Class 8 Sanskrit Chapter 2 – बिलस्य वाणी न कदापि में श्रुता

Class 8 Sanskrit Chapter 2 – बिलस्य वाणी न कदापि में श्रुता

NCERT Solutions For Class 8 Sanskrit Chapter 2 बिलस्य वाणी न कदापि में श्रुता – आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए जो अपनी क्लास में अच्छे अंक पाना चाहता है उसके लिए यहां पर एनसीईआरटी कक्षा 8th संस्कृत ‘रुचिरा भाग-3‘अध्याय 2. (बिलस्य वाणी न कदापि में श्रुता) के लिए समाधान दिया गया है. इस NCERT Solutions For Class 8 Sanskrit Chapter 2 Bilasya Vani Na Kadapi Me Shruta की मदद से विद्यार्थी अपनी परीक्षा की तैयारी कर सकता है और परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकता है. इसे आप अच्छे से पढ़े यह आपकी परीक्षा के लिए फायदेमंद होगा .हमारी वेबसाइट पर Class 8 Sanskrit के सभी चेप्टर के सलुसन दिए गए है .

Class8
SubjectSanskrit
Bookरुचिरा
Chapter Number2
Chapter Nameबिलस्य वाणी न कदापि में श्रुता

NCERT Solutions For Class 8 Sanskrit Chapter 2 बिलस्य वाणी न कदापि में श्रुता

अभ्यासः (Exercise)

1. कुरुत उच्चारण

(उच्चारण)

विचिन्त्य साध्विदम् कस्मिंश्चित् विचिन्त्य साध्विदम्

क्षुधातः एतच्छ्रुत्वा “भयसन्त्रस्तमनसाम्”

सिंहपद पद्धतिः समाह्वानम् प्रतिध्वनिः

उत्तराणि: स्वयं उच्चारणं कुरुत।

2. एक पद में उत्तर लिखना

(क) सिंह का नाम क्या है?

(ख) गुहायाः कः स्वामी आसीत्?

(ग) कस्मिन् समये गुहायाः सिंहः समीपे आगतः?

(घ) केषां हस्तपादादिका क्रियां न प्रवर्तन्ते?

(ङ) गुहा की प्रतिध्वनि क्या है?

उत्तराणि: (क) खरनखरः, (ख) शृगालः/दधिपुच्छः,

(ग) सूर्यास्तसमये और (घ) भयसन्त्रस्तमनसाम्,

(ङ) सिंहस्य प्रतिध्वनि:

3. पूर्णवाक्येन उत्तरत

(उत्तर पूर्ण वाक्यों में लिखिए)

(क) कुत्र खरनखरः प्रतिवसति स्म?
(ख) महतीं गुहां दृष्ट्वा सिंहः किम् अचिन्तयत्?
(ग) किम् शृगालः अचिन्तयत्?
(घ) शृगाल में एक कुत्ता पलायित है?
(ङ) गुहासमीपमागत्य शृगाल: किं पश्यति?
(च) क्या आपको पसंद है?

उत्तराणि: (क) खरनखरः कस्मिंश्चित् वने प्रतिवसति स्म..।
(ख) महतीं गुहायां दृष्ट्वा सिंहः अचिन्तयत्, “नूनम् एतस्यां गुहायां रात्रौ कोऽपि जीव आगच्छति।” इसलिए मैं अत्रैव निगूढो-भूत्वा तिष्ठामि।”अचिन्तयत्-अहो विनष्टोऽस्मि” इति
(ग) शृगालः अचिन्तयत्-अहो विनष्टोऽस्मि” बिले सिंहः अस्ति नूनम्। इसलिए इसका विश्लेषण किया जाना चाहिए।
(घ) शृगालः दूरं पलायितः
(ङ) गुहासमीपमागत्य शृगालः पश्यतिः सिंहपदपद्धतिः अनागतं यः कुरुते सः शोभते॥

4. रेखांकित पद आधृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत: (रखांकित पदों पर प्रश्न बनाएं)

(क) क्षुधार्तः सिंहः कुत्रापि भोजनं नहीं मिलता? ।
(ख) स्वामी दधिपुच्छः नाम शृगालः गुहायाः?
(ग) सदा एषा गुहा स्वामिनः आह्वान करोति?
(घ) भयसन्त्रस्तमनसां हस्तपादादिका क्रियाः न प्रवर्तन्ते?
(ङ) शृगालः आह्वानेन बिले प्रविश्य सिंहस्य भोज्यं भविष्यति?

