महात्मा गांधी और राष्ट्रीय आंदोलन के प्रश्न उत्तर
Mahatma Gandhi or Rashtriya Andolan Question Answer – इस पोस्ट में हम कक्षा 12 के छात्रों के लिए एनसीईआरटी इतिहास अध्याय 13 के प्रश्न उत्तर लेकर आये हैं। जो छात्र अपनी परीक्षा की तैयारी अच्छी तरह से करना चाहते हैं वे हमारे इस पोस्ट से अध्याय 13 महात्मा गांधी और राष्ट्रीय आंदोलन के प्रश्न एवं उत्तरों की विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। हमारी वेबसाइटसे आप NCERT BOOK के अध्याय 10 महात्मा गांधी और राष्ट्रीय आंदोलन के सभी प्रश्न उत्तर विस्तृत रूप में उपलब्ध हैं जिसको पढ़कर छात्र परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं
Class 12th History Chapter 13. महात्मा गाँधी और राष्ट्रीय आंदोलन
महात्मा गांधी और राष्ट्रीय आंदोलन के अति लघु उत्तरीय प्रश्न
उत्तर – उदारवादी सुधारों के लिए क्रमिक तथा लगातार प्रयास करते रहने के पक्ष में थे। इसके विपरीत गर्म दलीय नेता औपनिवेशिक शासन के प्रति लड़ाकू नीति के समर्थक थे।
उत्तर – (1) सत्य की शक्ति पर आग्रह।
(2) अहिंसात्मक विरोध।
उत्तर – (1) 1916 में बिहार के चंपारण जिले में।
(2) 1917 में गुजरात के खेड़ा जिले में।
(3) 1918 में अहमदाबाद (गुजरात) में।
उत्तर – 1917 में चंपारण के किसानों काश्तकारों को सुरक्षा दिलाने के लिए गांधीजी ने अनशन किया। उन्होंने उन्हें अपनी पसंद की फ़सल उगाने की स्वतंत्रता दिलाई।
महात्मा गांधी और राष्ट्रीय आंदोलन–सविनय अवज्ञा और उससे आगे ।
उत्तर -– महात्मा गांधी को 1922 में राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था। फरवरी, 1924 में वे जेल से रिहा हो गए। अब उन्होंने अपना ध्यान घर में बुने कपड़े (खादी) को बढ़ावा देने तथा छुआछूत को समाप्त करने पर लगाया। उनका विश्वास था कि स्वतंत्रता पाने के लिए सभी मतों के भारतीयों के बीच सद्भावना का वातावरण तैयार करना होगा। इसलिए उन्होंने हिंदू-मुसलमानों के बीच सौहार्द पर बल दिया।
उत्तर – महात्मा गांधी का मानना था कि भारत में ब्रिटिश शासन भारतीयों के सहयोग से स्थापित हुआ और इसी सहयोग के कारण टिका हुआ था। अत: वह असहयोग की नीति अपनाकर ब्रिटिश शासन को समाप्त करना चाहते थे ताकि स्वराज की स्थापना हो सके।
उत्तर – (1) सरकार द्वारा दी गई पदवियाँ लौटाना।
(2) सरकारी नौकरियों, सेना, पुलिस, विधायी परिषदों, स्कूलों आदि का बहिष्कार करना।
(3) विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करना।
(4) यदि सरकार दमन का रास्ता अपनाए तो व्यापक सविनय अवज्ञा अभियान चलाना।
