NIOS Class 12 Biology 2 जगत मोनेरा, प्रोटोक्टिस्टा व फंजाई
NIOS Class 12 Biology Chapter 2. जगत मोनेरा, प्रोटोक्टिस्टा व फंजाई– आज हम आपको एनआईओएस कक्षा 12 जीव विज्ञान पाठ 2 जगत मोनेरा, प्रोटोक्टिस्टा व फंजाई के प्रश्न-उत्तर (The Kingdom Monera, Protoctista and Fungi Question Answer) के बारे में बताने जा रहे है । जो विद्यार्थी 12th कक्षा में पढ़ रहे है उनके लिए यह प्रश्न उत्तर बहुत उपयोगी है. यहाँ एनआईओएस कक्षा 12 जीव विज्ञान अध्याय 2 (जगत मोनेरा, प्रोटोक्टिस्टा व फंजाई) का सलूशन दिया गया है. जिसकी मदद से आप अपनी परीक्षा में अछे अंक प्राप्त कर सकते है. इसलिए आप NIOSClass 12th Biology 2 जगत मोनेरा, प्रोटोक्टिस्टा व फंजाई के प्रश्न उत्तरोंको ध्यान से पढिए ,यह आपकी परीक्षा के लिए फायदेमंद होंगे.
NIOS Class 12 Biology Chapter 2 Solution – जगत मोनेरा, प्रोटोक्टिस्टा व फंजाई
प्रश्न 1. एक बैक्टीरिया का एकल वृत्तीय गुणसूत्र किसका बना होता है?
उत्तर– एक बैक्टीरिया का एकल वृत्तीय गुणसूत्र DNA का बना होता है।
प्रश्न 2. बैक्टीरिया कोशिका में उस विशेष क्षेत्र का नाम बताएँ जहाँ आनुवंशिक पदार्थ पाया जाता है।
उत्तर- बैक्टीरिया कोशिका में न्यूक्लिऑइड (केंद्रकाभ) में आनुवंशिक पदार्थ पाया जाता है।
प्रश्न 3. प्रोकैरियोटों में कोशिकाभित्ति किस पदार्थ की बनी होती है ?
उत्तर – कोशिकाभित्ति एक रसायन, पेप्टिडोग्लाइकैन की बनी होती है।
प्रश्न 4. कशाभ व पाइलाई में एक अंतर बताएं ।
उत्तर – पाइलाई छोटी और पतले धागेनुमा संरचनाएं होती हैं, जो कोशिकाभित्ति से बाहर को निकली रहती हैं, जबकि कशाभ अधिक लंबे व मोटे होते हैं।
प्रश्न 5. वायवीय व अवायवीय श्वसन में एक अंतर बताएं।
उत्तर – वायवीय श्वसन में ऑक्सीजन का प्रयोग होता है, जबकि अवायवीय श्वसन ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में होता है।
प्रश्न 6. बैक्टीरिया में लैंगिक जनन के दौरान किस चीज का स्थानांतरण होता है ?
उत्तर-बैक्टीरिया में लैंगिक जनन के दौरान डी. एन. ए. सूत्र का एक खंड दूसरे बैक्टीरिया में स्थानांतरित हो जाता है।
प्रश्न 7. उस बैक्टीरिया का नाम लिखिए, जो
(i) मिट्टी में वायुमंडलीय नाइट्रोजन का स्थिरीकरण कर देता है।
(ii) दूध को दही में जमा देता है।
(iii) यक्ष्मा (तपेदिक / क्षय रोग) का कारण होता है।
(iv) टिटनेस का कारण होता है।
उत्तर- (i) एजोटोबैक्टर
(ii) लैक्टोबैसीलस
(iii) माइक्रोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस
(iv) क्लोस्ट्रीडियम टेटानी
प्रश्न 8. एक बैक्टीरिया से 1 घंटे में लगभग कितने बैक्टीरिया बन सकते हैं?
