Class 9 Maths Chapter 8 – चतुर्भुज
NCERT Solutions For Class 9 Mathematics Chapter 8 . चतुर्भुज – जो उम्मीदवार 9th कक्षा में पढ़ रहे है उन्हें Maths सब्जेक्ट के बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी है .इसके बारे में 9th कक्षा के एग्जाम में काफी प्रश्न पूछे जाते है .इसलिए यहां पर हमने एनसीईआरटी कक्षा 9 गणित अध्याय 8 (चतुर्भुज) का सलूशन दिया गया है .इस NCERT Solutions For Class 9 Maths Chapter 8 Quadrilaterals की मदद से विद्यार्थी अपनी परीक्षा की तैयारी कर सकता है और परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकता है. इसलिए आप Ch.8 चतुर्भुज के प्रश्न उत्तरों ध्यान से पढिए ,यह आपके लिए फायदेमंद होंगे. इसलिए नीचे आपको एनसीईआरटी समाधान कक्षा 9 गणित अध्याय 8 चतुर्भुजदिया गया है ।
Class | Class 9 |
Subject | Mathematics |
Chapter | Chapter 8 |
Chapter Name | चतुर्भुज |
NCERT Solutions For Class 9 गणित Chapter 8 चतुर्भुज
Class 9 Mathematics चतुर्भुज Ex 8.1
Class 9 Mathematics चतुर्भुज Ex 8.2
Class 9 Mathematics चतुर्भुज (प्रश्नावली 8.1)
हल : मान लीजिए ABCD एक चतुर्भुज है।
इसलिए, ∠A = 3????
∠B = 5????
∠C = 9????
∠D = 13????
जहाँ ???? एक धनात्मक अचर है।
अब, ∠A + ∠B + ∠C + ∠D = 360° [चतुर्भुज का कोण योग गुण]
⇒ 3???? + 5???? + 2???? + 13???? = 360°
⇒ 30???? = 360°
⇒
⇒ ???? = 12°
अब,
∠A = 3???? ⇒ ∠A = 3 x 12° ⇒ ∠A = 36°
∠B = 5???? ⇒ ∠B = 5 x 12° ⇒ ∠B = 60°
∠C = 9???? ⇒ ∠C = 9 x 12° ⇒ ∠C = 108°
और ∠D = 13???? ⇒ ∠D = 13 x 12° = 156°
अतः दी गई चतुर्भुज के कोण क्रमशः 36°, 60°, 108° और 156° हैं।
हल : दिया है : ABCD एक समांतर चतुर्भुज है जिसमें विकर्ण AC = विकर्ण BD
सिद्ध करना है : ABCD एक आयत है।
उपपत्ति: ∆ABC और ∆ABD में,
AB = AB (उभयनिष्ठ)
AC = BD (दिया है)
और AD = BC [समांतर चतुर्भुज की सम्मुख भुजाएँ]
∴ ∆ABC ≌ ∆BAD [SSS सर्वांगसमता नियम से]
⇒ ∠DAB = ∠CBA
[सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग]
परंतु ∠DAB + ∠CBA = 180° …(ii)
[∵ AD || BC और AB इनकी तिर्यक रेखा है। तिर्यक रेखा के एक ओर के अंतः कोणों का योगफल 180° होता है।]
(i) और (ii) से हमें प्राप्त होता है;
∠DAB = ∠CBA = एक समकोण
अतः, ABCD एक आयत है।
[∵ यदि समांतर चतुर्भुज का एक कोण 90° का हो, तो वह आयत होता है।]
[इति सिद्धम]
हल : मान लीजिए ABCD एक चतुर्भुज है।
मान लीजिए इसके विकर्ण AC और BD परस्पर समकोण पर, बिंदु O पर समद्विभाजित होते हैं।
∴ OA = OC, OB = OD
और ∠AOB = ∠BOC = ∠COD
= ∠AOD = 90°
हमने सिद्ध करना है कि ABCD एक समचतुर्भुज है।
∆AOD और ∆BOC में,
OA = OC (दिया है)
∠AOD = ∠BOC (प्रत्येक = 90°) [दिया है]
OD = OB (दिया है)
∠AOD ≌ ∆COB [SAS सर्वांगसमता नियम से]
इसलिए, AD = CB …(i)
[सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग]
∆AOB और ∆COD में,
OA = OC [दिया है]
∠AOB = ∠COD (प्रत्येक = 90°) दिया है]