उत्तराणि: (क) कीदृशः सिंहः कुत्रापि भोजनं न प्राप्तवान्?

(ख) कः नाम शृगालः गुहायाः स्वामी? .

(ग) सदा एषा गुहा कस्य आह्वान करोति? ।

(घ) भयसन्त्रस्तमनसां कीदृशः प्रवर्तन्ते?

(ङ) आह्वानेन शृगालः प्रविश्य सिंहस्य कस्मिन् भोज्यं भविष्यति?

5. घटनाक्रमानुसार वाक्य लिखत (घटनाक्रमानुसार वाक्य लिखें)

(क) गुहायाः स्वामी दधिपुच्छः नाम शृगालः समागच्छत्॥
(ख) सिंहः एकां महतीं गुहाम् अपश्यत्।
(ग) परिभ्रम सिंह क्षुधातॊ जातः।
(घ) दूरस्थ शृगाल रवं कर्तुमारब्धः।
(ङ) शृगालस्य आह्वानमकरोत् सिंहः
(च) दूर पलायमानः शृगालः श्लोकमपठत्
(छ) शृगालस्य विचारः गुहायां कोऽपि अस्ति।

उत्तराणि– (ग) परिभ्रमणसिंहः क्षुधा जाता है।
(ख) सिंहः एकां महतीं गुहाम् अपश्यत्॥
(क) गुहायाः स्वामी दधिपुच्छः नाम शृगालः समागच्छत्॥
(छ) शृगालः गुहायां कोऽपि अस्ति।
(घ) दूरस्थ शृगाल रवं कर्तुमारब्धः।
(ङ) शृगालस्य आह्वानमकरोत् सिंहः
(च) दूर पलायमानः शृगालः श्लोकमपठत्

6. यथानिर्देशमुत्तरत (निर्देशानुसार उत्तर दीजिए)

(क) इस वाक्य में ‘एकां महतीं गुहां दृष्ट्वा सः अचिन्तयत्’ में कति विशेषणपदानि और संख्यात्मक पदानि लिखें?
(ख) तदहम् अस्य आह्वानं करोमि-अत्र कस्मै ‘अहम्’ शब्दं प्रयुक्तम्? .
(ग) यदि त्वं मां न आह्वयसि, तो इस वाक्य का अर्थ क्या है?
(घ) इस वाक्य में, “सिंहपदपद्धतिः गुहायां प्रविष्टा दृश्यते”, क्या क्रियापद है?
(ङ) “वनेऽत्र संस्थस्य समागता जरा” शब्द में अव्ययपद क्या है?

उत्तराणि— (क) इस वाक्य में दो विशेषणपदानि हैं: एक, गुहां।
(ख) अहं पदं शृगालः प्रयुक्तम्। (ग) तुम्हें इस वाक्य में अधिकार है।
(घ) इस वाक्य में क्रियापद देखा जा सकता है।
(ङ) इस वाक्य में अव्यय पद हैं।

7. मञ्जूषातः अव्ययपदानि चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत: कश्चन दूरे नीचैः यदा तदा यदि तर्हि परम् च सहसा

एकस्मिन् वने . …………….. व्याधः जालं विस्तीर्य . …………….. स्थितः। क्रमशः आकाशात् सपरिवारः कपोतराजः. ……………..आगच्छत् ।. ……………..कपोताः तण्डुलान् अपश्यन्. …………….. तेषां लोभो जातः। परं राजा सहमतः नासीत्। तस्य युक्तिः आसीत् . …………….. वने कोऽपि मनुष्यः नास्ति . ……………..कुतः तण्डुलानाम् सम्भवः . …………….. राज्ञः उपदेशम् अस्वीकृत्य कपोताः तण्डुलान् खादितुं प्रवृत्ताः जालेv. ……………… निपतिताः । अतः उक्तम् .. ……………… विदधीत न क्रियाम्’।