उत्तर – एक बैक्टीरिया से एक घंटे में लगभग आठ बैक्टीरिया बन सकते हैं।
प्रश्न 9. बैक्टीरिया व साएनोबैक्टीरिया में कोई तीन अंतर बताएं ।
उत्तर- बैक्टीरिया व सायनोबैक्टीरिया में अंतर
बैक्टीरिया | सानोबैक्टीरिया |
1. छोटी कोशिकाएं । | 1. अपेक्षाकृत बड़ी कोशिकाएं । |
2. कशाभ हो सकते हैं। | 2. कशाभ नहीं होते । |
3. कुछ बैक्टीरिया (हरे) में प्रकाश-संश्लेषण एक अलग प्रकार से होता है. जिसमें ऑक्सीजन बाहर नहीं निकलती । | 3. हरे पौधों की भाँति प्रकाश- संश्लेषण होता है व सामान्य तरीके से ऑक्सीजन निकलती है। |
प्रश्न 10. प्रोटोक्टिस्टा भी मोनेरा की तरह एककोशिकीय होते हैं, फिर इन्हें एक अलग जगत में क्यों रखा गया है ? संक्षिप्त उत्तर लिखिए।
उत्तर – प्रोटोटिस्टा मोनेरा की तरह एककोशिकीय होते हैं, फिर भी इन्हें एक अलग जगत में रखा जाता है, क्योंकि ये एककोशिकीय यूकेरियोट (सुकेंद्रकीय) होते हैं और इनमें वास्तविक केंद्रक होता है।
प्रश्न 11. प्रोटोजोओं के नाम बताइए, जिनसे
(i) अमीबीय पेचिश होती है।
(ii) मलेरिया होता है।
उत्तर- (i) एंटअमीबा हिस्टोलिटिका से अमीबीय पेचिश होती है।
(ii) मलेरिया परजीवी या प्लैज्मोडियम से मलेरिया होता है।
प्रश्न 12. प्रोटीक्टिस्ट में किस प्रकार का अलैंगिक जनन होता है?
उत्तर – प्रोटीक्टिस्ट में अलैंगिक जनन द्विविभाजन के द्वारा होता है।
प्रश्न 13. प्रोटीक्टिस्टों के शरीर के किस भाग में श्वसन होता है ?
उत्तर – प्रोटीक्टिस्टों के शरीर में माइटोकॉन्ड्रिया श्वसन अंगक हैं।
प्रश्न 14. प्रोटीक्टिस्टों में जल की मात्रा का नियमन ( परासरण नियमन ) किस कोशिकांग के द्वारा संपन्न होता है?
उत्तर – प्रोटीक्टिस्टों में जल की मात्रा का परासरण नियमन संकुचनशील रिक्तिका द्वारा होता है।
प्रश्न 15. प्रोटीक्टिस्टों में पाए जाने वाले दो प्रकार के संचलनों के नाम लिखिए।
उत्तर- प्रोटीक्टिस्टों में संचलन फ्लैजेलम तथा स्यूडोपोडियम (पादाभों ) द्वारा होता है।
प्रश्न 16. कवक का शरीर निर्माण करने वाले पतले तंतुओं के नाम बताए ।
उत्तर – कवक का शरीर निर्माण करने वाले पतले तंतुओं को कवक तंतु (हाइफा) कहते हैं।
प्रश्न 17. कवकों में पाए जाने वाले जनन के प्रकार कौन-से हैं?
उत्तर- कवकों में जनन अलैंगिक (बीजाणुओं द्वारा ) व लैंगिक (संयुग्मन द्वारा ) होता है।
प्रश्न 18. चार मुख्य प्रकार के कवक कौन-कौन से होते हैं?
उत्तर – कवक के चार मुख्य प्रकार निम्नलिखित हैं-
(i) यीस्ट, जो एककोशिकीय होते हैं।
(ii) स्लाइम मोल्ड, जिनकी अनियमित आकृति होती है।
(iii) कुकुरमुत्ता व टोडस्टूल, जो बिना लैंस के दिखाई देने लायक बड़े होते हैं।
(iv) लाइकेन व माइकोराइजी, जो सहजीवी के रूप में पाए जाते हैं।
प्रश्न 19. पेनिसिलीन के प्रतिजैविकीय गुणों की खोज किसने की ?
