NIOS Class 10 Home Science Chapter 19 मैं और मेरा परिवार

NIOS Class 10 Home Science Chapter 19 मैं और मेरा परिवार

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NIOS Class 10 Home Science Chapter19 Solution – मैं और मेरा परिवार

प्रश्न 1. पारिवारिक जीवन-चक्र क्या है ?
उत्तर – मानव जीवन एक चक्र की तरह चलता है। मनुष्य पहले बच्चा, फिर वयस्क और फिर बूढ़ा होता है। पारिवारिक चक्र यही है। परिवार चक्र में तीन अवस्थाएँ होती हैं: पहली अवस्था में एक युवा स्वतंत्र होता है और विवाह करता है। विवाहित दंपति की दूसरी अवस्था में बच्चे होते हैं और माता-पिता बन जाते हैं। संकुचन की अवस्था तीसरी है। इस समय बच्चे सेवा-निवृत्ति हो जाते हैं। यह चक्र इस तरह निरंतर चलता रहता है।

प्रश्न 2. प्यार करने वाले तथा समझने वाले माता-पिता किशोरों की किस प्रकार सहायता करते हैं?
उत्तर- किशोर अवस्था बहुत नाजुक होती है । इस समय बच्चे स्वतंत्रता चाहते हैं। अपने पैरों पर खड़े होना तथा अपनी पहचान बनाना चाहते हैं। किशोरावस्था में बच्चों से मैत्रीपूर्ण व्यवहार रखना बहुत जरूरी है। इस अवस्था में यदि उन्हें बच्चों के साथ सख्ती बरती जाये, तो वे आक्रामक हो सकते हैं और यदि बिल्कुल स्वतंत्र छोड़ दिया जाये, लो हो सकता है कि उनमें उपेक्षा तथा निराशा की भावना जन्म ले लें।

अतः माता-पिता को उनके साथ बातचीत के सभी रास्ते खुले रखने चाहिए तथा उन्हें भावात्मक समर्थन देना चाहिए। किशोरों पर विश्वास करना अत्यंत महत्त्वपूर्ण होता है। माता-पिता को इस अवस्था में बच्चों को यह अहसास कराना चाहिए कि वे केवल माता-पिता ही नहीं हैं, उनके दोस्त भी हैं। उन्हें उनकी समस्याओं को ध्यान से सुनना और उपाय प्रस्तुत करने चाहिए। उनके द्वारा इस बात का आभास कराना चाहिए कि उन्हें उठाये गए कदमों का परिणाम क्या होगा।

प्रश्न 3. विभिन्न प्रकार के पेरेंटिंग स्टाइलों का उल्लेख कीजिए ।
उत्तर- बच्चों को सही तरह से पालना एक मुश्किल काम है। बच्चों की परवरिश करते समय हर माता-पिता का मानना है कि उनका बच्चा सभी अच्छे गुणों से भरपूर होगा। बच्चों का पालन-पोषण उनके व्यवहार और व्यक्तित्व पर निर्भर करता है। तीन प्रकार के माता-पिता अपने बच्चों को अनुशासित और व्यावहारिक बना सकते हैं-

निरंकुश अनुशासन विधि – इस विधि में माता-पिता अपने निर्देशों के अनुपालन के लिए प्रतिबंधों तथा दंड देने का सहारा लेते हैं। ऐसे परिवार में पले बच्चों में आत्मविश्वास की कमी होती है तथा बच्चे जीवन में आगे चलकर विद्रोह की प्रवृत्ति धारण कर लेते हैं।

लोकतांत्रिक अनुशासन विधि – इस विधि में माता-पिता अपने नियंत्रण के भीतर बच्चों को कार्य करने की पूर्ण स्वतंत्रता देते हैं। माता-पिता स्नेहपूर्णक तथा बच्चों के साथ में मैत्रीपूर्ण ढंग से रहते हैं। ऐसे परिवार के बच्चे सामाजिक दृष्टिकोण से सुव्यवस्थित, उत्तरदायी तथा आत्मविश्वासी होते हैं।
अनुज्ञात्मक – अनुशासन विधि – इस विधि में माता-पिता अपने बच्चों की गतिविधियों में बिल्कुल शामिल नहीं होते, जिससे बच्चों में आत्मविश्वास की कमी होती है और उनमें सामाजिक कौशलों का अभाव रहता है।