OB = OD [दिया है]
∴ ∆AOB ≌ ∆COD [SAS सर्वांगसमता नियम से]
इसलिए, AB = CD ..(ii)
(सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग)
अब, ∆AOB और ∆BOC में,
AO = OC [दिया है]
AB = AD [वर्ग की भुजाएँ]
OB = OD
[वर्ग के विकर्ण परस्पर समद्विभाजित करते हैं।]
∴ ∆AOB ≌ ∆AOD [SSS सर्वांगसमता नियम]
∴ ∆AOB ≌ ∆AOD [SSS सर्वांगसमता नियम]
∴ ∠AOB = ∠AOD [सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग]
पंरतु ∠AOB + ∠AOD = 180° [रैखिक युग्म]
∴ ∠AOB = ∠AOD = 180° [रैखिक युग्म]
∴ ∠AOB = ∠AOD = 90°
अर्थात्, OA ⊥ BD या AC ⊥ BD (अतः, भाग (ii) सिद्ध हुआ)
(i) AO = CO तथा BO = DO
(ii) AOB = 90o
ΔAOB तथा ΔCOD में
AB = CD (वर्ग की भुजा)
∠BAO = ∠DCO (एकांतर कोण)
∠AOB = ∠COD (शिर्षाभिमुख कोण)
अत: ASA सर्वांगसमता नियम से
ΔAOB ≅ ΔCOD
∴ AO = CO तथा BO = DO (By CPCT) ……….. (1)
पुन: ΔAOB तथा ΔBOC में
AB = BC (वर्ग की भुजा)
BO = BO (उभयनिष्ठ)
AO = CO समीo (1) से
अत: SSS सर्वांगसमता नियम से
ΔAOB ≅ ΔBOC
अत: ∠AOB = ∠COB (By CPCT) ……….. (2)
अब ∠AOB + ∠COB = 180o (रैखिक युग्म)
⇒ ∠AOB + ∠AOB = 180o समी0 (2) से
⇒ 2∠AOB = 180o
⇒ ∠AOB = 90o
हल : मान लीजिए ABCD एक चतुर्भुज है जिसके बराबर विकर्ण AC और BD परस्पर बिंदू O पर समद्विभाजित होते हैं। हमें प्राप्त है:
AC = BD
OA = OC …(i)
और OB = OD …(ii)
AC = BD
⇒ OA + OC = OB + OD
⇒ OC + OC = OB + OB [(i) और (ii) के प्रयोग करने पर]
⇒ 2OC = 2OB
⇒ OC = OB
(i), (ii) और (iii) से हमें प्राप्त होता है :
OA = OB = OC = OD …..(iv)
अब, ∆AOB और ∆COD में,
OA = OD [भाग (iv) में दर्शाया गया है]
∴ ∠AOB = ∠COD [शीर्षाभिमुख कोण]
OB = OC [भाग (iv) में दर्शाया गया है।]
∴ ∆AOB ≌ ∆DOC [SAS सर्वांगसमता नियम]
इसलिए, AB = DC [सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग]
इसी प्रकार, ∆ABOC ≌ ∆AOD [SAS सर्वांगसमता नियम]
इसलिए, BC = AD [सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग] …..(vi)
(v) और (vi) से परिणाम निकलता है कि चतुर्भुज ABCD की सम्मुख भुजाएँ। बराबर हैं।
अतः, ABCD एक समांतर चतुर्भुज है।
अब, ∆ABC और ∆BAD में
AB = BA [उभयनिष्ठ]
BC = AD [भाग (vi) में सिद्ध किया है।
AC = BD [दिया है]
∴ ∆ABC ≌ ∆BAD [SSS सर्वांगसमता नियम]
इसलिए, ∠ABC = ∠BAD …(vii)
[सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग]
पंरतु ∠ABC + ∠BAD = 180° ….(viii)
[∵ ABCD एक समांतर चतुर्भुज है]
(ऊपर प्रमाणित)
∵ AD || BC और AD एक तिर्यक रेखा है।
⇒ ∠ABC + ∠ABC = 180° [(vii) को (viii) में प्रयोग करने पर]
⇒ 2 ∠ABC = 180°
⇒ ∠ABC = 90°
∴ ∠ABC = ∠BAD = 90° …(ix)
समांतर चतुर्भुज के सम्मुख कोण बराबर हैं।
परंतु ∠ABC = 90° और ∠BAD = 90°
∴ ∠ABC = ∠ADC = 90° …(x)
और ∠BAD = ∠BCD = 90° …(xi)
हम देखते हैं कि
∠ABC = ∠ADC = ∠BAD
= ∠BCD = 90° ….(xii)
अब ∆AOB और ∆BOC में
OA = OC [दिया है]
∠AOB = ∠BOC प्रत्येक 90° [दिया है]