उत्तर- पेनिसिलीन के प्रतिजैविकीय प्रभाव की खोज सन 1927 में एलेक्जैंडर फ्लैमिंग ने की थी ।
प्रश्न 20. बैक्टीरिया व प्रोटोक्टिस्टों के विभिन्न प्रकार के पोषणों की सूची बनाएं।
उत्तर – बैक्टीरिया के पोषण की चार श्रेणियाँ होती हैं-
(i) स्वपोषी – ये अपने कार्बनिक पदार्थ का संश्लेषण स्वयं करते हैं।
(ii) मृतपोषी- ये मृत और सड़े-गले पदार्थों का आहार करते हैं।
(iii) सहजीवी- ये अन्य जीवधारियों से आहार प्राप्त कर हैं और उन जीवधारियों के साथ ये परस्पर हित के लिए संबंध बनाए रहते हैं।
(iv) परजीवी- ये अन्य जीवों से आहार प्राप्त करते हैं और इस क्रिया में वे उन अन्य जीवों को हानि पहुंचाते
हैं।
प्रश्न 21. डायटमों के क्या सामान्य गुण हैं, जो इनको प्रोटोक्टिस्टों में सम्मिलित किए जाने को उचित ठहराते हैं?
उत्तर- डायटम एककोशिकीय हो सकते हैं या कॉलोनी के रूप में या तंतु के रूप में होते हैं। प्रत्येक कोशिका में अकेला सुस्पष्ट केंद्रक व प्लास्टिड होते हैं। ये कवच का निर्माण करते हैं, जिसमें सिलिका विद्यमान रहती है। ये सब गुण डायटमों को प्रोटोक्टिस्टों में शामिल किए जाने को उचित ठहराते हैं।
प्रश्न 22. प्रोटोक्टिस्टों के आर्थिक महत्त्व पर संक्षेप में लिखें।
उत्तर – प्रोटोक्टिस्ट मछलियों के लिए भोजन प्रदान करते हैं। ये विटामिन A व E के भरपूर स्रोत हैं। अनेक समुद्री शैवाल आयोडीन, पोटैशियम तथा अन्य खनिजों के महत्त्वपूर्ण स्रोत होते हैं। नीलहरित शैवाल वायुमंडलीय नाइट्रोजन का स्थिरीकरण करते हैं। ये पौधों के लिए प्राकृतिक उर्वरक के स्रोत हैं। डायटम अपनी दीवारों में सिलिका जमाते हैं। मृत्यु के बाद ये प्राणी जीवाश्म बन जाते हैं। इनके निक्षेप बड़ी मात्रा में फिल्टरों तथा भट्ठियों में स्तरों के बनाने के काम आते हैं।
प्रश्न 23. फंजाई के तीन अभिलक्षण बताएं ।
उत्तर– फंजाई के अभिलक्षण निम्नवत हैं-
(i) फंजाई बहुकोशिकीय यूकेरियोट हैं।
(ii) ये मृतपोषी होते हैं, जिनके तंतु जमीन के भीतर लकड़ी में या अन्य अधःस्तरों में पनपते हैं।
(iii) फंजाई बारीक सूत्रों के रूप में पाए जाते हैं, इन सूत्रों को हाइफी (hyphae) कहते हैं।
प्रश्न 24. कवक मूल (माइकोराइजा ) क्या है?
