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सर्वनाम किसे कहते हैं इसके कितने भेद होते हैं

सर्वनाम किसे कहते हैं इसके कितने भेद होते हैं

सर्वनाम किसे कहते है (सर्वनाम के भेद, परिभाषा, उदाहरण ) | Sarvanam Kise Kahate Hain | Sarvanam in hindi – आज हम आपको इस पोस्ट में एक बहुत ही बढ़िया और महत्वपूर्ण जानकारी बताएंगे यह जानकारी आपके लिए जानना बहुत ही जरूरी है.जैसा कि हम सभी जानते हैं कई स्टूडेंट बहुत ही कमजोर होते हैं. और कई स्टूडेंट पढ़ाई में बहुत ज्यादा तेज होते हैं लेकिन बहुत से स्टूडेंट ऐसे होते हैं जो एग्जाम नजदीक आने के बाद पढ़ना शुरू करते हैं. और जल्दी-जल्दी में सभी चीजें पढ़कर याद करना चाहते हैं लेकिन कुछ चीजें ऐसी होती है जो सिर्फ पढ़ने से ही याद नहीं होती उनको समझने की जरूरत होती है. और जब तक हम उन चीजों को नहीं समझते हैं तो वह हमें कभी याद नहीं हो पाती है.

जैसे मान लीजिए यदि आप किसी भी तरह के प्रश्न उत्तर याद कर रहे हैं. तो हमे याद हो जाते हैं. लेकिन यदि आप हिंदी व्याकरण को पढ़ते हैं. तो यह आपको बिना समझे याद नहीं होती है.पहले उनको समझना पड़ता है और फिर आपको वह याद होती हैं. तो आज हम आपको इस पोस्ट में हिंदी व्याकरण सर्वनाम के बारे में बताएंगे. सर्वनाम क्या होते हैं. इसके कितने भेद होते हैं. सर्वनाम की परिभाषा क्या है. सर्वनाम का प्रयोग कंहा होता हैं. और इसकी पहचान किस तरह से की जाती है. उन सभी के बारे में पूरी जानकारी विस्तार से आज हम आपको इस पोस्ट में बताएंगे. हम आपको सर्वनाम के सभी भेदों को उदाहरण के सहित समझाएंगे ताकि आपको अच्छे से समझ में आए और आप को एग्जाम में किसी भी तरह की दिक्कत ना हो तो आप इन सभी वेदों को अच्छी तरह से समझे. ताकि आपको एग्जाम में किसी भी तरह की दिक्कत ना हो. तो देखिये.

सर्वनाम किसे कहते हैं इसकी परिभाषा

सर्वनाम की परिभाषा जानने से पहले हम इसके नाम को ही अच्छी तरह से पढ़ लेते हैं. ताकि हमें जल्दी समझ में आए और आसान तरीके से हम इसकी परिभाषा को समझ सके सर्वनाम शब्द में दो शब्द हैं. यह दो शब्दों से मिलकर बना है. सर्व और नाम और इन दोनों का अलग-अलग अर्थ होता है. जैसे :-

सर्व का अर्थ होता है-  सभी

नाम  का अर्थ होता है – नाम वाले शब्द

सर्वनाम की परिभाषा – हमने आपको ऊपर दोनों के अलग-अलग अर्थ बताए हैं. अब हम आपको सर्वनाम की परिभाषा बताते हैं. तो इन दोनों के मेल से ही सर्वनाम की परिभाषा बनती है. यानी ऐसा शब्द जो सभी नाम की जगह पर आए या सभी नाम वाली शब्दों के बदले प्रयोग हो उसको सर्वनाम कहते हैं. शायद अब आपको अच्छे से समझ में आ गया होगा और इसकी बहुत ही आसान और सिंपल परिभाषा है.जो शब्द संज्ञा के स्थान पर प्रयोग किए जाते हैं उन्हें सर्वनाम कहते हैं यह इसकी एक बहुत ही छोटी परिभाषा है.नीचे हम आपको इसका एक उदाहरण बता रहे हैं ताकि आपको अच्छे से समझ में आए.

