औपनिवेशिक शहर के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर
Aupniveshik Shahar Question Answer – कक्षा 12 में पढा़ई करने वाले छात्रों को बता दें कि आप हमारी वेबसाइट से कक्षा 12वीं इतिहास के सभी विषयों चेप्टरो के प्रश्न उत्तर प्राप्त कर सकते हैं। इन प्रश्न उत्तरों का प्रयोग करके आप सभी विषयों की तैयारी आसानी से कर सकते हैं. इसलिए आज इस पोस्ट में औपनिवेशिक शहर के क्वेश्चन आंसर दिए गए है .इन्हें आप ध्यान पूर्वक याद करे क्योंकि यह प्रश्न कक्षा 12 इतिहास की परीक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है .इसलिए आप इन्हें ध्यानपूर्वक पढ़े
NCERT Solutions For Class 12th History Chapter- 12 औपनिवेशिक शहर
औपनिवेशिक शहर के अति लघु उत्तरीय प्रश्न
उत्तर – मद्रास, कलकत्ता तथा बंबई मूलत: मत्स्य ग्रहण तथा बुनाई के गाँव थे। वे इंग्लिश ईस्ट इंडिया कंपनी की व्यापारिक गतिविधियों के परिणामस्वरूप व्यापार के महत्त्वपूर्ण केंद्र बन गए।
उत्तर – कंपनी के एजेंट 1639 में मद्रास तथा 1690 में कलकत्ता में बसे। बंबई को 1661 में ब्रिटेन के राजा द्वारा कंपनी को दिया गया था। ब्रिटेन के राजा ने इसे पुर्तगाल के शासक से अपनी पत्नी के दहेज के रूप में प्राप्त किया था। कंपनी ने इन तीन बस्तियों में व्यापारिक तथा प्रशासनिक कार्यालय स्थापित किए।
उत्तर – (1) किसान तीर्थ यात्रा के लिए लंबी दूरियाँ तय करते थे और कस्बों से होकर गुज़रते थे।
(2) वे अकाल के समय प्रायः कस्बों में जमा हो जाते थे।
(3) कस्बों से गाँवों की ओर लोगों और माल का विपरीत गमन भी होता था। जब कस्बों पर आक्रमण होते थे तो लोग प्रायः क्षेत्रों में शरण लेते थे। इसी प्रकार व्यापारी और फेरीवाले कस्बों से माल ले जाकर गाँवों में बेचते थे।
उत्तर – (1) ये शहर प्रशासन और सत्ता के केंद्र थे।
(2) मनसबदार, जागीरदार तथा राज्य के अन्य बड़े अधिकारी इन्हीं नगरों में अपने आवास बनाते थे।
(3) इनकी प्रसिद्धि के अन्य कारण थे-जनसंख्या का केंद्रीयकरण, विभिन्न उद्योग-धंधे तथा समृद्धि।
उत्तर – (1) दक्षिण भारत के नगरों (मदुराई और कांचीपुरम) आदि में मुख्य केंद्र मंदिर होता था।
(2) ये नगर महत्त्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र भी थे।
(3) धार्मिक त्योहार प्रायः मेलों के रूप में मनाए जाते थे।
(4) धार्मिक संस्थानों का सर्वोच्च प्राधिकारी और मुख्य संरक्षक प्रायः शासक होता था।
उत्तर – पतनोन्मुख नगर-सूरत, मछलीपटनम तथा ढाका नए नगर-बंबई, कलकत्ता तथा मद्रास।
उत्तर – (1) ये नगर प्रशासन और सत्ता के केंद्र थे।
(2) इनमें नए भवनों तथा संस्थानों का विकास हुआ।
(3) इनमें रोज़गार के नए अवसर विकसित हुए। परिणामस्वरूप लोग बड़ी संख्या में इन शहरों की ओर आकर्षित हुए।
उत्तर – 1857 के विद्रोह के बाद
(1) बड़े-बड़े बंगले बनाए जाने लगे जो बगीचों में बनाए गए।
(2) भवनों के निर्माण में यूरोपीय वास्तु-शैलियों को अपनाया गया।
उत्तर – शहरों में निम्नलिखित महत्त्वपूर्ण सुविधाएँ उपलब्ध कराना
(i) जलापूर्ति (ii) जल-निकासी (iii) सड़क निर्माण (iv) स्वास्थ्य व्यवस्था आदि।
