थानीय क्षेत्रों, शहरी, उद्योग, कृषि, निर्माण कार्य, अस्पतालों और प्रयोगशालाओं आदि स्रोतों से उत्पन्न होते हैं।
प्रश्न 7. CFCs और ऐसे यौगिकों का प्रयोग हमें क्यों नहीं करना चाहिए?
उत्तर – CFCs और ऐसे यौगिक क्षय करते हैं, जो हानिकारक पराबैंगनी किरणों से हमें बचाता है। वायुमण्डल की ओजोन परत को कम करने वाले क्लोरो फ्लोरो कार्बन (CFCS) सभी पुराने AC, फ्रीजर, फ्रिज और पुराने वाहनों में होते हैं। यह पदार्थ इतना घातक है कि पृथ्वी पर सभी लोगों को बचाने के लिए विशेष उपकरण बनाने चाहिए। ओजोन परत समताप मंडल को पराबैंगनी किरणों से बचाती है। इस रक्षा कवच के अभाव में पराबैंगनी किरणें वायुमण्डल में प्रवेश करती हैं, जो मोतियाबिंद और त्वचा कैंसर का कारण बनती हैं। । = 1970 के प्रारम्भ से ही समताप मंडलीय ओजोन की पर्त भूमि में कई क्षेत्रों में विशेष रूप से अटार्कटिका क्षेत्र में पतली हो रही है।
प्रश्न 8. विस्तृत व्याख्या करो-
(a) हमारे ग्रह पर जीवन में क्षोभमंडलीय तथा समताप मंडलीय ओजोन के प्रभावों की तुलना कीजिए ।
उत्तर – वायुमंडल पृथ्वी को घेरता है। पृथ्वी की ऊपरी सतह वायुमंडल से घिरी हुई है। समताप मंडल पृथ्वी के वायुमंडल की 10 से 50 किमी. ऊपर की सतह है। ओजोन की पतली परत इसमें होती है। सूर्य की घातक पराबैंगनी विकिरण को रोकने के लिए यह ओजोन परत प्राकृतिक फिल्टर की तरह काम करती है। ओजोन छिद्रों (ओजोन पर्त भूमि) में यह समताप मंडल पतली हो रहा है। पराबैंगनी किरणें त्वचा को कैंसर करती हैं और आनुवंशिकी पदार्थ DNA को नुकसान पहुंचाती हैं। CFCs ओजोन परत को सबसे अधिक खतरा बनाते हैं। जब CFCs समताप मंडल में पहुँचते हैं, तो क्लोरीन उत्सर्जित होने से ओजोन परत क्षतिग्रस्त होती है। समताप मंडल की ओजोन पृथ्वी पर जीवन के लिए फायदेमंद है, लेकिन क्षोभमंडल की ओजोन हानिकारक है। पृथ्वी की सतह के नजदीक के वायुस्थल में ताप और दाब अक्सर कम होते जाते हैं क्योंकि ढाल बढ़ता जाता है। जीवों के ऊतकों और श्वसन तंत्र को क्षोभमंडल की ओजोन नुकसान पहुंचाती है।
(b) ग्रीन हाऊस प्रभाव से निपटने के लिए हमें कौन-कौन सी नीतियाँ अपनानी चाहिए?
उत्तर- ग्रीन हाऊस से निकलने वाली गैसों विशेषकर CO2 को कम करके ऊष्मण को कम करना चाहिए। निम्नलिखित कार्यों का पालन करके हम ग्रीन हाऊस से निकलने वाली गैसों का उत्सर्जन वातावरण में कर सकते हैं-
• विद्युत संयंत्रों और वाहनों की ईंधन दक्षता को बढ़ाकर ।
• गैर – जीवाश्म ईंधन का विकल्प सौर ऊर्जा का कार्यान्वयन करके।
• वनों की कटाई को कम करके ।
• वनारोपण का समर्थन करके ।
• वायु प्रदूषण कम करके ।
(c) नहर पर आधारित सिंचाई मरुस्थलीकरण के लिए कैसे जिम्मेदार है ?