उदाहरण

जहां पर मैं, हम, तुम, वे, वह, यह ये, किसका, कौन, कैसे, कहां, किधर, किसे, स्वयं, खुद, अपने, आप, आदि शब्द जहां पर आते हैं. यह सभी शब्द सर्वनाम होते हैं. और इसके अलावा ऐसे और भी बहुत से शब्द है. जो सर्वनाम होते हैं. इन सभी में अलग-अलग भिन्नता होती है. यह सभी शब्द अलग अलग तरह से प्रयोग किए जाते हैं. इन सभी शब्दों का अलग-अलग काम होता है. जैसे –

1. मैं, हम  सर्वनाम को बात करने वाला अपने लिए प्रयोग करता है.

2.तुम और आप सर्वनाम को हम बात सुनने वाले के लिए प्रयोग करते हैं.

3. वह, यह, ये, वे इन सभी का प्रयोग जिसके बारे में बात की जाती उनके लिए प्रयोग किया जाता है. और किसी भी तरह की निश्चितता को प्रकट करने के लिए भी शब्दों का प्रयोग किया जाता है और यह सर्वनाम होते.

4.किसका, कौन, कहां, किधर, किसे आदि सर्वनाम के शब्दों का प्रयोग हम किसी से प्रश्न पूछने के लिए करते हैं.

5. स्वयं, खुद, अपने आप आदि सर्वनाम के शब्दों का प्रयोग कोई भी आदमी अपने खुद के लिए प्रयोग करता है.

इन सभी शब्दों के आधार पर हम जानेंगे कि सर्वनाम कितने प्रकार के होते हैं.

सर्वनाम कितने प्रकार के होते हैं (सर्वनाम के कितने भेद होते हैं?)

सर्वनाम मुख्य रूप से 6 प्रकार के होते हैं पुरुषवाचक सर्वनाम, निश्चयवाचक सर्वनाम, अनिश्चयवाचक सर्वनाम, प्रश्नवाचक सर्वनाम, संबंधवाचक सर्वनाम और निजवाचक सर्वनाम यह सभी छह प्रकार सर्वनाम के होते हैं. इन सभी के अलग-अलग पहचान होती है. वह इन सभी के अलग-अलग अर्थ होते हैं. इन सभी का अलग-अलग काम होता है. तो इन सभी के बारे में हम आपको नीचे पूरी और विस्तार से जानकारी बताएंगे आप इसको ध्यान लगाकर पढ़िए. तो सबसे पहले हम बात करते हैं. पुरुषवाचक सर्वनाम की तो देखिए.

1. पुरुषवाचक सर्वनाम

पुरुष वाचक शब्द वह शब्द होते हैं. जो बात करने वाला अपने खुद के लिए प्रयोग करता है. या बात सुनने वाले के लिए प्रयोग किया जाता है. या किसी के बारे में बात की जाती है. उसके बारे में जो शब्द प्रयोग किए जाते .हैं वह शब्द पुरुष वाचक सर्वनाम कहलाते हैं. इनमें अलग-अलग शब्द प्रयोग किए जाते हैं जैसे मैं , हम इन शब्दों को वक्ता अपने लिए प्रयोग करता है. अगर बात सुनने वाले के लिए कोई शब्द प्रयोग किया जाता है तो वहां पर तुम या आप शब्द का प्रयोग किया जाता है. और यदि किसी के बारे में बात की जा रही है तो उसके लिए वह, यह, ये, वे आदि शब्दों का प्रयोग किया जाता है. और इन तीनो शब्दों के आधार पर पुरुषवाचक सर्वनाम के तीन भेद होते हैं.

A. उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम – वक्ता बात करने के लिए जिन शब्दों का प्रयोग करता है जैसे :-
मैं, हम  ये शब्द पुरुषवाचक सर्वनाम कहलाते हैं.
मैं, वहां जाऊँगा
हम सब भारतवासी है

B. मध्यम पुरुषवाचक – जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग बात सुनने वाले के लिए किया जाता है जैसे
आप ,तुम तो यह सभी शब्द मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम के अंतर्गत आते है.
तू मेरा कहना मान नहीं तो पछताएगा
तुम बातें कम किया करो
आप जैसा चाहे, वैसा करे

C.अन्य पुरुषवाचक – जिन लोगों के बारे में बात की जाती है. क्या उत्तम पुरुष और मध्यम पुरुष से अलग जब भी किसी के बारे में बात की जाती है. तो उन जगह पर जिन शब्दों का प्रयोग किया जाता है वह शब्द अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम के अंतर्गत आते हैं.जहां पर इन तीनों प्रकार के शब्दों का प्रयोग करके वाक्य को बनाया जाता है वह पुरुषवाचक सर्वनाम कहलाता है.जैसे
वह अच्छा लड़का का है
वे सज्जन पुरुष है

2. निश्चयवाचक सर्वनाम

जब किसी संज्ञा के स्थान पर ऐसे शब्द का प्रयोग किया जाता है जिससे किसी वस्तु व्यक्ति या स्थान की निश्चितता का बोध हो उसे निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं. ऐसे आप को शायद कम समझ में आए नीचे हम आपको इसके कुछ उदाहरण बता रहे हैं जिससे आपको अच्छी तरह से समझने में मदद मिलेगी तो आप इस उदाहरण को अच्छी तरह से पढ़िए. जैसे

  • यह मेरी पुस्तक है.
  • वह मेरी पुस्तक है.
  • वे मेरी पुस्तकें है.
  • ये मेरी कॉपी है.
  • यह राम है वह श्याम है 
  • ये भारतवासी है वे प्रवासी है

यदि इन वाक्यों को हम ध्यान से देखते हैं तो आपको बहुत अच्छे से समझ में आ जाएगा निश्चयवाचक सर्वनाम क्या होते हैं. जैसे आप इन चारों वाक्य में देख सकते हैं. यह, वह ,वे, ये  भी इन 4 शब्दों का प्रयोग संज्ञा के स्थान पर किया गया है तो यह सभी शब्द निश्चितता बताने के साथ-साथ है वस्तुओं की तरफ इशारा भी कर रहे हैं. उनकी तरफ संकेत भी कर रहे हैं. हम इनको संकेतवाचक सर्वनाम भी कह सकते हैं.

जब कोई चीज पास में होती है. तो उसके लिए हम यह प्रयोग करते हैं. जब कोई वस्तु दूर होती है. तो उसके लिए हम वह का प्रयोग करते हैं. जब वस्तु एक से ज्यादा होती है. तो उसके लिए हम वे का प्रयोग करते हैं. लेकिन वे का प्रयोग तब किया जाता है. जब पुस्तक वस्तुएं एक से ज्यादा हो और दूर हो और जब एक से ज्यादा वस्तुएं हो और हमारे नजदीक हो पास में हो तो उस समय ये का प्रयोग किया जाता है.

लेकिन यहां पर आपको एक बात का बहुत ज्यादा ध्यान देना होगा कि यदि यह, वह ,वे, ये  के तुरंत बाद संज्ञा शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए आप हमारे उदाहरण को भी देख सकते हैं. कि हमने संज्ञा शब्दों का प्रयोग यह, वह ,वे, ये  के तुरंत बाद नहीं किया है. यदि इन के तुरंत बाद संज्ञा शब्दों का प्रयोग किया जाएगा. तो कभी – कभी यह शब्द उन संज्ञा शब्दों की विशेषताएं बताने लगते हैं. जिनके कारण यह सर्वनाम होते हुए भी विशेषण बन जाते हैं तो आप इन बातों का ध्यान जरूर रखें.

