बिजली कैसे बनती है ,बिजली बनाने के तरीके

बिजली कैसे बनती है ,बिजली बनाने के तरीके

Bijli Kaise Banti Hai – आज हम आपको इस पोस्ट में बताएँगे कि बिजली कैसे बनाई जाती है और बिजली को बनाने के कौन कौन से तरीके है .यह जानकारी आपके लिए बहुत फायदेमंद होगी .क्योंकि आज विद्युत के बिना कुछ नही होता .आज बहुत से कार्य बिजली द्वारा किए जाते है .आज बहुत सी परीक्षाओ में भी विद्युत से संबंधित प्रश्न पूछे जाते है .इसलिए आपको नीचे पूरी आपको पूरी डिटेल में बताया गया है कि विद्युत कैसे उत्पन्न किया जाता है .

वर्तमान युग विद्युत का युग है जीवन के लगभग प्रत्येक क्षेत्र में विद्युत का बड़े स्तर पर इस्तेमाल किया जा रहा है बिना विद्युत के जीवन बहुत कठिन है विद्युत के अत्यधिक इस्तेमाल के कारण दिन-प्रतिदिन इसकी मांग भी बढ़ती जा रही है इसलिए विद्युत की कमी को पूरा करने के लिए निरंतर इसका उत्पादन भी आवश्यक है विद्युत का उत्पादन मुख्य रूप से ए.सी. जनरेटर अल्टरनेटरो का प्रयोग करके किया जाता है जनरेटरो को चलाने के लिए प्राइम-मूवर की आवश्यकता होती है प्राइम-मूवर को अनेक प्रकार के साधनों से ऊर्जा दी जा सकती है.

(1) प्राइमरी साधन (Primary Sources)

ऐसे साधन जिन्हें प्रकृति द्वारा प्राप्त किया जाता है उन्हें प्राइमरी साधन कहते हैं जैसे सूर्य की गर्मी,हवा और ज्वार भाटा ऊर्जा के प्राइमरी साधन है परंतु इन साधनों से निरंतर ऊर्जा प्राप्त करना कठिन होता है इसलिए इन साधनों का इस्तेमाल सीमित रूप से किया जाता है जबकि भारत में इन्हें व्यापक स्तर पर प्रयोग करने के लिए अनुसंधान हो रहे हैं.

(2) सेकेंडरी साधन (Secondary Sources)

जल,कोयला,तेल और गैस ऊर्जा के सेकेंडरी साधन होते हैं इन सेकेंडरी साधनों का इस्तेमाल करके ही लगभग सारी विद्युत का उत्पादन किया जाता है भारत में इन साधनों का व्यापक स्तर पर इस्तेमाल किया जाता है. इन साधनों द्वारा विद्युत उत्पादन को विभिन्न प्रकार की श्रेणियों में विभाजित किया गया है.

(i) हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्लांट (Hydro Electric Power Plant)
(ii) थर्मल इलेक्ट्रिक पावर प्लांट (Thermal Electric Power Plant)
(iii) डीजल पावर प्लांट (Diesel power plant)
(iv) न्यूक्लियर पावर प्लांट (Nuclear Power Plant)

(i) हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्लांट(Hydro Electric Power Plant)

हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्लांट ऐसी जगह पर बनाए जाते हैं जहां पर बरसात या बर्फ के पानी को किसी ऊंचे जगह पर बांध बनाकर इकट्ठा करना आसान हो हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्लांट में पानी को उचित स्थान पर इकट्ठा करके ऊंचाई से नीचे गिरा कर टरबाइन को घुमाया जाता है जो कि अल्टीनेटर को चलाती है और अल्टीनेटर विद्युत को उत्पन्न करते हैं भाखड़ा नंगल डैम,कोटा डैम,आदि हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्लांट के प्रमुख उदाहरण है इस प्रकार के पावर प्लांट में पूरे वर्ष पानी की आवश्यकता होती है इस प्रकार के पावर प्लांट बनाने में आरंभिक खर्चा बहुत अधिक होता है परंतु इसकी कार्यकरी कीमत कम होती है पानी की मात्रा कम होने पर अत्यधिक प्रभावी होती है टरबाइनों को चलाने के बाद पानी को सिंचाई के कार्यों में प्रयोग किया जाता है इस प्रकार के प्लांट की संरचना साधारण होती है इसलिए देखभाल की आवश्यकता कम होती है क्योंकि यह प्लांट दूर स्थापित किए जाते हैं इसलिए ट्रांसमिशन लाइनों पर खर्चा अधिक आता है अन्य पावर प्लांटों की तुलना में विद्युत उत्पादन सस्ती पड़ती है