उत्तर – गोपाल कृष्ण गोखले तथा मुहम्मद अली जिन्ना दो मुख्य उदारवादी नेता थे। गोपाल कृष्ण गोखले गांधीजी के मान्य राजनीतिक परामर्शदाता थे, जबकि जिन्ना गांधीजी की तरह गुजराती मूल के वकील थे।
उत्तर – (1) चंपारण, अहमदाबाद और खेड़ा के अभियानों ने गांधीजी को एक ऐसे राष्ट्रवादी की छवि प्रदान की जिनके मन में गरीबों के लिए गहरी सहानुभूति थी।
(2) रॉलेट सत्याग्रह ने गांधीजी को एक सच्चा राष्ट्रीय नेता बनाया।
उत्तर – (1) यह आंदोलन स्वशासन के लिए एक प्रशिक्षण था।
(2) इसके परिणामस्वरूप अंग्रेज़ी सत्ता 1857 के विद्रोह के बाद पहली बार लड़खड़ाती दिखाई दी।
उत्तर -महात्मा गांधी की चमत्कारिक शक्तियों के बारे में कई अफ़वाहें फैली हुई थीं। इनमें से दो अफ़वाहें निम्नलिखित थीं
(1) कुछ स्थानों पर यह कहा गया कि उन्हें राजा द्वारा किसानों के कष्टों को दूर करने के लिए भेजा गया और उनके पास सभी स्थानीय अधिकारियों के निर्देशों को अस्वीकृत कर देने की शक्ति है।
(2) कुछ अन्य स्थानों पर यह दावा किया गया कि गांधीजी की शक्ति ब्रिटिश सम्राट् से उत्कृष्ट है और उनके आने से औपनिवेशिक शासक जिले से भाग जाएँगे।
उत्तर -पूर्ण स्वराज’ की माँग को दिसंबर, 1929 में कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में स्वीकार किया गया। इस अधिवेशन की अध्यक्षता पं० जवाहरलाल नेहरू ने की।
उत्तर -यह निर्णय लिया गया कि 26 जनवरी, 1930 का दिन स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाएगा। उस दिन देशभर में लोग पूर्ण स्वराज के लिए संघर्ष की शपथ लेंगे।
उत्तर – असहयोग आंदोलन में लोगों को सरकार से केवल सहयोग न करने के लिए कहा गया था। परंतु सविनय अवज्ञा आंदोलन में लोगों को औपनिवेशिक कानूनों को तोड़ने तथा कर न चुकाने के लिए भी कहा गया।
उत्तर – गांधी-इरविन समझौता 5 मार्च, 1931 को हुआ। इसके अनुसार
(1) गांधीजी ने लंदन में होने वाले दूसरे गोलमेज़ सम्मेलन में भाग लेना स्वीकार कर लिया।
(2) बदले में सरकार राजनीतिक कैदियों को रिहा करने पर सहमत हो गई।
(3) तटीय प्रदेशों में लोगों को नमक बनाने की अनुमति दे दी गई।
उत्तर – (1) इस भाषण से यह तथ्य उजागर हुआ कि उस समय तक राष्ट्रीय आंदोलन वकीलों, डॉक्टरों तथा जमींदारों जैसे विशिष्ट वर्गों तक ही सीमित था।
(2) इस भाषण ने गांधीजी की इस इच्छा को उजागर किया कि वे भारतीय राष्ट्रवाद को सभी भारतीय लोगों तक पहुँचाना चाहते थे।
उत्तर–रॉलेट सत्याग्रह के दौरान एक अंग्रेज़ ब्रिगेडियर ने अमृतसर के जलियाँवाला बाग में हो रही एक सभा पर गोली चलाने का आदेश दे दिया। इस हत्याकांड में 400 से भी अधिक लोग मारे गए।
(ii) गांधीजी ने इसे असहयोग आंदोलन का अंग क्यों बनाया?