उत्तर – भारत में 10 साला जनगणना की नियमित व्यवस्था 1881 ई० में शुरू हुई। जनगणना के आँकड़े भारत में शहरीकरण के इतिहास का अध्ययन करने के लिए बहुमूल्य स्रोत हैं। इन आँकड़ों के आधार पर ब्रिटिशों को नए शहरों में विकास कार्य करने में सहायता मिली।
उत्तर – अखिल भारतीय जनगणना का सर्वप्रथम प्रयास 1872 में किया गया।
उदेदश्य-(i) लोगों के लिंग, जाति तथा व्यवसायों के आँकड़े प्राप्त करना। (ii) बीमारियों से होने वाली मौतों की जानकारी प्राप्त करना।
उत्तर – जनगणना आयुक्तों ने जनसंख्या के विभिन्न तबकों का वर्गीकरण करने के लिए अलग-अलग श्रेणियाँ बना दी थीं। यह वर्गीकरण कई बार तर्कहीन होता था। उदाहरण के लिए एक से अधिक व्यवसाय साथ-साथ करने वाले के व्यवसाय को किसी भी श्रेणी में रख पाना संभव नहीं था।
अथवा
1850 के बाद के भारत में औपनिवेशिक शहरों की दो विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर – (1) ये नगर रेलवे नेटवर्क द्वारा शेष भारत से जुड़े हुए थे। अतः यहाँ देश के विभिन्न भागों से बड़ी मात्रा में निर्यात के लिए कच्चा माल आता था।
(2) जनसंख्या अधिक होने के कारण यहाँ सस्ते श्रम की कोई कमी नहीं थी।
अथवा
कानपुर और जमशेदपुर सही अर्थों में औपनिवेशिक “औद्योगिक शहर” क्यों माने जाते थे?
उत्तर – (1) कानपुर तथा जमशेदपुर 19वीं शताब्दी के दो प्रमुख औद्योगिक शहर थे।
(2) कानपुर में चमड़े का सामान और सूती तथा ऊनी कपड़े बनते थे। जमशेदपुर स्टील उत्पादन के लिए विख्यात था।
उत्तर – ‘सिविल लाइंस’ नए शहरी इलाके थे जहाँ केवल गोरों को बसाया गया था। ऐसा इसलिए किया गया था, क्योंकि 1857 के विद्रोह के बाद वे ‘देशियों’ के बीच स्वयं को असुरक्षित अनुभव कर रहे थे। अतः वे उनसे दूर अलग से रहना चाहते थे।
उत्तर – आरंभिक हिल स्टेशनों की स्थापना का उद्देश्य ब्रिटिश सेना की ज़रूरतों से जुड़ा था। ये सैनिकों को ठहराने, सीमा की निगरानी करने तथा शत्रु पर हमला बोलने के लिए महत्त्वपूर्ण स्थान थे।
उत्तर – 1. हिल स्टेशनों की जलवायु यूरोप की ठंडी जलवायु से मिलती-जुलती थी इसलिए नए शासकों को वहाँ का मौसम काफ़ी लुभाता था।
2. हिल स्टेशन ऐसे यूरोपीयों के लिए भी आदर्श थे जो भारत में अपने घर जैसी बस्तियाँ बसाना चाहते थे। यही कारण थे कि वायसराय अपने पूरे स्टाफ़ के साथ गर्मियों में किसी हिल स्टेशन पर डेरा डाल देते थे।
उत्तर – (1) इनके आस-पास चाय और कॉफ़ी के बाग़ान विकसित किए गए थे। (2) बाग़ानों में काम करने के लिए बड़ी संख्या में मज़दूर वहाँ आने लगे।
उत्तर – ग़रीब मजदूरों के लिए शहरी जीवन एक संघर्ष था क्योंकि
(i) उनकी नौकरी पक्की नहीं थी। (ii) खाना महँगा था। (iii) आवास (रहने) का खर्चा उठा पाना आसान नहीं था।
उत्तर – (1) अंग्रेज़ व्यापारी बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला की संप्रभुसत्ता से असंतुष्ट थे। उसने उनसे मालगोदाम के रूप में प्रयोग किया जाने वाला छोटा किला छीन लिया था।
(2) प्लासी के युद्ध (1757) में सिराजुद्दौला की हार के बाद अंग्रेज़ों ने कलकत्ता (बंगाल) में ऐसा किला बनाने का निर्णय किया जिस पर आसानी से आक्रमण न किया जा सके।
उत्तर – लॉटरी कमेटी लॉटरी बेचकर नगर-नियोजन के लिए पैसा इकट्ठा करती थी। लॉर्ड वेलेजली के जाने के बाद कलकत्ता के नगर-नियोजन का काम सरकार की सहायता से इसी कमेटी ने किया।