उत्तर- ये कुछ खास कवकों तथा किसी हरे शैवाल का संयोजन होते हैं, जो आपस में एक सहजीवी संबंध बनाए रखते हैं। हरा शैवाल भोजन बनाता है और कवक सुरक्षा प्रदान करता है ।
प्रश्न 10. तीन हानिकारक कवकों के नाम व इनके दुष्प्रभाव बताएं।
उत्तर– अनेक कृषि पौधों, जैसे- गन्ना, मक्का, अनाज, सब्जियों आदि पर हानिकारक कवकों के द्वारा रोग हो जाते हैं।
(1) पक्सीनिया ग्रैमिनिस (Puccinia graminis) — गेहूँ का रतुवा (wheat rust) द्वारा गेहूँ की पत्ती तथा स्तंभ पर भूरे रंग के निशान बन जाते हैं। इससे गेहूँ की पैदावर कम हो जाती है तथा यह मानव द्वारा खाने योग्य नहीं रहता ।
(2) राइज़ोपस (Rhizopus) अथवा डबल रोटी की फफूंद – यदि ब्रेड को गर्म तथा नमी के स्थान पर खुला छोड़ दिया जाए, तो उस पर कुछ ही दिनों में एक रूई जैसी संहति बन जाती है। यह सफेद रूई जैसी संरचना आगे चलकर धूसर काली हो जाती है तथा सफेद जाले को माइसीलियम कहते हैं।
(3) कवकों से मनुष्यों में अनेक रोग जाते हैं, जैसे- दाद, ऐथलीट फुट आदि। इसके अतिरिक्त कान में भी कवकों द्वारा संक्रमण हो जाया करता है।
प्रश्न 25. लाभदायक कवकों पर एक टिप्पणी लिखें।
उत्तर – कुछ कवक जैसे मशरूम ‘गुच्छी’ (ऐगेरिकस कैम्पेस्ट्रिस ) आदि खाने के काम आते हैं। यीस्ट कवकों को ब्रेड, बीयर, सोया सॉस, चीज़ तथा शराब आदि के निर्माण में इस्तेमाल किया जाता है। कुछ कवकों के साहचर्य से पौधों की जड़ों को पर्यावरण द्वारा खनिज प्राप्त होता है। न्यूरोस्पोरा (Neurospora ) कवक आनुवंशिकी के क्षेत्र में किए जाने वाले प्रयोगों में बहुत प्रयोग किये जाते हैं। कवकों से अनेक तरह के एंटिबायोटिक प्राप्त होते हैं। पेनिसिलियम नोटेटम (Penicillium notatum) कवक से पेनिसिलिन प्राप्त होती है। इसके प्रतिजैविकीय प्रभाव की खोज सन 1927 में ऐलेक्जैंडर फ्लैमिंग द्वारा संयोगवश हुई थी।
प्रश्न 26. निम्नलिखित के लिए एक नामांकित चित्र खींचें-
(i) यीस्ट के मुकुलन की विभिन्न स्थितियों की शृंखला
(ii) ब्रेड पर उगते हुए मोल्ड का आवर्धित रूप।
उत्तर- (i) यीस्ट में मुकुलन (budding) द्वारा अलैंगिक जनन होता है, लैंगिक जनन भी हो सकता है, जिसमें दो यीस्ट कोशिकाओं के बीच संयुग्मन (conjugation) होता है। संतुलित अंतः भाग में दो बार विभाजन होकर चार व्यष्टियां बन जाती हैं, जिनमें से प्रत्येक के चारों ओर एक मोटी भित्ति बन जाती है। ये स्पोर (spore) (बीजाणु) होते हैं। वायु द्वारा छितराए जाकर ये स्पोर उपयुक्त परिस्थितियों में नयी यीस्ट कोशिकाएं बना देते हैं।
(ii) स्पोरेंजियम नामक संरचनाएं फफूंद के भीतर बनती हैं, जो उसका धूसर काला रंग देती हैं। इन स्पोरेंजियमों में काले रंग के बीजाणु, या स्पोर होते हैं। स्पोरेंजियम के फूटने पर स्पोर हवा में बिखर जाते हैं। सही जगह पर पहुँचने पर इनमें कमी आती है।
जगत मोनेरा, प्रोटोक्टिस्टा व फंजाई के परीक्षोपयोगी महत्त्वपूर्ण प्रश्न
प्रश्न 1. हानिकारक बैक्टीरिया के नाम बताइए ।
उत्तर – मनुष्य के लिए हानिकारक कुछ बैक्टीरिया इस प्रकार हैं-
(i) वाइब्रोकोलेरी (Vibrocholirae)
(ii) सैलमोनेला टाइफी ( Salmonella typhi)
(iii) क्लोस्ट्रीडीयिम टिटेनी ( Clostridium tetani)
(iv) कोरीनीबैक्टीरियम डिफ्थीरिया ( Corynebacterium diphtheriae)
(v) माइक्रोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस (Mycrobacterium tuberculasis)
प्रश्न 2. बैक्टीरिया में कितने प्रकार की श्वसन क्रिया होती है?