उत्तर – (i) खिलाफ़त आंदोलन मुसलमानों द्वारा चलाया जा रहा था जो यह माँग कर रहे थे कि पहले के ऑटोमन साम्राज्य के सभी इस्लामी पवित्र स्थानों पर तुर्की के सुल्तान अथवा ख़लीफ़ा का नियंत्रण बना रहे।
(ii) गांधीजी ने असहयोग आंदोलन के विस्तार एवं मजबूती के लिए इसे असहयोग आंदोलन का अंग बनाया। उन्हें यह आशा थी कि असहयोग को खिलाफ़त के साथ मिलाने से भारत के दो प्रमुख धार्मिक समुदाय हिंदू और मुसलमान आपस में मिलकर औपनिवेशिक शासन का अंत कर देंगे।
उत्तर–गांधीजी द्वारा इस आश्रम को स्थापित करने (1916 ई०) का उद्देश्य अपने अनुयायियों को सत्य-अहिंसा का मार्ग दर्शाना तथा सत्य-अहिंसा के अनुसार व्यवहार करना सिखाना था। उन्होंने यहाँ संघर्ष की अपनी नई विधि का प्रयोग भी करना आरंभ किया।
उत्तर – (1) सरकार ने रॉलेट एक्ट पास किया और इसका शांतिपूर्वक विरोध करने वालों पर गोलियाँ बरसाईं।
(2) सरकार ने खिलाफ़त आंदोलन के प्रति बड़ा सख्त रुख अपनाया था।
उत्तर – 1922 में चौरी-चौरा नामक स्थान पर कुछ आंदोलनकारियों ने एक पुलिस चौकी को आग लगा दी। इस हिंसक घटना में थानेदार सहित कुछ सिपाही जीवित जल गए। इसी घटना से दु:खी होकर गांधीजी ने असहयोग आंदोलन बंद कर दिया।
उत्तर – साइमन कमीशन 1928 ई० को भारत आया। इस कमीशन का काम यह देखना था कि 1919 ई० में दी गई सुविधाओं में और क्या फेर-बदल किया जाए।
उत्तर – साइमन कमीशन (1928) के सारे सदस्य अंग्रेज़ थे। उसमें कोई भी भारतीय सदस्य नहीं था। यह भारतीयों के लिए अपमानजनक था। इसीलिए उसका विरोध किया गया।
उत्तर – कांग्रेस ने लाहौर अधिवेशन में पूर्ण स्वराज्य का प्रस्ताव पास कर दिया था। इसलिए गांधीजी ने सरकार को चेतावनी दी ‘या तो पूर्ण स्वराज दो या सविनय अवज्ञा आंदोलन के लिए तैयार हो जाओ।’ जब सरकार ने पहली बात नहीं मानी तो गांधीजी ने सविनय अवज्ञा आंदोलन का मार्ग अपनाया।
उत्तर – 12 मार्च, 1930 को गांधीजी अपने कुछ सहयोगियों के साथ डाँडी की ओर चल दिए। 6 अप्रैल को डाँडी पहुँचकर उन्होंने नमक बनाकर नमक कानून तोड़ा। सारे देश में लोगों ने इसी प्रकार कानून तोड़े। इस तरह सविनय अवज्ञा आंदोलन का आरंभ हुआ।
उत्तर – (1) सरकार ने कांग्रेस के सभी बड़े-बड़े नेताओं (सरदार पटेल, डॉ० राजेंद्र प्रसाद, सुभाषचंद्र बोस आदि) को जेल में डाल दिया।
(2) कांग्रेस को गैर-कानूनी संस्था घोषित कर दिया गया।
उत्तर – (1) 1929 के अधिवेशन में पूर्ण स्वराज्य का प्रस्ताव पारित किया गया।
(2) इसी अधिवेशन में सविनय अवज्ञा आंदोलन चलाने का निर्णय लिया गया।
उत्तर – 1939 ई० में द्वितीय महायुद्ध आरंभ हो गया। इंग्लैंड इसमें शामिल था। भारत के वायसराय लिनलिथगो ने भारतवासियों से पूछे बिना भारत को इस युद्ध में शामिल कर दिया। इस बात से नाराज होकर कांग्रेसी मंत्रिमंडलों ने त्याग-पत्र दे दिए।
उत्तर – द्वितीय विश्व युद्ध में जापान निरंतर भारत की ओर बढ़ रहा था। भारत में व्यक्तिगत सत्याग्रह आंदोलन चल रहा था। अत: स्थिति को अपने पक्ष में करने के लिए ब्रिटिश सरकार ने सर स्टेफर्ड क्रिप्स को भारत भेजा।
उत्तर – ब्रिटिश सरकार ने भारत को स्वतंत्रता देने से इंकार कर दिया था। अत: 8 अगस्त, 1942 को कांग्रेस ने मुंबई में ‘अंग्रेज़ो भारत छोड़ो’ प्रस्ताव पास कर दिया।
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