OB = OB [उभयनिष्ठ]
∴ ∆AOB ≌ ∆BOC [SAS सर्वांगसमता नियम]
इसलिए AB = BC …(xiii)
(v), (vi) और (iii) से प्राप्त है :
AB = BC = CD = AD ….(xiv)
(xii) और (xiv) से अब हमें एक चतुर्भुज प्राप्त है जिसके बराबर विकर्ण परस्पर समकोण पर समद्विभाजित होते हैं। साथ ही बराबर भुजाएँ परस्पर 90° का कोण बनाती हैं।
अतः दी गई चतुर्भुज वर्ग के सभी प्रतिबंधों को संतुष्ट करती है।
(i) यह ∠C को भी समद्विभाजित करता है।
(ii) ABCD एक समचतुर्भुज है।
हल : यह दिया है कि समांतर चतुर्भुज ABCD में विकर्ण AC कोण A को समद्विभाजित करता है।
इसी तरह, ∆BOC ≌ ∆DOC [SSS सर्वांगसमता नियम]
इसलिए, ∠OCB = ∠OCD [सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग]
⇒ OC, ∠C को समद्विभाजित करता है। ….(ii)
(i) और (ii) से हम कह सकते हैं कि विकर्ण AC, ∠A और ∠C को समद्विभाजित करता है।
अब, ∆AOB और ∆BOC में,
OB = OB [उभयनिष्ठ]
AB = BC [समचतुर्भुज की बराबर भुजाएँ]
OA = OC
[∵ समचतुर्भुज के विकर्ण परस्पर समद्विभाजित करते हैं।]
∴ ∆AOB ≌ ∆BOC [SSS सर्वांगसमता नियम]
इसलिए, ∠OBA = ∠OBC [सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग]
⇒ OB, ∠B को समद्विभाजित करता है। …(iii)
इसी तरह, ∆AOD ≌ ∆COD [SSS सर्वांगसमता नियम]
∠ODA ≌ ∠ODC [SSS सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग]
⇒ OD, ∠D को समद्विभाजित करता है …..(iv)
(iii) और (ii) से हम कह सकते हैं कि विकर्ण BD दोनों ∠B और ∠D को समद्विभाजित करता है।
हल :ABCD एक आयत है।
∴ AB = DC …(α)
और BC = AD
साथ ही, प्रत्येक कोण ; ∠A = ∠B = ∠C = ∠D = 90°
(i) ∆ABC और ∆ADC में,
∠1 = ∠2 और
और ∠3 = ∠4
[∵ AC दोनों कोणों ∠A और ∠C को समद्विभाजित करता है (दिया है)]
AC = AC [उभयनिष्ठ]
∆ABC = ∆ADC [ASA सर्वांगसमता नियम]
इसलिए, AB = AD …(b)
(α) और (b) से हमें प्राप्त होता है।
AB = BC = AD = DC
इसका अर्थ है कि आयत की सभी भुजाएँ बराबर हैं।
अत: यह एक वर्ग है।
(ii) ∆ABD और ∆BDC में,
AB = BC
[∵ आयत ABCD एक वर्ग है भाग (i) में सिद्ध किया है]
AD = DC
[भाग (i) में सिद्ध किया है कि ABCD एक वर्ग है।]
BD = BD [उभयनिष्ठ]
∴ ∆ABD ≌ ∆CBD [SSS सर्वांगसमता नियम]
इसलिए, ∠ABD = ∠CBD …(c)
[सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग]
∠ADB = ∠CDB …(d)
[सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग]
(c) और (d) ⇒ विकर्ण BD दोनों कोणों ∠B और ∠D को समद्विभाजित करता है।
(i) ∆APD ≌ ∆CQB
(ii) AP = CQ
(iii) ∆AQB ≌ ∆CPD
(iv) AQ = CP
(v) APCQ एक समांतर चतुर्भुज है।
हल : (i) ∆APD और ∆CQB में,
DP = BQ [दिया है]
∠ADP = ∠QBC
[∵ समांतर चतुर्भुज ABCD में AD || BC; BD एक तिर्यक रेखा है।
∠ADB = ∠DBC(एकांतर कोण) इसलिए :
∠ADP = ∠QBC]
AD = CB
[∵ समांतर चतुर्भुज की सम्मुख भुजाएँ बराबर होती हैं।]
∴ ∆APD ≌ ∆CQB [SAS सर्वांगसमता नियम]
(ii) इसलिए; AP = CQ [सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग]