उत्तर – बैक्टीरिया में दो प्रकार से श्वसन (Respiration) होता है- है।
वायवीय (Aerobic) – इसमें ऑक्सीजन का उपयोग होता
अवायवीय (Anaerobic) – इसमें ऑक्सीजन का उपयोग नहीं होता।
प्रश्न 3. बैक्टीरिया तथा साएनो बैक्टीरिया में अन्तर बताइए ।
उत्तर- बैक्टीरिया (Bacteria) छोटी कोशिकाएं होती हैं। इनमें कशाभ हो सकते हैं। साइनोबैक्टीरिया (Cyanobacteria) अपेक्षाकृत बड़ी कोशिकाएं होती हैं और इनमें कशाभ नहीं होते ।
प्रश्न 4. लाल सागर का रंग लाल क्यों है ?
उत्तर – लाल सागर का रंग लाल, लाल शैवाल के अधिक संख्या में पाए जाने के कारण है।
प्रश्न 5. शैवाल (Algae) अपना भोजन कैसे बनाते हैं?
उत्तर- शैवाल (Algae) अपना भोजन प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) विधि द्वारा बनाते हैं।
प्रश्न 6. डायटम्स (Diatoms) में वे कौन-से लक्षण हैं, जिनके आधार पर इन्हें प्रोटिस्टा में रखना उचित समझा गया?
उत्तर- डायटम एककोशिकीय होते हैं। ये अलवण जल में पाए जाते हैं।
प्रश्न 7. प्रोटिस्टा के आर्थिक महत्त्व पर एक अनुच्छेद लिखिए।
उत्तर – प्रोटिस्टा मछलियों को खाना खिलाते हैं। ये विटामिन A और B से भरपूर हैं। प्रोटिस्टा के कई समुद्री शैवाल आयोडीन, पोटैशियम और अन्य खनिजों का एक महत्वपूर्ण भंडार हैं। कुछ प्रोटिस्टा वायुमण्डलीय नाइट्रोजन को स्थिर करते हैं, जो पौधों को प्राकृतिक उर्वरक प्रदान करता है। प्रोटिस्टा वर्ग की दीवारों में सिलिका लगाई जाती है। मृत्यु के बाद ये प्राणी फॉसिल (जीवाश्म) बन जाते हैं, जो बड़ी मात्रा में फिल्टरों और भट्ठियों के स्तर बनाते हैं।
प्रश्न 8. डायटमों में वे कौन-से लक्षण होते हैं, जिनके आधार पर इन्हें प्रोटिस्टा में रखना उचित कहा जा सकता है?
उत्तर- (i) डायटम अवलण जल, लवण जल तथा गीली मिट्टी में पाये जाते हैं।
(ii) डायटमों की हजारों स्पीशीज जलीय प्राणियों का भोजन बनती हैं।
(iii) डायटम या तो एककोशिकीय होते हैं या कॉलोनीय या सूत्र के रूप में हो सकते हैं, और ये विभिन्न प्रकार की शक्लों में पाये जाते हैं।
(iv) प्रत्येक कोशिका में एक अकेला स्पष्ट केन्द्रक एवं प्लास्टिड होता है। इनके बाहर की तरफ तरु कवच (कोशिका भित्तियाँ) होता है, जिसमें सिलिका होती है।
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