(ii) थर्मल इलेक्ट्रिक पावर प्लांट (Thermal Electric Power Plant)

थर्मल पावर प्लांट ऊष्मीय उर्जा का प्रयोग करके विद्युत उत्पादन किया जाता है उसमें उर्जा उत्पन्न करने के लिए मुख्य रूप से कोयले का इस्तेमाल किया जाता है कोयले को जलाकर उत्पन्न ऊष्मा द्वारा पानी की भाप बनाई जाती है भाप द्वारा टरबाइन को चलाया जाता है और टरबाइन अल्टरनेटर से जुड़े होने के कारण अल्टरनेटर को चलाती है और अल्टरनेटर द्वारा विद्युत उत्पन्न की जाती है थर्मल पावर प्लांट दिल्ली में राजघाट,तथा बदरपूर मे तथा हरियाणा के पानीपत में स्थापित किए गए हैं इस प्रकार के पावर प्लांट में अधिक दबाव की भाप तैयार की जाती है जिसे सुपरहिट में से प्रवाहित करके इसके तापमान को बढ़ाया जाता है और टरबाइन को घुमाया जाता है जो अल्टरनेटर को घुमाकर विद्युत उत्पन्न करता है भाप से चलने वाले अल्टरनेटर मध्यम क्षमता के होते हैं जो कि 1100 वोल्ट की सप्लाई को पैदा करते हैं इस वोल्टेज को स्टेप-अप ट्रांसफार्मरो द्वारा 66 किलो-वोल्ट132 किलो-वोल्ट 220 किलो-वोल्ट तक संचालित किया जाता है तथा कार्यकारी कीमत अधिक होती है इन पावर प्लांट की निपुणता लगभग 25% होती है भारत में अधिकांश थर्मल पावर प्लांट का संचालन ‘नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन’ द्वारा किया जाता है पटियाला जिले मे कोयले की जगह पर चावल के छिलके का इस्तेमाल उष्मा उत्पन्न करने के लिए किया जाता है और इसी तरह चीनी मिलों में गन्ने की खोई द्वारा उष्मा उत्पन्न की जाती है

(iii) डीजल पावर प्लांट (Diesel Power Plant)

इस प्रकार के पावर प्लांट का इस्तेमाल कम मात्रा की विद्युत उत्पादन के लिए किया जाता है तथा डीजल पावर प्लांट का इस्तेमाल ऐसे संस्थानों पर किया जाता है जहां पर कोयले या पानी की पर्याप्त मात्रा न हो अर्थात डीजल पावर प्लांट का इस्तेमाल रेगिस्तानों युद्ध स्थलों,सिनेमाघरों,बड़े कारखानों और विवाह उत्सव आदि के लिए किया जाता है क्योंकि डीजल से उत्पादित वस्तु महंगी पड़ती है इसलिए इसका प्रयोग वैकल्पिक तौर पर किया जाता है डीजल पावर प्लांट की आरंभिक कीमत कम होती है परंतु इनकी कार्यकारी कीमत अधिक होती है क्योंकि इनमें इंजन के तौर पर डीजल का इस्तेमाल किया जाता है जो कि महंगा होता है यह डीजल इंजन सैट सिंगल फेस या तीन फेस दोनों तरह की सप्लाई उत्पन्न कर सकते हैं इसमें डीजल इंजन को चलाता है जिससे जनरेटर चलता है और विद्युत उत्पन्न की जाती है

(iv) न्यूक्लियर पावर प्लांट (Nuclear Power Plant)