3.अनिश्चयवाचक सर्वनाम

जैसे आप इसके नाम से ही अंदाजा लगा सकते हैं. अनिश्चयवाचक सर्वनाम यानी निश्चयवाचक सर्वनाम का उल्टा क्योंकि निश्चयवाचक सर्वनाम में किसी व्यक्ति वस्तु स्थान आदि की निश्चितता का बोध होता है. लेकिन अनिश्चयवाचक सर्वनाम में किसी भी तरह की निश्चितता नहीं पाई जाती है. सिर्फ एक अंदाजा लगाया जाता है. और उसकी पूरी निश्चितता नहीं की जा सकती यानी जिन शब्दों का प्रयोग किसी व्यक्ति वस्तु आदि स्थान की अनिश्चितता दर्शाने के लिए किया जाता है उन शब्दों को अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं.जैसे

दरवाजे पर कोई खडा है

इस वाक्य में आप देख सकते हैं. कि किसी भी आदमी की निश्चितता प्रकट नहीं हो पा रही है. सिर्फ यही अंदाजा लगाया जा रहा है. कि बाहर दरवाजे पर कोई खडा है. तो यहां पर कोई शब्द संज्ञा के स्थान पर प्रयोग किया गया है. और साथ ही यह किसी ऐसे आदमी के लिए प्रयोग किया गया है. जिसके बारे में हम जानते नहीं हैं यानी हमें पता नहीं है कौन बाहर दरवाजे के ऊपर खड़ा है. हम सिर्फ अंदाजा लगा सकते हैं तो कोई शब्द अनिश्चयवाचक सर्वनाम के अंतर्गत आता है. तो इस शब्द को हम अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहेंगे यानी इस की निश्चितता प्रकट नहीं हो रही है.यह तो अनिश्चितता थी किसी व्यक्ति के लिए अब हम नीचे एक वस्तु की अनिश्चितता का उदाहरण देखेंगे

रमेश बाजार से कुछ लाया है

आप इस वाक्य में देख सकते हैं कि रमेश बाजार से कुछ लाया है लेकिन उसके बारे में पता नहीं है कि वह क्या लेकर आया है लेकिन कुछ लेकर जरूर आया है. तो उसके पास कुछ वस्तु जरूर है. लेकिन उसका पता नहीं है खिलौने भी हो सकते हैं. फल भी हो सकते हैं या कोई भी वस्तु हो सकती है. लेकिन उसकी निश्चितता हमें नहीं पता कि वह क्या चीज है. तो यहां पर कुछ शब्द भी अनिश्चयवाचक सर्वनाम के अंतर्गत आता है. इस तरह हम कुछ शब्द को भी अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहेंगे.

4. प्रश्नवाचक सर्वनाम

ऐसे शब्द जिनका प्रयोग हम संज्ञा के स्थान पर करके किसी दूसरे आदमी से या किसी दूसरी चीज के बारे में प्रश्न पूछने के लिए करते हैं. उन शब्दों को प्रश्नवाचक सर्वनाम कहते हैं. यानी जब किसी  हम व्यक्ति से किसी चीज के बारे में जानने की कोशिश करते हैं. या उससे पूछने की कोशिश करते हैं.तो उन वाक्य में संज्ञा के स्थान पर जिन शब्दों का प्रयोग होता है उनको प्रश्नवाचक सर्वनाम कहते हैं. जैसे  

बाहर कौन खड़ा है

तो आप इस वाक्य में देख सकते हैं. कि किसी से पूछा जा रहा है कि बाहर कौन खड़ा है. यानी बाहर कोई खड़ा है. उससे पूछा जा रहा है कि बाहर कौन है. किसी के बारे में जानने की कोशिश की जा रही है. उससे प्रश्न पूछा जा रहा है. कि बाहर कौन खड़ा है. यदि यह वाक्य होता बाहर कोई खड़ा है तो यह अनिश्चयवाचक सर्वनाम होता. क्योंकि हमें उसके बारे में पता नहीं है बाहर कौन खड़ा है. लेकिन अब हम यहां पर किसी से प्रश्न पूछ रहे हैं उसके बारे में जानने की कोशिश कर रहे हैं कि बाहर कौन खड़ा है. तो यह प्रश्नवाचक सर्वनाम कहलायेगा.यहां पर हम एक प्रश्न के माध्यम से कुछ संज्ञा के नाम को जानने की कोशिश कर रहे हैं. जो दरवाजे के ऊपर खड़ा है वह कोई भी हो सकता है.