प्रश्न 4. परिवार के लिए अनुशासन आवश्यक क्यों है?
उत्तर – अनुशासन हमें संयम देता है, जो जीवन में सफलता के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। अनुशासन का अर्थ है समय पर सोना, जागना, पढ़ना, खाना और खेलना। जीवन अनुशासन से चलता है। अनुशासन बच्चे को कुछ नियमों का पालन करना सिखाता है। बच्चे को प्रारंभिक स्तर से ही अनुशासन की आदत दी जाती है। अनुशासन की आदत डालना बहुत जरूरी है क्योंकि बिना इसके मानव जीवन जानवर की तरह होता है।

प्रश्न 5. एक नवविवाहित बहू को नए घर में सामंजस्य स्थापित करने में परिवार के सदस्य किस प्रकार सहायता कर सकते हैं?
उत्तर – एक लड़की को विवाह करना एक चुनौतीपूर्ण निर्णय होता है। वह नए वातावरण में नए लोगों से जुड़ना चाहिए। अपने अच्छे व्यवहार, स्नेह और मधुर वाणी से यह काम आसान हो जाता है। साथ ही परिवार उसका स्वागत करके अपनेपन को दिखा सकता है। उसे परिवार का एक हिस्सा मान सकते हैं। उसे अपने नए घर और परिवेश को समझने के लिए थोड़ा समय देना चाहिए और उससे केवल वास्तविक उम्मीद रखकर गैर-आलोचनात्मक दृष्टिकोण रखना चाहिए।

प्रश्न 6. विस्तारित परिवार में बढ़ते हुए बच्चों के वातावरण की तुलना एकल परिवार से कीजिए ।
उत्तर – पुराने समय में, माता-पिता, दादी-दादा, चाचा-चाची, बुआ और ताऊ-ताई सब एक साथ रहते थे, जिससे संयुक्त परिवारों का चलन अधिक था. आज, औद्योगीकरण और प्रवसन के कारण, संयुक्त परिवारों ने एकल परिवारों का रूप ले लिया है। परिवार में अब माता-पिता और बच्चे हैं। बच्चे जो आज भी संयुक्त परिवार में रहते हैं, उनमें सहनशीलता और दूसरों के प्रति समर्पण की भावना अधिक होती है, क्योंकि परिवार में अधिक सदस्य होते हैं। लेकिन एकल परिवार के बच्चों में ऐसा नहीं होता। संयुक्त परिवार के बच्चे बुजुर्गों की सेवा करना जैसे जीवन-मूल्यों को आसानी से सीख जाते हैं, लेकिन एकल परिवार में बुजुर्ग होते ही नहीं हैं, इसलिए उनमें ये भाव नहीं आ पाते।

प्रश्न 7. शिशुओं, स्कूल जाने वाले बच्चों तथा किशोरों के विकास के प्रति माता – पिता की भूमिका की चर्चा करें।
उत्तर – शिशुओं की देखरेख – शिशुओं की देखभाल बहुत महत्वपूर्ण है। माँ शिशु को खाना देती है, नहलाती है, आदि। शिशु को दूध पिलाने के लिए इस समय माँ सबसे अच्छी होती है। यदि माँ और पिता दोनों काम करते हैं, तो शिशु को सपोर्ट सिस्टम की जरूरत होती है। यदि माता-पिता एक साथ रहते हैं, तो घर में माँ की अनुपस्थिति में घर के बाकी बच्चों का ध्यान रखना होगा; अन्यथा, माता-पिता को डे केयर या क्रैच की व्यवस्था करनी होगी।

स्कूल जाने वाले बच्चे – जब बच्चा चार वर्ष का होता है, तो वह स्कूल जाना शुरू कर देता है। आजकल बच्चों को पहले प्ले स्कूल में भेजा जाता है, जहाँ वे खेल-खेल में बहुत कुछ सीखते हैं। माता-पिता का पहला लक्ष्य अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देना होता है। किंतु स्कूल ही बच्चों को शिक्षा देने की जिम्मेदारी नहीं है; माता-पिता भी अपने बच्चों की पढ़ाई लिखाई का ध्यान रखना चाहिए। बच्चे का विकास इस आयु में तीव्रता से होता है। इस उम्र में बच्चे बाहर खेलना पसंद करते हैं और सामूहिक खेल खेलते हैं। बच्चों को अब पोषक आहार चाहिए। साथ ही वे स्वस्थ भोजन की आदत विकसित करते हैं। इस उम्र में माता-पिता को अपने बच्चों की पढ़ाई पर अधिक ध्यान देना चाहिए।