इस प्रकार के पावर प्लांट में ईंधन के रूप में यूरेनियम पदार्थ का इस्तेमाल किया जाता है 1 किलोग्राम यूरेनियम से उत्पन्न उष्मीय ऊर्जा लगभग 2700 क्विंटल कोयले से उत्पन्न उष्मीय ऊर्जा के समान होती है इसमें परमाणु के विखंडन से उष्मीय ऊर्जा उत्पन्न की जाती है यूरेनियम के परमाणुओं को विखंडित करने के लिए एटॉमिक रिएक्टर का इस्तेमाल किया जाता है इसमें प्रमाणों के विखंडन से उत्पन्न उष्मीय ऊर्जा से भाप बनाई जाती है इस भाप से टरबाइन को घुमाया जाता है जो कि अल्टरनेटर से जुड़ी होने के कारण अल्टरनेटर को घुमाकर विद्युत उत्पन्न की जाती है न्यूक्लियर पावर प्लांट भारत में तारापुर और राणा प्रताप सागर में स्थापित किए गए हैं इस प्रकार के पावर प्लांटों में अधिक क्षमता वाले अल्टरनेटरो का इस्तेमाल किया जाता है इन पावर प्लांट में न्यूक्लियर रिएक्टर को उष्मा के स्रोत के स्थान पर इस्तेमाल करते हैं जिसमें फिसिन द्वारा उत्पन्न उष्मीय उर्जा पिघले हुए सोडियम या पोटेशियम के मिश्रण को गर्म करती है और यह पदार्थ कम दबाव के भाप से ही ऊंचे तापमान तक गर्म किए जा सकते हैं और उनके तापमान के पदार्थ हिट एक्सचेंजर में से प्रवाहित कर भाप बनाई जाती है यह भाप टरबाइन को चला कर जरनेटर चलाती है जिसे विद्युत उत्पन्न की जाती है

इस पोस्ट में हमने आपको Light kaise banti hai बिजली कहां बनती है बिजली किस चीज से बनती है ,electric बिजली के कैसे उत्पन्न किया जाता है? bijli yani electricity kaise banti hai पानी से बिजली कैसे पैदा होती है? पानी से बिजली कैसे उत्पन्न की जाती हैं? बिजली बनाने का तरीका ,बिजली कैसे बनाई जाती है, बिजली कैसे उत्पन्न होती है नुक्लेअर पावर प्लांट इन इंडिया thermal power plant in hindi थर्मल पावर प्लांट क्या है हाइड्रो पावर प्लांट इन हिंदी 4 ways of generating electricity alternative ways of generating electricity cheapest way to produce electricity at home Bijli Kaise Banti Hai Turbine se bijli kaise banti hai Koyle se bijali kaise banti hai कोयले से बिजली कैसे बनाई जाती है के बारे में पूरी जानकारी दी है .इन्हें आप ध्यानपूर्वक पढ़ें. अगर आपको यह जानकारी पसंद लगे तो अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें. और अगर इनके बारे में आपका कोई भी सवाल या सुझाव हो तो नीचे कमेंट करके पूछो.

9 thoughts on “बिजली कैसे बनती है ,बिजली बनाने के तरीके”

  1. 4a4d369f2bab1354fbf428dbb7ed6af1
    विनय झा

    इसमें एक सेक्शन ” जीओ थर्मल इलेक्ट्रिक पावर प्लांट” और जोड़े।

  2. E4cfbf11ca0a0de3fd6a7f7b17e9ce8e
    अरशद जमाल चेयरमैन

    बेहतरीन जानकारी के लिये धनन्यवाद

  3. मेरे पास पानी से लगातार चलने वाला प्लान हे, एक बार सुरु होने पर कम से कम बीस साल तक चलेगा.

  4. Gehu(sheet) ka bhoosa,dhan(paddy)ka pual gayo Ka khane se bacha ghass se light ban Sakti hai – ?
    Machinery kaha kitneki milegi- ?

  5. 11471469fde3f80a864402cdc135156c
    bhanu pratap singh

    मैं आपकी वेबसाइट को बहुत ही ज्यादा पसंद करता हूं, ऐसी वेबसाइट किसी की नहीं मिली अभी तक। और आपके ऑर्टिकल पढ़ने के बाद मैंने भीं ब्लॉग लिखाना शुरू किया हैं, क्या आप मेरी वेबसाइट देख कर बता सकते हैं। क्या मैं सही काम कर रहा हूं प्लीज़ मेरी मदद करें।

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