उत्तर – (1) 1836 में फंस की झोंपड़ियों को अवैध घोषित कर दिया गया।
(2) मकानों में ईंटों की छत को अनिवार्य बना दिया गया।
उत्तर – 18वीं शताब्दी में कलकत्ता के नगर-नियोजन का काम सरकार की सहायता से लॉटरी कमेटी ने किया। लॉटरी कमेटी लॉटरी बेचकर नगर-नियोजन के लिए पैसा इकट्ठा करती थी।
उत्तर – (1) स्वेज़ नहर के खुलने से विश्व अर्थव्यवस्था के साथ बंबई के संबंध और अधिक मज़बूत हो गए जिससे व्यापारियों को बहुत अधिक लाभ पहुँचा।
(2) अवसर का लाभ उठाकर बंबई सरकार तथा भारतीय व्यापारियों ने बंबई को ‘भारत का सरताज शहर’ (Orbs prima in India) घोषित कर दिया।
उत्तर – (1) इससे वे एक अनजाने देश में जाना-पहचाना सा भू-दृश्य तैयार कर सकते थे और उपनिवेश में भी घर जैसा महसूस कर सकते थे।
(2) अंग्रेज़ों को लगता था कि यूरोपीय शैली उनकी श्रेष्ठता, अधिकार और सत्ता का प्रतीक होगी।
(3) वे सोचते थे कि यूरोपीय ढंग की दिखने वाली इमारतों से औपनिवेशिक शासकों और भारतीय प्रजा के बीच स्पष्ट अंतर दिखने लगेगा।
उत्तर – (1) यह एक मिश्रित शैली थी जिसमें भारतीय तथा यूरोपीय दोनों स्थापत्य शैलियों के तत्व पाए जाते थे।
(2) यह शैली यहाँ की मध्यकालीन इमारतों-गुंबदों, छतरियों, मेहराबों आदि से काफ़ी प्रभावित थी।
उत्तर – चॉल बंबई की बहुमंजिला इमारतें होती थीं जिनमें एक-एक कमरे वाली कई आवासीय इकाइयाँ होती थीं। इमारत के सभी कमरों के सामने एक खुला बरामदा या गलियारा होता था और बीच में दालान होता था। ये इमारतें बंबई की बढ़ती जनसंख्या को आवास प्रदान करने के लिए बनाई गई थीं।
उत्तर – (1) “मध्यवर्ग” के पास स्कूल, कॉलेज और लाइब्रेरी जैसे नए शिक्षा केंद्रों तक अच्छी पहुँच थी।
(2) शिक्षित होने के नाते वे समाज और सरकार के बारे में अख़बारों, पत्रिकाओं और सार्वजनिक सभाओं में अपना मत व्यक्त कर सकते थे। इस प्रकार एक नया सार्वजनिक वातावरण तैयार हुआ।
उत्तर – औपनिवेशिक शहरों में भारतीय महिलाओं के लिए नए अवसर थे।
(1) मध्यवर्गीय महिलाएँ स्वयं को पत्र-पत्रिकाओं, आत्मकथाओं और पुस्तकों के माध्यम से अभिव्यक्त करने का प्रयास कर रही थीं।
(2) रूढ़िवादियों को यह भय सताने लगा कि यदि औरतें पढ़-लिख गईं तो पूरी सामाजिक व्यवस्था का आधार खतरे में पड़ जाएगा। यहाँ तक कि महिलाओं की शिक्षा का समर्थन करने वाले सुधारक भी औरतों को माँ और पत्नी की परंपरागत भूमिकाओं में ही देखना चाहते थे।
उत्तर–स्थापत्य हमारे विचारों को पत्थर, ईंट, लकड़ी या प्लास्टर के माध्यम से आकार देता है। सरकारी अधिकारी का बंगला, धनी व्यापारी का महलनुमा आवास तथा श्रमिक की साधारण झोंपड़ी तक सभी भवन सामाजिक संबंधों और पहचानों को दर्शाते हैं।
उत्तर – (1) सम्राट नगर के एक किलेबंद महल में रहता था। राजकोष शाही राजधानी में स्थित था।
(2) मनसबदार तथा जागीरदारों के आवास भी नगरों में ही थे।
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इतिहास कक्षा 12 वीं अध्याय 12 question answer से संबंधित काफी महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर दिए गए है यह प्रश्न उत्तर फायदेमंद लगे तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और इसके बारे में आप कुछ जानना यह पूछना चाहते हैं तो नीचे कमेंट करके अवश्य पूछे.