तुम कहां से आए हो

आप इस वाक्य में देख सकते हैं. किसी से प्रश्न पूछा जा रहा है. कि   तुम कहां से आए हो यानी उस संज्ञा के बारे में जानने की कोशिश की जा रही है. जिस स्थान से वह आया है. तो यहां पर कहां शब्द प्रश्नवाचक सर्वनाम के अंतर्गत आता है.

तुम किसके साथ आए हो

इस वाक्य में किसी से प्रश्न करके पूछा जा रहा है. कि तुम किसके साथ आए हो यानी उस संज्ञा के बारे में पूछा जा रहा है. जिसके साथ वह आया है. और वह किसी आदमी के साथ आया है. तो यह प्रश्न के द्वारा पूछा जा रहा है. तो यहां पर किसके साथ प्रश्नवाचक सर्वनाम कहलाएगा. तो ऐसे और भी बहुत ऐसे शब्द होते हैं. जो प्रश्नवाचक सर्वनाम के अंतर्गत आते हैं.

5.संबंधवाचक सर्वनाम

ऐसे शब्द जिनका प्रयोग किसी वस्तु या व्यक्ति के साथ संबंध को दर्शाने या बताने के लिए संज्ञा के स्थान पर प्रयोग किया जाता है. शब्दों को संबंधवाचक सर्वनाम कहते हैं. यानी जब किसी वाक्य में किसी व्यक्ति, स्थान, वस्तु आदि के साथ संबंध की बात आती है. और उनकी जगह पर कोई भी सर्वनाम प्रयोग किया जाता है. तो शब्दों को संबंधवाचक सर्वनाम कहते हैं. और संबंध वाचक वाक्य में कुछ शब्द दूसरे शब्दों के साथ जोड़ने के लिए भी प्रयोग किया जाता है. जैसे

जैसी करनी वैसी भरनी

इस वाक्य में आप देख सकते हैं जैसी करनी वैसी भरनी यानी इसका शब्द इस वाक्य में जैसी ओर वैसी शब्द का आपस में संबंध है. तो यह संबंधवाचक सर्वनाम कहलाएगा.

जिसकी लाठी उसकी भैंस

तो आप इस वाक्य में देख सकते हैं जिसकी लाठी उसकी भैंस यानी लाठी का शब्द भैंस के साथ हैं जिसके पास लाठी होगी उसकी ही भैंस होगी. तो यहां पर जिसकी उसकी शब्द का प्रयोग करके संबंध दर्शाया गया है. तो यह संबंधवाचक सर्वनाम के अंतर्गत आता है.

यह वही लड़का है जो कल स्कूल नहीं आया था

इस वाक्य में जो और यह शब्द का प्रयोग करके आपस में लड़के और स्कूल का संबंध दर्शाया जा रहा है. तो यहां पर जो और यह शब्द संबंधवाचक सर्वनाम के अंतर्गत आते हैं.जहां पर जिसकी, उसकी, जिसने, उसने, जो, वह इस तरह के शब्द का प्रयोग हो तो वह संबंधवाचक सर्वनाम के अंतर्गत आते हैं.

6.निजवाचक सर्वनाम

जिन वाक्यों में वक्ता अपने खुद के लिए शब्दों का प्रयोग करता  है. यानी वक्ता किसी भी चीज को अपने आप के साथ दर्शाने के लिए या अपनी बताने के लिए जिन शब्दों का प्रयोग करता है उनको निजवाचक सर्वनाम कहते हैं. निज का मतलब खुद होता है. जैसे