किशोरावस्था- यह उम्र बहुत संवेदनशील होती है। इस अवस्था में माता-पिता को बच्चों के साथ मैत्रीपूर्ण व्यवहार रखना चाहिए। उनकी समस्याओं को सुनना व समझना चाहिए तथा उनके वैकल्पिक उपाय भी सुझाने चाहिए ।

प्रश्न 8. जीवन-मूल्य क्या हैं तथा बच्चों में उन्हें किस प्रकार विकसित किया जा सकता है?
उत्तर- बड़ों का आदर करना, ईमानदारी, सत्यनिष्ठा, विनम्रता आदि जीवन मूल्य हैं। ये हमारे सामाजिक जीवन का निर्माण करते हैं। ज्यादातर बच्चे परिवार में अपने बड़ों से ये मूल्य सीखते हैं। परिवार का सबसे महत्वपूर्ण काम बच्चों को मूल्यों की शिक्षा देना है। हमें अपने बच्चों को इन जीवन मूल्यों को आसानी से स्वीकार करने के लिए अनुकूल वातावरण बनाना चाहिए। सभी माता-पिता चाहते हैं कि उनके बच्चों में अच्छी आदतों का विकास हो, लेकिन केवल ऐसे माता-पिता ही अपनी खुद की अच्छी आदतों को अपने बच्चों को दे सकते हैं।

प्रश्न 9. अगर आप उमा हों, तो अपने संबंधों को नेहा के साथ किस प्रकार बेहतर करेंगी ?
तीन साल पहले उमा की शादी राजन से हुई थी। वह एक बड़े शहर में एक रूढ़िवादी संयुक्त परिवार में रहती है। उसके परिवार में उसके पति के माता-पिता, एक अविवाहित देवर आकाश, एक अविवाहित बहन नेहा है। उमा के आकाश के साथ अच्छे संबंध हैं, किन्तु नेहा के साथ नहीं हैं। वे लगभग एक ही उम्र की हैं।

उत्तर – विवाह के बाद परिवार में सभी लोगों के साथ अच्छे संबंध बनाना बहुत महत्वपूर्ण है। इसमें नवविवाहित और उनके परिवार के सदस्यों को मिलकर काम करना होगा। आपसी स्नेह और एक-दूसरे की कमियों को नजरअंदाज करने से ये रिश्ते मधुर हो सकते हैं। यदि मैं उमा हूँ तो मैं नेहा से दोस्ती करने की कोशिश करूँगी। कड़वापन भूल जाऊँगा और प्यार बढ़ाना चाहूँगा। मैं नेहा का विश्वास जीतने के लिए उसके कामों में उसका सहयोग करूँगा। उसकी जरूरत के कुछ सामान उसे देने की कोशिश करूँगी। इस तरह मैं नेहा से मित्र बनने की कोशिश करूँगा।

मैं और मेरा परिवार के अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न

प्रश्न 1. भारत में संयुक्त परिवारों के टूटने के कोई दो वैध कारण बताइए ।
उत्तर- 1. औद्योगीकरण – संयुक्त परिवारों को बढ़ावा देने के लिए पहले ज्यादातर लोग कृषि में लगे हुए थे। लेकिन जब कृषि से कमाई होने लगी, कुछ लोग कृषि छोड़कर शहरों में अच्छी नौकरियों की तलाश में आए। गांवों से आने वाले युवा अच्छी शिक्षा लेकर शहर में अच्छी कमाई करने लगे। इस पलायन के दौरान एकजुट परिवार टूटने लगे।

2. बड़ा आकार – जब संयुक्त परिवार का आकार काफी बड़ा होने लगा, जिससे व्यवस्था में असुविधा होने लगी, तो घर के कुछ लोगों ने एकल परिवार में रहने का फैसला किया ।

प्रश्न 2. परिवार किसे कहते हैं? परिवार के प्रमुख कार्यों का विवरण दीजिए ।
उत्तर- परिवार एक विवाहित व्यक्ति, उनकी पत्नी और उनके बच्चों से मिलकर बना हुआ है। यह परिवार सभी सदस्यों के लिए एक सामूहिक घर में विश्वास करता है। दूसरे शब्दों में, परिवार का हर व्यक्ति एक घर में रहता है। लेकिन पिता को अक्सर अपनी नौकरी के कारण परिवार से दूसरे शहर में रहना पड़ता है। लेकिन इस तरह, पति अपने परिवार के साथ एक ही घर में रहता है, तो भी उसे उसी परिवार का हिस्सा माना जाता है।