उत्तराणि- एकस्मिन् वने कश्चन व्याधः जालं विस्तीर्य दूरे स्थितः। क्रमशः आकाशात् सपरिवारः कपोतराजः नीचैः आगच्छत्। यदा कपोताः तण्डुलान् अपश्यन् तदा तेषां लोभो जातः। परं राजा सहमतः नासीत्। तस्य युक्तिः आसीत् यदि वने कोऽपि मनुष्यः नास्ति। तर्हि कुतः तण्डुलानाम् सम्भवः । परम् राज्ञः उपदेशम् अस्वीकृत्य · कपोताः तण्डुलान् खादितुं प्रवृत्ताः जाले निपतिताः । अतः उक्तम् “सहसा विदधीत न क्रियाम्’।

बिलस्य वाणी न कदापि में श्रुता के बहुविकल्पीय प्रश्न

दिए गए प्रश्नों के उत्तर के लिए चार विकल्पों में से एक को चुनकर लिखिए।

1. गुहायाः स्वामी कः असीत्?

(क) खरनखर
(ख) खरखर
(ग) दधिपुच्छ
(घ) दधिगुच्छ
उत्तराणि- दधिपुच्छ

2. सिंहपदपद्धतिः प्रविष्टा कस्यां दृश्यते?

(क) वहाँ
(ख) गुहायाम्
(ग) उपवने
(घ) कुल मिलाकर
उत्तराणि – गुहायम

3. दूरस्थ कौन-सा कर्तुमारब्ध है?

(क) शृगालः
(ख) गुहाः
(ग) सिंहः
(घ) पशवः
उत्तरम् शृगालः

4. कदापि शब्दों में श्रुता नहीं होती।

(क) पुरुष
(ख) सिंह
(ग) शृगाल
(घ) बिलस्य
उत्तराणि:बिलस्य

5. वनेत्र संस्थस्य समागता जरा।अत्र अव्ययपदम् है

(क) जरा
(ख) अत्र
(ग) वने
(घ) संयुक्त उत्तराणि अत्र

6. अव्ययपद ‘नूनम्’ का अर्थ है अस्ति

(क) निश्चय,
(ख) और
(ग) प्रत्यक्ष
उत्तराणि निश्चय

7. क्या ‘अस्मद्’ शब्द की पहली विभक्ति एकवचन है?

(क) मया, (ख) अहम्, (ग) त्वम्, (घ) यूयम् उत्तराणि

8. ‘क्षुधातः’ शब्द का क्या अर्थ है?

(क) दुःख, (ख) प्यास, (ग) रोना, (घ) भूख।

9. ‘संस्थस्य’ शब्द का क्या अर्थ है?

(क) रहते हुए का
(ख) जाते हुए का
(ग) गए हुए का.
(घ) जागे हुए का
उत्तराणि- रहते हुए का

10. ‘अत्र + एव’ का संयोग करो।

(क) अत्राएव,
(ख) अत्रैव,
(ग) अत्रैव,
(घ) अत्रिव
उत्तरम् अत्रैव।

II. विशेषणैः विशेष्यान् मेलयत

सिंहपद बिलं द्वितीयं मनसा भयसन्त्रस्त वाणी बिलस्य पद्धतिः विशेषण विशेष्यः

उत्तराणि: द्वितीय सिंहपद पद्धति, विशेषण विशेष्य। बिलं भयसन्त्रस्त मनसा बिलस्य वाणी

इस पोस्ट में आपको Class 8 Chapter 2 Bilasya Vani na kadapi me shruta Class 8 Sanskrit Chapter 2 बिलस्य वाणी न कदापि में श्रुता Class 8 Sanskrit Ruchira Chapter 2 बिलस्य वाणी न कदापि में श्रुता एनसीईआरटी संस्कृत कक्षा 8 अध्याय 2 बिलास्य वाणी न कडापि में श्रुता Chapter 2 Sanskrit Class 8 PDF Sanskrit Class 8 Chapter 2 pdf with answers Class 8 Sanskrit Chapter 2 question answer Sanskrit Class 8 chapter 2 solution pdf बिलस्य वाणी न कदापि मे श्रुता Solution Class 8 Sanskrit Chapter 2 Multiple Choice Questions 8th class sanskrit lesson 2 ka abhyas से संबंधित पूरी जानकारी दी गई है अगर इसके बारे में आपका कोई भी सवाल या सुझाव हो तो नीचे कमेंट करके हम से जरूर पूछें और अगर आपको यह जानकारी फायदेमंद लगे तो अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें

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