मैं अपने जूते स्वयं साफ करता हूं

इस वाक्य मैं  और स्वयं शब्द का प्रयोग किया जा रहा है. वह दोनों शब्द का प्रयोग किसी संज्ञा को बताने के लिए नहीं किया जा रहा है. बल्कि वक्ता अपने खुद के लिए अपने खुद के अर्थ को दर्शाने के लिए इन दोनों शब्दों का प्रयोग कर रहा है. वैसे कई लोगो का मानना है. कि निजवाचक सर्वनाम पुरुषवाचक सर्वनाम के अंतर्गत आता है. लेकिन सभी हिंदी पुस्तक में इसको सर्वनाम का एक अलग भेद माना है. और इसलिए यह सर्वनाम का छठा भेद होता है. लेकिन कुछ हद तक पुरुषवाचक सर्वनाम से मिलता-जुलता होता है. यानी इस वाक्य में ही आप देख सकते हैं. मैं  शब्द पुरुषवाचक सर्वनाम के उत्तम पुरुष के अंतर्गत आते हैं.

वह अपने आप सारा काम कर लेगा

इस वाक्य में अपने आप शब्द का प्रयोग किया गया है और अपने आप शब्द का प्रयोग उस व्यक्ति के लिए किया गया है. जो काम करेगा तो अपने आप शब्द भी निजवाचक सर्वनाम के अंतर्गत आता है.अब आपको सर्वनाम और सर्वनाम के भेद अच्छे से समझ में आ गए होंगे.

तो आज हमने आपको इस पोस्ट में सर्वनाम किसे कहते हैं इसके कितने भेद होते हैं सर्वनाम के भेद सर्वनाम की परिभाषा सर्वनाम अभ्यास सर्वनाम के भेद उदाहरण सहित Sarvnam kise kahate hain? sarvnam ke bhed सर्वनाम शब्द के उदाहरण sarvanam in hindi pdf sarvanam in hindi chart सर्वनाम के प्रकार sarvanam ki paribhasha अनिश्चयवाचक सर्वनाम किसे कहते हैं सर्वनाम का पद परिचय सर्वनाम महत्वपूर्ण जानकारी दी है. तो यदि हमारे द्वारा बताई गई है जानकारी आपको पसंद आए तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करना ना भूलें और लोगों या उन बच्चों को ज्यादा से ज्यादा शेयर करने की कोशिश करें जो अभी पढ़ रहे हैं. तो यदि आपका इसके बारे में कोई सवाल या सुझाव हो तो नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करके हमसे पूछ सकते हैं.

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Sarvanam Kise Kahate Hain FAQ

प्रश्न: सर्वनाम किसे कहते हैं?  
उत्तर: संज्ञा के स्थान पर प्रयोग होने वाले शब्दों को सर्वनाम कहते हैं सर्वनाम शब्द का शाब्दिक अर्थ है सर्व+नाम अर्थात् सबके लिए नाम।
जैसे: मैं, तुम, वह, हम आप, यह, जो, कोई, कुछ, तुम्हारा, मेरा, उसका, जिसका आदि।

प्रश्न: सर्वनाम के कौन कौन से भेद होते हैं? (सर्वनाम के कितने भेद होते हैं?)

उत्तर: सर्वनाम मुख्य रूप से 6 प्रकार के होते हैं
पुरुषवाचक सर्वनाम,
निश्चयवाचक सर्वनाम,
अनिश्चयवाचक सर्वनाम,
प्रश्नवाचक सर्वनाम,
संबंधवाचक सर्वनाम
निजवाचक सर्वनाम

कोई आ रहा है वाक्य में कौन सा सर्वनाम है?
इस वाक्य में ‘कोई‘ शब्द एक अनिश्चयवाचक सर्वनाम है।

यह अच्छा लड़का है कौन सा सर्वनाम है?
निजवाचक

तुमने कौन सा सर्वनाम है?
पुरुषवाचक सर्वनाम

वह’ कौन सा सर्वनाम है?
निश्चयवाचक सर्वनाम

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10 Comments

  1. निश्चय वाचक अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम में भी यह वह त ये वे उदाहरण आते है तो कैसे अंतर कर सकते है हम

  2. बहुत ही अच्छी जानकारी शेयर किया है सर अपने
    संज्ञा किसे कहते है?संज्ञा के कितने भेद होते है?

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