(iii) ∆AQB और ∆CPD में
BQ = DP [दिया है]
∠ABQ = ∠PDC
[∵ समांतर चतुर्भुज ABCD में, AB || CD; BD एक तिर्यक रेखा है।
∴ ∠ABD = ∠BDC (एकांतर कोण)
इसलिए, ∠ABQ = ∠PDC]
AB = CD
[∵ समांतर चतुर्भुज की सम्मुख भुजाएँ बराबर होती हैं]
∴ ∆AQB ≌ ∆CPD [SAS सर्वांगसमता नियम]
(iv) इसलिए, AQ = CP [सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग]
(v) चतुर्भुज APCQ में, हमें प्राप्त है।
AP = CQ [भाग (ii) में सिद्ध किया है।
AQ = CP [भाग (iv) में सिद्ध किया है]
चतुर्भुज APCQ की सम्मुख भुजाएँ बराबर हैं।
जैसा कि हम जानते हैं कि यदि किसी चतुर्भुज की सम्मुख भुजाएँ बराबर हों, तो वह समांतर चतुर्भुज होती है।
अत: APCQ एक समांतर चतुर्भुज है।
(i) ∆APB ≌ ∆CQD
(ii) AP = CQ
हल : ABCD एक समांतर चतुर्भुज है।
∴ AB || DC
BD एक तिर्यक रेखा है।
इसलिए, ∠1 = ∠2 (एकांतर कोण)
(i) अब, ∆APB और ∆COD में,
∠APB = ∠CQD (प्रत्येक = 90°) [दिया है]
∠1 = ∠2 [ऊपर सिद्ध किया है]
AB = CD
[∵ समांतर चतुर्भुज की सम्मुख भुजाएँ बराबर होती हैं।]
∴ ∆APB ≌ ∆CQD [AAS सर्वांगसमता नियम]
(ii) इसलिए, AP = CQ [सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग]
दर्शाइए कि :
(i) चतुर्भुज ABED एक समांतर चतुर्भुज है।
(ii) चतुर्भुज BEFC एक समांतर चतुर्भुज है।
(iii) AD || CF और AD = CF है।
(iv) चतुर्भुज ACFD एक समांतर चतुर्भुज है।
(v) AC = DF है ।
(vi) ∆ABC ≌ ∆DEF है।
हल : दिया है : ∆ABC और ∆DEF में,
AB = DE BİR AB || DE
साथ ही, त्रिभुजों में BC = EF और BC || EF है।
(i) चतुर्भुज ABED में सम्मुख भुजाओं AB और DE का एक युग्म इस प्रकार है कि AB = DE और AB || DE है।
∴ ABED एक समांतर चतुर्भुज है।
∴ AD = BE और AD || BE …(1)
[समांतर चतुर्भुज की सम्मुख भुजाएँ बराबर होती हैं]
(ii) पुन :, चतुर्भुज BEFC में,
BE = CF और BE || CF
∴ BEFC एक समांतर चतुर्भुज है।
∴ CF = BE और CF || BE ….(2)
(iii) (1) और (2) से प्राप्त होता है :
AD = CF और AD || CF
(iv) ∴ ACFD एक समांतर चतुर्भुज है।
[∵ यदि चतुर्भुज की सम्मुख भुजाओं का एक युग्म बराबर और समांतर हो, तो यह समांतर चतुर्भुज होती है]
(v) अतः, AC = DF [समांतर चतुर्भुज की सम्मुख भुजाएँ]
(vi) ∆ABC और ∆DEF में,
AB = DE [दिया है]
BC = EF [दिया है]
AC = DF [भाग (v) में सिद्ध किया है]
∴ ∆ABC ≌ ∆DEF [SSS सर्वांगसमता नियम]
दर्शाइए कि :
(i) ∠A = ∠B
(ii) ∠C = ∠D
(iii) ∆ABC ≌ ∆BAD
(iv) विकर्ण AC = विकर्ण BD है।
हल : AB को बढ़ाइए और रेखा CE || AD खींचिए जैसा कि आकृति में दर्शाया गया है।
क्योंकि AD || CE और तिर्यक रेखा AE उनको क्रमश: A और E पर काटती है।
∴ ∠A + ∠E = 180°
⇒ ∠A = 180° – ∠E …(1)
क्योंकि AB | CD और AD || CE है।
∴ AECD एक समांतर चतुर्भुज है।
⇒ AD = CE
⇒ BC = CE [∵ AD = BC (दिया है)]
इस प्रकार, ABCE में
BC = CE
⇒ ∠CBE = ∠CEB
[बराबर भुजाओं के सम्मुख कोण बराबर होते हैं।]
Class 9 Mathematics चतुर्भुज Ex 8.1
Class 9 Mathematics चतुर्भुज Ex 8.2