परिवार के कार्य
1. सुरक्षा – जन्म के समय एक छोटा बच्चा पूरी तरह से बड़ों पर आश्रित होता है। बच्चों के अलावा परिवार के सभी सदस्यों की देखभाल की जाती है। बीमार बुजुर्गों और बच्चों की देखभाल करना परिवार का एक महत्वपूर्ण काम है।

2. भावनात्मक जुड़ाव – बच्चों का सही ढंग से विकास करने के लिए माता-पिता और घर के सभी लोगों का प्यार और समर्पण बहुत महत्वपूर्ण है। इस तरह, भावनात्मक संबंध परिवार को एकजुट करता है, और बच्चे प्यार और लगाव महसूस करते हैं। इस तरह बच्चों का विकास अन्य बच्चों की तुलना में बेहतर होता है।

3. शिक्षा- बच्चे का घर प्राथमिक विद्यालय है, जहां वह समाज में क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए। वह घर में ही दूसरों से कैसे बातचीत करनी चाहिए, बड़ों का आदर और आज्ञापालन करना, ईमानदारी करना आदि सीखना शुरू कर देता है। जब बच्चे घर में ही पारंपरिक क्षमता सीखने लगते हैं, तो वे भविष्य की भूमिकाओं और कैरियर के लिए भी तैयार हो जाते हैं।

4. आर्थिक सुरक्षा – परिवार भी एक भर्ता है। यह हर व्यक्ति की आवश्यकताओं के अनुसार भोजन, कपड़ा और घर भी प्रबंधित करता है। यह परिवार की अन्य आवश्यकताओं को भी पूरा करता है। सभी परिवार के सदस्यों को पारिवारिक जिम्मेदारियां मिलती हैं। कुछ सदस्य अलग-अलग कार्य करते हैं। कुछ सदस्य कमाई करते हैं, जबकि अन्य सदस्य घर में अन्य काम करते हैं।

5. मनोरंजन – परिवार के सदस्य एक-दूसरे के सहयोगी होते हैं। तुम हमेशा किसी से खेल या बात कर सकते हो। इसके अलावा, परिवार में जन्मोत्सव, विवाहोत्सव और अन्य त्यौहार मनाये जाते हैं, जिससे घर के लोग खुश होते हैं।

प्रश्न 3. एकल परिवार में रहने के क्या लाभ हैं?
उत्तर – एकल परिवार में रहने के लाभ-
1. इससे परिवार के सदस्यों में प्रयास करने की क्षमता, स्वतंत्रता तथा आत्मनिर्भरता का विकास होता है ।
2. इसमें बच्चों को फैसले लेने का मौका मिलता है, जिससे उनमें आत्मविश्वास का विकास होता है ।
3. इसमें घर के सदस्यों को आपस में बातचीत के लिए भरपूर एकांत मिलता है । इसके परिणाम स्वरूप घर के सदस्यों में भावनात्मक लगाव गहरा होता है ।

प्रश्न 4. संयुक्त परिवार में रहने के क्या लाभ हैं ?
उत्तर – संयुक्त परिवार में रहने के लाभ-
1. इसमें परिवार के सदस्यों में सहयोग और सामंजस्य की भावना पैदा होती है |
2. माता-पिता की मृत्यु की स्थिति में बच्चों को परिवार में पूरा भावनात्मक सहयोग मिलता है ।
3. ऐसे परिवारों में बूढ़े, अक्षम और बेरोजगार सदस्यों को भी सहारा मिल जाता है ।
4. ऐसे परिवारों में आर्थिक अधिक सुरक्षा होती है ।

प्रश्न 5. किन कारणों से परिवार के सदस्यों के संबंधों में कटुता आती है ?
उत्तर – वे तथ्य निम्नलिखित है; जिनसे पारिवारिक संबंध टूटते हैं-
1. हर किसी पर अविश्वास करना;
2. दूसरों से बहुत ज्यादा अपेक्षा रखना;
3. आलोचना और तर्क करना;
4. स्वार्थी और आत्मकेन्द्रित होना;
5. दूसरों के मामलों में हस्तक्षेप करना;
6. दूसरों का ध्यान न रखना ।

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