उत्तर– कृषि क्षेत्रों से वाष्पीकरण और वाष्पोत्सर्जन के माध्यम से नहरों का सिंचाई जल नष्ट होता है। जबकि जल वाष्पीकरण से सूख जाता है, घुला हुआ लवण लगातार एकत्रित होता है, जो बाद में नमकीन मिट्टी में लवण छोड़ देता है। मिट्टी इस तरह और अधिक नमकीन हो जाती है। भूमि पर अधिक लवण जमा होने से पौधों का विकास रुकेगा। पादप-मुक्त जमीन आसानी से मरुस्थलीकरण को जन्म देती है। मिट्टी में अधिक नमक या लवण संचय होने से भूमि कृषि योग्य नहीं रहती। नहर सिंचाई से मरुस्थलीकरण होता है, जो मानव जीवन के लिए खतरनाक है।
(d) क्लोरीन परमाणु ओजोन छिद्र का कारण हो सकता है ?
उत्तर- क्लोरीन परमाणु ओजोन परत में छिद्र का कारण होती है। यह क्रिया समताप मंडल में होती है । जहाँ CFC2 से क्लोरीन परमाणु ओजोन से क्रिया करके क्लोरीन मोनोक्साइड तथा आक्सीजन परमाणु बनाती है। Cl+ O3 → CIO +O2 क्लोरीन मोनोक्साइड, ऑक्सीजन परमाणु से क्रिया करके क्लोरीन परमाणु को समताप मंडल में छोड़ देता है।
2CIO + O2 → 2CII +2O2
एक क्लोरीन परमाणु ओजोन के कम से कम 1,00,000 परमाणुओं को तोड़ सकता है।
(e) मानव पर पराबैंगनी विकिरण का हानिकारक प्रभाव ।
उत्तर- पराबैंगनी विकिरण की छोटी मात्रा मनुष्यों और अन्य जीवों के लिए आवश्यक है, जैसे पराबैंगनी विटामिन B और D के संश्लेषण को बढ़ावा देता है, लेकिन पराबैंगनी की अधिक मात्रा जीवित जीवों के लिए बहुत खतरनाक है। यह जीवों में कॉर्निया, मोतियाबिंद DNA, त्वचा कैंसर आदि को जन्म देता है।
(f) नाभिकीय आपदाओं के खतरे ।
उत्तर– मनुष्य को नाभिकीय आपदाएं खतरनाक हैं। परमाणु विकिरण के खतरनाक और तत्काल परिणाम हैं। जापान के हिरोशिमा और नागासाकी द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान क्या हुआ? धीमी गति से परमाणु विकिरण भी विभिन्न स्रोतों से प्राप्त हो सकता है, जैसे X-रे, परमाणु रिएक्टरों, प्रयोगशालाओं, अस्पतालों और नैदानिक प्रयोजनों। इस छोटी सी मात्रा में विकिरण जीवन के विभिन्न रूपों और पारितंत्रों पर बहुत बड़ा असर डालता है। इससे बचपन से होने वाले रक्त कैंसर, गर्भपात, कमजोरी, बच्चे, शिशु, एड्स और मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है। भूमिगत बम परीक्षण से बहुत कम विकिरण निकलता है। पौधों की जड़ों से रेडियोधर्मी पानी भूमिगत जल में सोख लिया जाता है। यह रेडियोधर्मी खाद्य श्रृंखला में प्रवेश करके जीवों और मनुष्यों तक पहुंचते हैं। दूध भी रेडियोधर्मी है।
(g) पर्यावरणीय समस्याओं को वैश्विक हस्तक्षेप की आवश्यकता है।
उत्तर – पर्यावरणीय समस्याओं को सुलझाने के लिए हमें व्यक्तिगत, घरेलू, स्थालीय, राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मिलकर कार्य करना होगा। हमारे प्राकृतिक संसाधनों को बचाना व पर्यावरण को बचाना हमारी आने वाली पीढ़ी के लिए आवश्यक है। वायुमण्डलीय प्रदूषण, ओजोन परत का क्षय हरित गृह प्रभाव व जैव विविधता के नष्ट होने की समस्या को कम करने के लिए सभी राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय समस्याएँ कार्यरत हैं।
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